चींटी : पाठ -2

हर पल चलती जाती चींटी,
श्रम का राग सुनाती चींटी।

कड़ी धूप हो या हो वर्षा,
दाना चुनकर लाती चींटी।

सचमुच कैसी कलाकार है,
घर को खूब सजाती चींटी।

छोटा तन, पर बड़े इरादे,
नहीं कभी घबराती चींटी।

नन्हे-नन्हे पैर बढ़ाकर,
पर्वत पर चढ़ जाती चींटी।

काम बड़े करके दिखलाती,
जहाँ कहीं अड़ जाती चींटी।

मेहनत ही पूजा है प्रभु की,
हमको यही सिखाती चींटी।

यह भी पढ़ें: सीखो : पाठ -1

बातचीत के लिए

1. आपने अपने आस-पास, घर और विद्यालय में कौन-कौन से जीव-जंतु देखे हैं?
Ans.
मैंने अपने आस-पास बिल्ली, कुत्ता, गाय, कबूतर, चिड़िया, गिलहरी, तितली और चींटी देखे हैं।

2. आपने सबसे छोटा कौन-सा कीट देखा और कहाँ देखा है?
Ans.
सबसे छोटा कीट मैंने मच्छर और मक्खी देखी है, जो अक्सर घर में दिखाई देते हैं।

3. आपने चींटी के अतिरिक्त और कौन-कौन से श्रम करने वाले जीव देखे हैं?
Ans.
मैंने मधुमक्खी को फूलों से पराग और रस लाते देखा है। मकड़ी को जाला बुनते हुए देखा है। यह सब भी परिश्रम करने वाले जीव हैं।

4. नन्ही चींटी के बारे में अपना कोई अनुभव बताइए।
Ans.
एक बार मैंने देखा कि चींटियाँ मिलकर बड़े से बड़े टुकड़े को उठाकर अपने बिल तक ले जा रही थीं। वे कतार बनाकर चल रही थीं और कभी हार नहीं मान रही थीं। इससे मुझे मेहनत और एकता का सबक मिला।

कविता से आगे

1. नीचे कुछ वस्तुओं के चित्र बने हैं। बताइए, चींटियाँ किसे चाहेंगी? उस पर © का चिह्न बनाइए –

Ans.

2. निम्नलिखित पंक्तियों को पूरा कीजिए –

(क) घर को – खूब सजाती चींटी।

(ख) पर्वत पर – चढ़ जाती चींटी।

(ग) दाना चुनकर – लाती चींटी।

(घ) श्रम का राग – सुनाती चींटी।

3. कविता के अनुसार चींटी हमको क्या-क्या करना सिखाती है? लिखकर बताइए –

Ans. कविता के अनुसार चींटी हमें कई अच्छी बातें सिखाती है।
• हर परिस्थिति में मेहनत करते रहना।

• कठिनाइयों से कभी न घबराना।

• छोटे से तन से भी बड़े काम करना।

• धैर्य और परिश्रम से लक्ष्य प्राप्त करना।

• मेहनत को ही भगवान की पूजा मानना।

यानी चींटी हमें परिश्रम, साहस, धैर्य, लगन और न घबराने की सीख देती है।

चींटी और हाथी की छुपन-छुपाई

चींटी और हाथी छुपन-छुपाई खेल रहे हैं। चींटी को एकदम पता चल जाता है कि हाथी कहाँ छपा है। हाथी का शरीर बड़ा है न!

जब चींटी एक मंदिर के भीतर छिपती है तो हाथी भी उसे एकदम ढूँढ़ लेता है। बताइए, हाथी को कैसे पता चला कि चींटी मंदिर में छिपी है?

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

1 thought on “चींटी : पाठ -2”

Leave a Comment