फ्लोचार्ट और कम्प्यूटर भाषाएँ (Flowchart and Programming Languages) इसमें आपको सामान्य जानकारी दी गई है। आप इस लेख को पढ़ के संतुष्ट हो जाएंगे। आइए कम्प्यूटर के बारे में जानकारी लेते हैं।
1. एल्गोरिथम (Algorithm)
यह किसी प्रोग्राम के निर्माण में आवश्यक लॉजिक है। यह किसी समस्या के समाधान के लिए सीढ़ी का निर्माण करता है।
अतः एल्गोरिथम अनुदेशों का समूह है जिसे निर्धारित क्रम में संपादित किये जाने पर वांछित परिणाम को प्राप्त किया जा सकता है।
2. फ्लोचार्ट (Flowchart)
एल्गोरिथम का चित्रीय रूपांतरण फ्लोचार्ट कहलाता है। इसमें अलग-अलग प्रकार के अनुदेशों के लिए अलग-अलग चित्रों का प्रयोग किया जाता है तथा उसके अंदर संक्षिप्त अनुदेश लिखे रहते हैं। तीर के निशान वाले लाइनों से अनुदेशों के क्रियान्वयन की दिशा बतायी जाती है। इसमें प्रोग्राम लिखना आसान होता है तथा गलतियाँ सुधारना भी सरल होता है।

2.1 फ्लोचार्ट के चिह्न (Signs of Flowchart): आन्सी (ANSI-American National Standards Institute) द्वारा निर्धारित फ्लोचार्ट के चिह्न हैं-
(i) टर्मिनल (Terminal): यह अण्डाकार चिह्न है जो प्रक्रिया के आरंभ (Start), अन्त (Stop) या विराम (Pause) के लिए प्रयुक्त होता है।
(ii) इनपुट/आउटपुट (Input/Output) : यह समानान्तर चतुर्भुज का चिह्न है जो इनपुट (Read) या आउटपुट (Print) आदि को दर्शाता है।
(iii) प्रक्रिया (Processing): यह आयताकार चिह्न है जिसमें प्रोसेसिंग के निर्देश या सूत्र होते हैं।
(iv) निर्णय (Decision) : यह तार्किक क्रिया को दर्शाता है। इसमें तर्क या प्रश्न और उनके परिणाम (हां या ना) दिखाये जाते हैं।
(v) फ्लोलाइन (Flowline): तीर के चिह्न वाली रेखाएं फ्लोचार्ट के प्रवाह की दिशा बतलाती हैं।
(vi) कनेक्टर (Connector) : फ्लोचार्ट अगर एक पृष्ठ से बड़ा हो तो उसे अगले पृष्ठ पर कनेक्टर की सहायता से जोड़ा जाता है। पिछले पृष्ठ के अंत में अंदर आती रेखा, जबकि अगले पृष्ठ के प्रारंभ में बाहर जाती रेखा दिखाई जाती है।
3. स्यूडो कोड (Pseudo Code)
यह किसी समस्या के समाधान के लिए प्रोग्राम लिखने का एक तरीका है। इसमें चिन्हों का प्रयोग न कर प्रोग्राम और उसके तों को साधारण और संक्षिप्त भाषा में लिखा जाता है। इसमें समय कम लगेता है तथा चिह्नों का प्रयोग न होने से पूरा ध्यान प्रोग्राम पर रहता है।

4. कम्प्यूटर प्रोग्राम की भाषाएं (Computer Programming Languages)
कम्प्यूटर प्रोग्राम आपस में जुड़े हुए निर्देशों का समूह है जिसे किसी खास कार्य के लिए संग्रहित किया जाता है। प्रोग्राम लिखने की प्रक्रिया को प्रोग्रामिंग (Programming) कहते हैं। प्रोग्राम जिस भाषा या कोड में लिखा जाता है उसे प्रोग्राम की भाषा कहते हैं।
प्रोग्राम भाषा को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-
(i) मशीन भाषा (Machine Language)
(ii) असेम्बली भाषा (Assembly Language)
(iii) उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language)
4.1. मशीन भाषा (Machine Language)
यह बाइनरी नम्बर (0 या 1) में लिखी भाषा है जिसे कम्प्यूटर द्वारा बिना ट्रांसलेशन प्रोग्राम के समझा और क्रियान्वित किया जा सकता है।
