मूली : पाठ -16

मूली

नानाजी ने बगीचे में मूली बोयी। मूली से नानाजी बोले, “उगो-उगो मूली। मज़बूत बनो और लंबी हो।” उग आयी मोटी और लंबी मूली। नानाजी गए …

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किसान: पाठ -15

किसान

नहीं हुआ है अभी सवेरा,पूरब की लाली पहचान,चिड़ियों के जगने से पहले,खाट छोड़ उठ गया किसान। खिला-पिलाकर बैलों को ले,करने चला खेत पर काम,नहीं कभी …

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बीज : पाठ -14

बीज

मुझे एक बीज मिला।मैंने उसको गमले में डाला।मैंने उसे पानी दिया और बहुत सारी धूप।क्या यह पेड़ है?क्या यह झाड़ी है?क्या इसमें फूल होंगे?क्या इसमें …

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तालाब : पाठ -13

तालाब

इस तालाब का नाम छोटा तालाब है। यहाँ तुम्हें कई लोग दिखेंगे – केंचुए, साँप, केकड़े, मेंढक, कनखजूरे, दो कछुए और उनके साथ बच्चे…। मछलियाँ …

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तोसिया का सपना : पाठ -12

तोसिया का सपना

एक दिन तोसिया ने सपना देखा। तोसिया बहुत सपने देखती है। वह उठकर सपनों के बारे में बात भी करती है। तोसिया को सपना आया …

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बैंगनी जोजो : पाठ -11

बैंगनी जोजो

जोजो एक सफ़ेद कुत्ता था।वह एक पेड़ के नीचे सो रहा था।“घर्र! स्स्स्स ! घर्र! स्स्स्स!” वह जग गया। “भौं भौं!किसने दिए मुझे बैंगनी धब्बे?” …

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कौन : पाठ-10

कौन

अगर न होता चाँद, रात में,हमको दिशा दिखाता कौन?अगर न होता सूरज, दिन को,सोने-सा चमकाता कौन? अगर न होती निर्मल नदियाँ,जग की प्यास बुझाता कौन? …

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दुनिया रंग-बिरंगी: पाठ -9

दुनिया रंग-बिरंगी

नीला! जैसे खुला आकाश है,सागर का नीला पानी है,मोर के सुंदर पंख हैं,और पेड़ पर बैठे पंछी हैं। पीला! जैसे चमचमाता सूरज है,पका आम और …

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तीन दोस्त: पाठ -8

तीन दोस्त

बात पुरानी है।तब बस तीन ही रंग थे।लाल, पीला और नीला! लाल रहता था हर लज़ीज़ वस्तु में,जैसे टमाटर, सेब, चेरी और आलूबुखारे। पीले ने …

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टिल्लू जी : पाठ -7

टिल्लू जी

टिल्लू जी स्कूल गए,बस्ता घर पर भूल गए। रस्ते भर थे डरे-डरे,पहुँचे गेट पर अरे अरे। छुट्टी का नोटिस चिपका,देख खुशी से फूल गए। दोनों …

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