सबसे पहले मेरे घर का
अंडे जैसा था आकार
तब मैं यही समझती थी
बस इतना-सा ही है संसार।

फिर मेरा घर बना घोंसला
सूखे तिनकों से तैयार
तब मैं यही समझती थी
बस इतना-सा ही है संसार।

फिर मैं निकल गई शाखों पर
हरी-भरी थीं जो सुकुमार
तब मैं यही समझती थी
बस इतना-सा ही है संसार।

आखिर जब मैं आसमान में
उड़ी दूर तक पंख पसार
तभी समझ में मेरी आया
बहुत बड़ा है यह संसार।

बातचीत के लिए
1. पशु-पक्षियों के लिए घर आवश्यक है या नहीं? कारण भी बताइए।
Ans. हाँ, पशु-पक्षियों के लिए घर आवश्यक है क्योंकि घर उन्हें सुरक्षा देता है। वहाँ वे अपने अंडे देते हैं, बच्चों की देखभाल करते हैं और मौसम की मार से बचते हैं।
2. आपके परिवार के सदस्य घर से बाहर क्यों जाते हैं?
Ans. मेरे परिवार के सदस्य पढ़ाई, नौकरी, व्यापार या जरूरी कामों के लिए घर से बाहर जाते हैं।
3. जब परिवार के सदस्य बाहर जाते हैं या बाहर से आते हैं तो आपको कैसा लगता है और क्यों?
Ans. जब वे बाहर जाते हैं तो मुझे दुख होता है क्योंकि मैं उन्हें याद करता/करती हूँ। जब वे वापस आते हैं तो बहुत खुशी होती है क्योंकि पूरा परिवार फिर से साथ होता है।
4. जब कोई अतिथि आपके घर आता है या आप किसी संबंधी के यहाँ जाते हैं तो आपको कैसा लगता है?
Ans. जब कोई अतिथि हमारे घर आता है या हम किसी के घर जाते हैं, तो मुझे बहुत अच्छा लगता है क्योंकि हम बातें करते हैं, साथ समय बिताते हैं और आपसी प्रेम बढ़ता है।
5. क्या आपको लगता है कि पक्षियों की तरह हम भी धीरे-धीरे बड़े होते हैं और फिर उनकी तरह ही संसार देखते हैं? अपने अनुभव साझा कीजिए।
Ans. हाँ, बिलकुल। जब हम छोटे होते हैं, तो हमें अपने घर और आसपास की चीज़ें ही दुनिया लगती हैं।
लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, स्कूल जाते हैं, नए लोगों और जगहों को देखते हैं, तब हमें समझ आता है कि संसार बहुत बड़ा और सुंदर है।
कविता की बात
1. नीचे दिए गए प्रश्नों में चार विकल्प दिए गए हैं। प्रश्नों के उत्तर में एक से अधिक विकल्प सही हो सकते हैं-
क. घोंसले से संबंधित उपयुक्त वाक्य को चिह्नित कीजिए-
• घोंसला पक्षियों का घर होता है। ✓
• घोंसला सूखे तिनकों से बनाया जाता है। ✓
• पक्षियों का घोंसला केवल पेड़ों पर होता है। ✓
• कुछ पक्षियों का घोंसला हमारे घरों में भी होता है। ✓
ख. कविता में ‘अंडे जैसा था आकार’ का प्रयोग निम्नलिखित में से किसके लिए किया गया है-

Ans. घर

ग. ‘तब मैं यही समझती थी
बस इतना-सा ही है संसार’
इन पंक्तियों में ‘इतना-सा’ का अर्थ है-
• बहुत छोटा ✓ • बहुत बड़ा
• बहुत लंबा • रंग-बिरंगा
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