इसके दो भाग होते हैं। पहला भाग कमाण्ड या ऑपरेशन कम्प्यूटर को दिये जाने वाले कार्य के बारे में निर्देश देता है। दूसरा भाग ओपेरेण्ड (Operand) कम्प्यूटर मेमोरी में डाटा की स्थिति (Location) बताता है।
इस भाषा में ट्रांसलेटर प्रोग्राम की आवश्यकता नहीं होती। पर इसमें प्रोग्राम लिखना कठिन तथा त्रुटियां अधिक होती हैं।
4.2. असेम्बली भाषा (Assembly Language)
इसे निम्नस्तरीय भाषा (Low Level Language) भी कहते हैं। इस भाषा में अक्षर व अंकों से बना न्यूमोनिक कोड (Mnemonic Code) का प्रयोग किया जाता है जिसका एक निश्चित अर्थ होता है। जैसे- जोड़ने के लिए ‘ADD’; घटाने के लिए ‘SUB’; डाटा को मेमोरी में लोड करने के लिए ‘LD’ आदि। अलग-अलग कम्प्यूटर और साफ्टवेयर पैकेज में न्यूमोनिक कोड अलग-अलग हो सकते हैं। प्रयोग से पूर्व उस साफ्टवेयर के असेम्बलर (Assembler) द्वारा इस भाषा को मशीन भाषा में बदला जाता है।
असेम्बली भाषा में लिखा प्रोग्राम सोर्स प्रोग्राम (Source Programme) कहलाता है। जब इसे मशीन भाषा में बदल दिया जाता है तो इसे ऑब्जेक्ट प्रोग्राम कहा जाता है।
इस भाषा में प्रोग्राम लिखना अपेक्षाकृत अधिक आसान होता है, पर इसके क्रियान्वयन में समय अधिक लगता है।
4.3. उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language)
इसे तीसरी पीढ़ी की भाषा (3rd Generation Language) भी कहते हैं। यह बोलचाल व लेखन में प्रयुक्त भाषा के काफी करीब है। इसमें प्रोग्राम लिखना और पढ़ना आसान होता है। इस भाषा का प्रयोग विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटर या सॉफ्टवेयर में आसानी से किया जा सकता है। इस भाषा पर कम्प्यूटर की आंतरिक संरचना का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। प्रयोग से पहले इस भाषा को कम्पाइलर (Compiler) या इंटरप्रेटर (Interpreter) द्वारा मशीन भाषा में बदला जाता है। कम्पाइलर या इंटरप्रेटर सोर्स प्रोग्राम को ऑब्जेक्ट प्रोग्राम में बदलता है। प्रत्येक भाषा के लिए अलग-अलग कम्पाइलर या इंटरप्रेटर का प्रयोग करना पड़ता है।
उच्च स्तरीय भाषा के कुछ अन्य उदाहरण हैं-कोबोल (COBOL), लोगो (LOGO), बेसिक (BASIC), एल्गोल (Al-gol), सी (C), सी-प्लस-प्लस (C++), कोमाल (COMAL), प्रोलॉग (PROLOG), पास्कल (Pascal), जावा (Java), सी शार्प (C#-C Sharp), आरपीजी (RPG-Report Program Gen-erator), लिस्प (LISP), स्नोबॉल (SNOBOL) आदि।
4.4. चौथी पीढ़ी की भाषा (4GL-4th Generation Language)
यह एक उच्चस्तरीय भाषा (HLL) है जिसे कार्यान्वित करने के लिए निर्देशों की संख्या कम होती है। यह भाषा बोलचाल भाषा के ज्यादा करीब है। इसमें प्रोग्राम लिखना आसान और तीव्र है।
उदाहरण : एस क्यू एल (SQL- Structured Query Language)
5. उच्च स्तरीय भाषाएं (High Level Language)
5.1. फोरट्रॉन (FORTRAN)
यह Formula Translation का संक्षिप्त रूप है। इसे प्रथम उच्च स्तरीय भाषा माना जाता है जिसका प्रयोग वैज्ञानिक और इंजीनियरों द्वारा गणितीय सूत्रों को आसानी से हल करने तथा जटिल वैज्ञानिक गणनाओं में किया गया। इसका विकास 1957 में आईबीएम के जॉन बेकस ने किया।
