वृद्धि तथा अनुक्रिया
पौधों में वृद्धि, आकार एवं आयतन का चिरस्थायी (irreversible = permanent) वर्धन है जिसके साथ-साथ प्रायः शुष्क भार का तथा जीवद्रव्य (protoplasm) का भी वर्धन …
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पौधों में वृद्धि, आकार एवं आयतन का चिरस्थायी (irreversible = permanent) वर्धन है जिसके साथ-साथ प्रायः शुष्क भार का तथा जीवद्रव्य (protoplasm) का भी वर्धन …
सभी जीवधारियों को चाहे वह पौधा हो या सूक्ष्मजीवी या जन्तु, अपनी क्रियाशीलता (वृद्धि, गति, जल एवं खनिज पदार्थों का अवशोषण, इत्यादि) के लिए ऊर्जा …
जन्तुओं की भाँति पौधों को भी भोजन की आवश्यकता होती है। हरी पत्तियों वाले पौधे अपने भोजन स्वयं बनाते हैं। कुछ पौधे ऐसे होते हैं …
“हरे पौधों की कोशिकाओं में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाई आक्साइड (CO₂) एवं जल (H₂O) के संयोग से कार्बन युक्त यौगिकों (कार्बोहाइड्रेट्स …
विसरण (Diffusion) “गैसों, द्रवों तथा विलेयों (solutes) आदि पदार्थों के स्वतन्त्र अणुओं का अधिक सान्द्रता (concentration) वाले क्षेत्र से कम सान्द्रता वाले क्षेत्र की ओर …
पादप शरीर-क्रिया विज्ञान वनस्पति-विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पौधों की विभिन्न जैविक-क्रियाओं (vital activities) का अध्ययन किया जाता है। जैविक-क्रियाएँ (vital activities) क्या हैं? …
पौधों के जनन अंग (Reproductive Organs of plant) पादप भ्रूण विज्ञान का सम्बन्ध पौधे के लैंगिक-चक्र (sexual cycle) से है। आवृतबीजी (Angiospermae) पौधों में पुष्प …
आवृतबीजियों की आकारिकी आकारिकी (Morphology) का सम्बन्ध शारीरिक आकार के अध्ययन से हैं। पौधों के विभिन्न अंगों जैसे, जड़ों, तनों, पत्तियों, पुष्पों, फलों व बीजों …
उपजगत-एम्ब्रियोफाइटा इन पौधों में लैंगिक अंग बहुकोशिकीय होते हैं और एक बन्ध्य आवरण से घिरे रहते हैं। इनका बहुकोशिकीय भ्रूण मादा जनन अंग में विकसित …
कवक (Fungi) वनस्पति विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत कवकों का अध्ययन करते हैं, कवक विज्ञान (Mycology) कहलाती है (नयी विचारधारा के अनुसार कवक-विज्ञान को …