जैसा कि आप पहले अध्याय में पढ़ चुके हैं कि पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन है। मानव यहाँ जीवित रह सकता है, क्योंकि जीवन के लिए आवश्यक तत्त्व भूमि, जल तथा हवा पृथ्वी पर मौजूद हैं
पृथ्वी की सतह ऐसी है जिसमें पर्यावरण के तीन महत्त्वपूर्ण घटक आपस में मिलते हैं तथा एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। पृथ्वी का ठोस भाग जिस पर हम रहते हैं उसे भूमंडल कहा जाता है। गैस की परतें, जो पृथ्वी को चारों ओर से घेरती हैं उसे वायुमंडल कहा जाता है, जहाँ ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा दूसरी गैसें पाई जाती हैं। पृथ्वी के बहुत बड़े भाग पर जल पाया जाता है जिसे जलमंडल कहा जाता है। जलमंडल में जल की सभी अवस्थाएँ; जैसे- बर्फ, जल एवं जलवाष्प सम्मिलित हैं।
जीवमंडल एक सीमित क्षेत्र है, जहाँ स्थल, जल एवं हवा एक साथ मिलते हैं, जहाँ सभी प्रकार के जीवन पाए जाते हैं।
भूमंडल
पृथ्वी के ठोस भाग को भूमंडल कहा जाता है। यह भूपर्पटी की चट्टानों तथा मिट्टी की पतली परतों का बना होता है जिसमें जीवों के लिए पोषक तत्त्व पाए जाते हैं।
पृथ्वी की सतह को दो मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है। बड़े स्थलीय भूभागों को महाद्वीपों के नाम से जाना जाता है तथा बड़े जलाशयों को महासागरीय बेसिन के नाम से जाना जाता है। विश्व के सभी महासागर आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। चित्र 5.1 में विश्व के मानचित्र को देखिए। क्या सभी स्थलीय भूभाग एक दूसरे से आपस में जुड़े हुए हैं?
समुद्री जल का तल सभी जगह समान होता है। स्थल की ऊँचाई को समुद्र तल से मापा जाता है। जिसे शून्य माना जाता है।
विश्व का सबसे ऊँचा शिखर माउंट एवरेस्ट समुद्र तल से 8,848 मीटर ऊँचा है। विश्व का सबसे गहरा भाग प्रशांत महासागर का मेरियाना गर्त है, जिसकी गहराई 11,022 मीटर है। क्या आपने कभी कल्पना की है कि समुद्र की गहराई पृथ्वी के सबसे ऊँचे भाग से इतनी अधिक भी हो सकती है?
महाद्वीप
पृथ्वी पर सात प्रमुख महाद्वीप हैं। ये विस्तृत जलराशि के द्वारा एक दूसरे से अलग हैं। ये महाद्वीप हैं- एशिया, यूरोप, अफ्रीका, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, आस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका। चित्र 5.1 में विश्व के मानचित्र को देखिए तथा ध्यान दीजिए कि स्थल का बहुत बड़ा भाग उत्तरी गोलार्ध में पाया जाता है।
एशिया विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल के एक तिहाई भाग में फैला है। यह महाद्वीप पूर्वी गोलार्ध में स्थित है। कर्क रेखा इस महाद्वीप से होकर गुज़रती है। एशिया के पश्चिम में यूराल पर्वत है जो इसे यूरोप से अलग करता है (चित्र 5.1)। यूरोप एवं एशिया के संयुक्त भूभाग को यूरेशिया (यूरोप + एशिया) कहा जाता है।
यूरोप एशिया से बहुत छोटा है। यह महाद्वीप एशिया के पश्चिम में स्थित है। आर्कटिक वृत्त इससे होकर गुज्जरता है। यह तीन तरफ से जल से घिरा है। विश्व के मानचित्र को देखिए एवं इसकी स्थिति का पता लगाइए।
