भोर और बरखा :  अध्याय 12

जागो बंसीवारे ललना!
जागो मोरे प्यारे!
रजनी बीती, भोर भयो है, घर-घर खुले किंवारे।
गोपी दही मथत, सुनियत हैं कंगना के झनकारे।।
उठो लालजी! भोर भयो है, सुर-नर ठाढ़े द्वारे।
ग्वाल-बाल सब करत कुलाहल, जय-जय सबद उचारै ।।
माखन-रोटी हाथ मुँह लीनी, गउवन के रखवारे।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, सरण आयाँ को तारै ।।

बरसे बदरिया सावन की।
सावन की, मन-भावन की।।
सावन में उमग्यो मेरो मनवा, भनक सुनी हरि आवन की।
उमड़-घुमड़ चहुँदिस से आया, दामिन दमकै झर लावन की ।।
नन्हीं-नन्हीं बूँदन मेहा बरसे, शीतल पवन सुहावन की।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर! आनंद-मंगल गावन की।।

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प्रश्न-अभ्यास

कविता से

1. ‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’, कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती है और वे कौन-कौन सी बातें कहती है?
Ans
. बंसीवारे ललना’ ‘मोरे प्यारे’ व ‘लाल जी’ कहते हुए यशोदा श्रीकृष्ण को जगाने का प्रयास कर रही हैं। वह उनसे कहती हैं कि मेरे लाल जागो, रात बीत गई है, सुबह हो गई है। सबके घरों के दरवाजे खुल गए हैं। गोपियाँ दही बिलो रही हैं। और तुम्हारे खाने के लिए मनभावन मक्खन निकाल रही हैं। तुम्हें जगाने के लिए सभी देव और मानव खड़े हैं जो तुम्हारे दर्शनों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। तुम्हारे सखा, ग्वाल-बाल तुम्हारी जय-जयकार कर रहे हैं। अतः तुम अब उठ जाओ।

2. नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए- ‘माखन-रोटी हाथ मुँह लीनी, गउवन के रखवारे।’
Ans.
गायों की रखवाली करने वाले तुम्हारे मित्र ग्वालवालों ने रोटी और मक्खन लिया हुआ है। वे तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहे हैं। हे कृष्ण उठो और जाओ।

3. पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।
Ans.
ब्रज में भोर होते ही ग्वालनें घर-घर में दही बिलौने लगती हैं, उनकी चूड़ियों की मधुर झंकार वातावरण में गूंजने लगती है, घर-घर में मंगलाचार होता है, ग्वाल-बाल गौओं को चराने के लिए वन में जाने की तैयारी करते हैं।

4. मीरा को सावन मनभावन क्यों लगने लगा?
Ans.
मीरा को सावन मनभावन इसलिए लगने लगा, क्योंकि सावन की फुहारें में मन में उमंग जगाने लगती हैं तथा श्रीकृष्ण के आने का आभास हो गया।

5. पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए।
Ans.
सावन के आते ही बादल चारों दिशाओं में उमड़-घुमड़कर विचरण करने लगते हैं। बिजली चमकने लगती है, वर्षा की नन्हीं-नन्हीं बूंदे बरसती हैं। शीतल हवाएँ बहने लगती हैं और मौसम सुहावने लगने लगते हैं।

कविता से आगे

1. मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
Ans.
कबीरदास – बीजक
सूरदास – सूरसागर
तुलसीदास – रामचरितमानस
जायसी – पद्मावत

2. सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा ऋतु से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए।
Ans.
‘सावन’ वर्षा ऋतु का विशेष महीना माना जाता है लेकिन सावन से पहले के महीने आषाढ़ वे सावन के बाद के महीने भादों में भी कई बार वर्षा हो जाती है।

अनुमान और कल्पना

1. सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है?
Ans.
सुबह जगने के समय मुझे अच्छा लगता है कि मेरी माँ मेरे सामने हो।

2. यदि आपको अपने छोटे भाई-बहन को जगाना पड़े, तो कैसे जगाएँगे?
Ans
. यदि हमें छोटे भाई-बहन को जगाना पड़े तो प्यार से उनके सिर और बालों को सहलाते हुए जगाएँगे।

3. वर्षा में भीगना और खेलना आपको कैसा लगता है?
Ans.
वर्षा में भींगना और खेतना मुझे बहुत अच्छा लगता है।

4. मीरा बाई ने सुबह का चित्र खींचा है। अपनी कल्पना और अनुमान से लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है-

(क) गाँव, गली या मुहल्ले में

(ख) रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर

(ग) नदी या समुद्र के किनारे

(घ) पहाड़ों पर

Ans.
(क) गाँवों में लोगों की चहल-पहल शुरू हो जाती है। गाँव में गायें रंभाने लगती हैं, पक्षी चहचहाने लगते हैं। कुछ लोग सुबह-सुबह मंदिर जाने लगते हैं, कई सैर पर जाते हैं। किसान हल लेकर खेतों पर जाने को तैयार हो जाते हैं।

(ख) रेलवे प्लेटफार्म पर सुबह-सुबह गाड़ी पकड़ने रेल का इंतजार करते दिखाई देते हैं। रेलवे स्टेशन पर गाड़ियों का आवागमन होने लगता है। सवारियाँ उतरती चढ़ती रहती हैं, प्लेटफॉर्म पर सफाई कर्मचारी झाड़ लगाते दिखाई देते हैं।

(ग) नदी या समुद्र के किनारे सुबह का वातावरण बिलकुल शांत होता है। उनमें जल थीमी गति से प्रवाहित होता रहता है। कुछ लोग सैर करते हुए दिखाई देते हैं।

(घ) पहाड़ों पर प्रातः लुभावनी लगती है। उगते हुए सूरज की किरणे अत्यंत मनोरम दृश्य उपस्थित करती हैं। मंद मंद हवाएँ यहाँ चलती रहती हैं।

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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