अफ्रीका एशिया के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। विषुवत् वृत्त या 0° अक्षांश इस महाद्वीप के लगभग मध्य भाग से होकर गुजरती है। अफ्रीका का बहुत बड़ा भाग उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। चित्र 5.1 को देखिए, आप पाएँगे कि यही एक ऐसा महाद्वीप है जिससे होकर कर्क, विषुवत् तथा मकर, तीनों रेखाएँ गुजरती हैं।
सहारा का रेगिस्तान विश्व का सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान है जो कि अफ्रीका में स्थित है। यह महाद्वीप चारों तरफ से समुद्रों एवं महासागरों से घिरा है। चित्र 5.1 में विश्व के मानचित्र को देखिए। आप देखेंगे कि विश्व की सबसे लंबी नदी नील अफ्रीका से होकर गुजरती है। अफ्रीका का मानचित्र देखिए तथा बताइए कि कर्क रेखा, मकर रेखा तथा विषुवत् वृत्त इसके किन-किन भागों से होकर गुजरती हैं।
उत्तर अमेरिका विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह दक्षिण अमेरिका से एक संकरे स्थल से जुड़ा है जिसे पनामा स्थलसंधि कहा जाता है। यह महाद्वीप पूरी तरह से उत्तरी एवं पश्चिमी गोलार्ध में स्थित है। यह महाद्वीप तीन महासागरों से घिरा है। क्या आप इन महासागरों के नाम बता सकते हैं?
दक्षिण अमेरिका का अधिकांश भाग दक्षिणी गोलार्ध में स्थित है। इसके पूर्व एवं पश्चिम में कौन से दो महासागर स्थित हैं? विश्व की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला एंडीज़ इसके उत्तर से दक्षिण की ओर फैली है (चित्र 5.1)। दक्षिण अमेरिका में विश्व की सबसे बड़ी नदी अमेज़न बहती है।
आस्ट्रेलिया विश्व का सबसे दक्षिणी गोलार्ध में स्थित है। यह से घिरा है। इसे द्वीपीय महाद्वीप छोटा महाद्वीप है, जो कि पूरी तरह से चारों तरफ से महासागरों कहा जाता है। सागरों तथा समुद्रों
अंटार्कटिका एक बहुत बड़ा महाद्वीप है, जो कि दक्षिणी गोलार्ध में स्थित है। दक्षिण ध्रुव इस महाद्वीप के मध्य में स्थित है। चूँकि, यह दक्षिण ध्रुव क्षेत्र में स्थित है, इसलिए यह हमेशा मोटी बर्फ की परतों से ढका रहता है। यहाँ किसी भी प्रकार का स्थायी मानव निवास नहीं है। बहुत से देशों के शोध केंद्र यहाँ स्थित हैं। भारत के भी शोध संस्थान यहाँ हैं। इनके नाम हैं मैत्री तथा भारती।
जलमंडल
पृथ्वी को नीला ग्रह कहा जाता है। पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग जल तथा 29 प्रतिशत भाग स्थल है। जलमंडल में जल के सभी रूप उपस्थित हैं। इसमें महासागर एवं नदियाँ, झीलें, हिमनदियाँ, भूमिगत जल तथा वायुमंडल की जलवाष्प सभी सम्मिलित हैं।
पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल का 97 प्रतिशत से अधिक भाग महासागरों में पाया जाता है एवं वह इतना अधिक खारा होता है कि मानव के उपयोग में नहीं आ सकता है। शेष जल का बहुत बड़ा भाग बर्फ की परतों एवं हिमनदियों तथा भूमिगत जल के रूप में पाया जाता है। जल का बहुत कम भाग अलवण जल के रूप में पाया जाता है, जो मनुष्य के इस्तेमाल में आता है। यही कारण है कि नीले ग्रह में रहने के बावजूद हम पानी की कमी महसूस करते हैं।
महासागर
महासागर जलमंडल के मुख्य भाग हैं। ये आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
महासागरीय जल हमेशा गतिशील रहता है। तरंगें, ज्वार-भाटा तथा महासागरीय धाराएँ महासागरीय जल की तीन मुख्य गतियाँ हैं। बड़े से छोटे आकार के आधार पर क्रमशः पांच महासागर प्रमुख हैं- प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, दक्षिणी महासागर तथा आर्कटिक महासागर (चित्र 5.1)1
प्रशांत महासागर सबसे बड़ा महासागर है। यह पृथ्वी के एक-तिहाई भाग पर फैला है। पृथ्वी का सबसे गहरा भाग मेरियाना गर्त प्रशांत महासागर में ही स्थित है। प्रशांत महासागर लगभग वृत्ताकार है। एशिया, – आस्ट्रेलिया, उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका इसके चारों ओर स्थित हैं। चित्र 5.1 को देखिए तथा प्रशांत महासागर के चारों ओर इन महाद्वीपों की स्थिति का पता लगाइए।
अटलांटिक महासागर विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महासागर है। यह अंग्रेजी भाषा के S अक्षर के आकार का है। इसके पश्चिमी किनारे पर उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका हैं तथा पूर्वी किनारे पर यूरोप एवं अफ्रीका। अटलांटिक महासागर की तट रेखा बहुत अधिक दंतुरित है। यह अनियमित एवं दंतुरित तट रेखा प्राकृतिक पोताश्रयों एवं पत्तनों के लिए आदर्श स्थिति है। व्यापार की दृष्टि से यह सबसे व्यस्त महासागर है।
हिंद महासागर ही एक ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम पर, यानी भारत के नाम पर रखा गया है। यह महासागर लगभग त्रिभुजाकार है। इसके उत्तर में एशिया, पश्चिम में अफ्रीका तथा पूर्व में आस्ट्रेलिया स्थित हैं।
दक्षिणी महासागर अण्टार्कटिका महाद्वीप को चारों ओर से घेरता है। यह अण्टार्कटिका महाद्वीप से उत्तर की ओर 60° दक्षिणी अक्षांश तक फैला हुआ है।
आर्कटिक महासागर उत्तर ध्रुव वृत्त में स्थित है तथा यह उत्तर ध्रुव के चारों ओर फैला है। यह प्रशांत महासागर से छिछले जल वाले एक सँकरे भाग से जुड़ा है जिसे बेरिंग जलसंधि के नाम से जाना जाता है। यह उत्तर अमेरिका के उत्तरी तटों तथा यूरेशिया से घिरा है।
वायुमंडल
हमारी पृथ्वी चारों ओर से गैस की एक परत से घिरी हुई है, जिसे वायुमंडल कहा जाता है। वायु की यह पतली परत इस ग्रह का महत्त्वपूर्ण एवं अटूट भाग है। यह हमें ऐसी वायु प्रदान करती है जिससे हम लोग साँस लेते हैं। यह वायुमंडल हम लोगों को सूर्य की कुछ हानिकारक किरणों से बचाता है।
वायुमंडल 1,600 किमी. की ऊँचाई तक फैला है। वायुमंडल को उसके घटकों, तापमान तथा अन्य के आधार पर पाँच परतों में बाँटा जाता है। इन परतों को पृथ्वी की सतह से शुरू करते हुए क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, आयनमंडल तथा बहिर्मंडल कहा जाता है।
वायुमंडल मुख्यतः ऑक्सीजन एवं नाइट्रोजन का बना है जो कि साफ तथा शुष्क हवा का 99 प्रतिशत भाग है। आयतन के अनुसार नाइट्रोजन 78 प्रतिशत, ऑक्सीजन 21 प्रतिशत तथा दूसरी गैसें; जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड, ऑर्गन इत्यादि की मात्रा 1 प्रतिशत है। ऑक्सीजन साँस लेने के लिए आवश्यक है, जबकि नाइट्रोजन प्राणियों की वृद्धि के लिए आवश्यक है। कार्बन डाइऑक्साइड यद्यपि बहुत कम मात्रा में है, लेकिन यह पृथ्वी के द्वारा छोड़ी गई ऊष्मा को अवशोषित करती है, जिससे पृथ्वी गर्म रहती है। यह पौधों की वृद्धि के लिए भी आवश्यक है।
ऊँचाई के साथ वायुमंडल के घनत्व में भिन्नता आती है। यह घनत्व समुद्री तल पर सबसे अधिक होता है तथा जैसे-जैसे हम ऊपर की ओर जाते हैं यह तेजी के साथ घटता जाता है। आप जानते हैं कि पहाड़ों पर पर्वतारोहियों को हवा के घनत्व में कमी होने के कारण साँस लेने में कठिनाई होती है। ऊँचाई पर साँस लेने के लिए उन्हें अपने साथ ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर जाना पड़ता है। जैसे-जैसे हम. ऊपर की ओर जाते हैं तापमान भी घटता जाता है। वायुमंडल पृथ्वी पर दबाव डालता है। यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर अलग-अलग होता है। कुछ क्षेत्रों में हमें अधिक दाब महसूस होता है, जबकि कुछ क्षेत्रों में कम। वायु उच्च दाब से निम्न दाब की ओर बहती है। गतिशील वायु को पवन कहा जाता है।
जीवमंडल
जीवमंडल स्थल, जल तथा हवा के बीच का एक सीमित भाग है। यह वह भाग है जहाँ जीवन मौजूद है। यहाँ जीवों की बहुत सी प्रजातियाँ हैं, जो कि सूक्ष्म जीवों तथा बैक्टीरिया से लेकर बड़े स्तनधारियों के आकार में पाई जाती हैं। मनुष्य सहित सभी प्राणी, जीवित रहने के लिए एक-दूसरे से तथा जीवमंडल से जुड़े हुए हैं।
जीवमंडल के प्राणियों को मुख्यतः दो भागों-जंतु जगत एवं पादप-जगत में विभक्त किया जा सकता है। पृथ्वी के ये तीनों परिमंडल आपस में पारस्परिक क्रिया करते हैं तथा एक दूसरे को किसी न किसी रूप में प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, लकड़ी तथा खेती के लिए वनों को काटा जाए तो इससे ढलुआ भाग पर मिट्टी का कटाव तेज़ी से होने लगता है। इसी प्रकार, प्राकृतिक आपदाएँ जैसे भूकंप से पृथ्वी की सतह में परिवर्तन हो जाता है। हाल ही में, सुनामी के कारण अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूहों का कुछ भाग पानी में डूब गया। झीलों तथा नदियों में दूषित पदार्थों के प्रवाहित होने से उनका जल मानव के इस्तेमाल के लायक नहीं रह जाता है। यह जल दूसरे जीवों को भी नुकसान पहुँचाता है।
उद्योगों, तापीय विद्युत संयंत्रों तथा गाड़ियों का उत्सर्जी पदार्थ वायु को प्रदूषित करता है। कार्बन डाइऑक्साइड वायु का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। लेकिन कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि के कारण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हो रही है। इसे भूमंडलीय तापन कहा जाता है। इसलिए भूमंडल, वायुमंडल तथा जलमंडल के बीच के प्रााकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए पृथ्वी के संसाधनों के सीमित उपयोग की आवश्यकता है।
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अभ्यास
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।
(i) पृथ्वी के चार प्रमुख परिमंडल कौन-कौन से हैं?
Ans. पृथ्वी के चार प्रमुख परिमंडल है: भूमंडल, जलमंडल, वायुमंडल तथा जीवमंडल।
(ii) पृथ्वी के प्रमुख महाद्वीपों के नाम लिखिए।
Ans. पृथ्वी पर सात प्रमुख महाद्वीप है। यह विस्तृत जल राशि के द्वारा एक दूसरे से अलग है। यह महाद्वीप है: एशिया, यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, आस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका।
(iii) दो महाद्वीपों के नाम लिखिए, जो पूरी तरह से दक्षिणी गोलार्ध में स्थित हो।
Ans. आस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका महाद्वीप जो की पूरी तरह से दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है।
(iv) वायुमंडल की विभिन्न परतों के नाम लिखिए।
Ans. वायुमंडल की विभिन्न परतों का नाम पृथ्वी की सतह से शुरु करते हुए क्षोभ मंडल, समताप मंडल, मध्य मंडल, आयन मंडल तथा बहिर्मण्डल है।
(v) पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहा जाता है?
Ans. पृथ्वी को नीला ग्रह कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग पर जल तथा 29 प्रतिशत भाग पर स्थल है। जलमंडल में जल के सभी रूप उपस्थित है। इसमें महासागर एवं नदियाँ, झीलें, हिमनदियाँ, भूमिगत जल तथा वायुमंडल के जलवाष्प सभी सम्मिलित हैं। इसीलिए पृथ्वी को अंतरिक्ष से देखने पर नीला दिखाई पड़ती है
(vi) उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध क्यों कहा जाता है?
Ans. उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध कहा जाता है क्योंकि स्थल का बहुत बड़ा भाग उत्तरी गोलार्ध में पाया जाता है।
(vii) जीवित प्राणियों के लिए जीवमंडल क्यों महत्त्वपूर्ण है?
Ans. जीवमंडल स्थल, जल तथा हवा के बीच का एक सीमित भाग है। यह वह भाग है जहाँ जीवन मौजूद है। यहाँ जीवों की बहुत सी प्रजातियाँ है जो कि सूक्ष्मजीवों तथा बैक्टीरिया से लेकर बड़े स्तनधारियों के आकार में पाई जाती है। मनुष्य सहित सभी प्राणी, जीवित रहने के लिए एक-दूसरे से तथा जीवमंडल से जुड़े हुए हैं।
जीवित प्राणियों के लिए जीवमंडल का बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भूमंडल, वायुमंडल तथा जलमंडल के बीच के प्राकृतिक संतुलन बना रहता है। यह तीनों परिमंडल आपस में पारस्परिक क्रिया करते हैं तथा एक दूसरे को किसी न किसी रूप में प्रभावित भी करते हैं।
2. सही उत्तर चिह्नित (✔) कीजिए।
(i) कौन सी पर्वत श्रृंखला एशिया एवं यूरोप को अलग करती है?
क. एंडीज
ख. हिमालय
ग. यूराल
Ans. यूराल
(ii) उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका से कैसे जुड़ा है?
क. स्थलसंधि
ख. जलसंधि
ग. नहर
Ans. स्थलसंधि
(iii) वायुमंडल में किस गैस का प्रतिशत सर्वाधिक है?
क. नाइट्रोजन
ख. ऑक्सीजन
ग. कार्बन डाइआक्साइड
Ans. नाइट्रोजन
(iv) पृथ्वी का कौन-सा भाग ठोस चट्टानों का बना है।
क. वायुमंडल
ख. जलमंडल
ग. स्थलमंडल
Ans. स्थलमंडल
(v) सबसे बड़ा महाद्वीप कौन सा है?
क. अफ्रीका
ख. एशिया
ग. आस्ट्रेलिया
Ans. एशिया
3. खाली स्थान भरें।
(i) पृथ्वी का सबसे गहरा भाग मैरियाना गर्त प्रशांत महासागर में स्थित है।
(ii) हिंद महासागर का नाम एक देश के नाम पर रखा गया है।
(iii) जीवमंडल स्थल, जल एवं हवा का एक सीमित भाग है, जो जीवन के लिए सहायक है।
(iv) यूरोप एवं एशिया महाद्वीप को एक साथ यूरेशिया कहा जाता है।
(v) पृथ्वी पर सबसे ऊँचा पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट है।
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