5.2. लोगो (LOGO)
अमेरिका के सिमोर पेपर्ट (Seymour Papert) द्वारा विकसित इस भाषा का उपयोग कम उम्र के बच्चों को रेखाचित्र और ग्राफिक के माध्यम से कम्प्यूटर की शिक्षा देने के लिए किया गया।
5.3. कोबोल (COBOL-Common Business Oriented Language)
यह व्यावसायिक कार्यों के लिए प्रयोग होने वाली भाषा है। कोबोल भाषा में निर्देश (Command) और वाक्य की संरचना (Sentence Structure) अंग्रेजी भाषा के समान है। इस भाषा को पैराग्राफ (Paragraph), डिविजन (Division) और सेक्शन (Sec-tion) में बांटा जाता है। इसे आन्सी कोबोल (ANSI COBOL) कम्पाइलर के साथ किसी भी कम्प्यूटर सिस्टम पर चलाया जा सकता है। कोबोल का एक संस्करण विजुअल कोबोल (Visual Cobol) आबजेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (Object Oriented Programming-OOP) भाषा है।
5.4. बेसिक (BASIC-Beginners’ All-purpose Symbolic Instruction Code)
यह एक लोकप्रिय व सरल प्रोग्राम भाषा है। जिसका विकास 1964 में प्रोफेसर जॉन केमेनी (John Kemeny) तथा थॉमस कुर्टज (Thomas Kurtz) ने किया। यह पर्सनल कम्प्यूटर में व्यवहार में लाया जाने वाला प्रथम उच्च स्तरीय भाषा है। इसका प्रयोग गणितीय और व्यावसायिक दोनों कार्यों के लिए किया जा सकता है। इसकी सरलता के कारण इसका प्रयोग प्रशिक्षुओं को भाषा की अवधारणा स्पष्ट करने के लिए भी किया जाता है। इसी कारण इसे अन्य भाषाओं के लिए ‘नींव का पत्थर’ कहा जाता है।
माइक्रोसाफ्ट द्वारा विकसित क्विक बेसिक (Quick Ba-sic) तथा विजुअल बेसिक (Visual Basic) एक लोकप्रिय ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOP) भाषा है।
5.5 पास्कल (Pascal)
इस भाषा का विकास 1971 में स्विटजरलैण्ड के प्रोफेसर निकलॉस विर्थ (Nicklaus Writh) द्वारा किया गया। इसका नामकरण कम्प्यूटर के जनक कहे जाने वाले ब्लेज पास्कल (Blaise Pascal) के नाम पर किया गया। इस भाषा का प्रयोग प्रशिक्षुओं में प्रोग्रामिंग की अवधारणा स्पष्ट करने में किया गया। अतः इसे शिक्षा परक भाषा (Educational Language) भी कहते हैं।
5.6. सी और सी ++ (C and C++)
इस उच्च स्तरीय भाषा का विकास 1972 में बेल लैबोरेटरीज के डेनिस रिची तथा ब्रायन करनिंघम द्वारा किया गया। इसका विकास उच्च स्तरीय भाषा में असेम्बली भाषा की क्षमता डालने के उद्देश्य से किया गया। यह सामान्य कार्य के लिए प्रयुक्त भाषा है। इसमें सोर्स प्रोग्राम छोटा और संक्षिप्त रूप में लिखा जाता है। इसका कम्पाइलर सभी प्रकार के कम्प्यूटर में कार्य कर सकता है।
सी++ (C++) ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग भाषा है। यह – बोलचाल की अंग्रेजी भाषा के करीब है। हालांकि यह भाषा संक्षिप्त और सशक्त है, पर यह एक कठिन भाषा है।
5.7. जावा (Java)
इस उच्च स्तरीय भाषा का विकास सन माइक्रो सिस्टम के जेम्स गॉसलिंग द्वारा किया गया। यह C++ की तरह ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग भाषा है पर उसकी अपेक्षा छोटी और सरल है। इसका विकास मुख्यतः इंटरनेट में उपयोग के लिए किया गया। इसका प्रयोग इलेक्ट्रानिक उपभोक्ता उत्पादों जैसे-टीवी, टेलीफोन आदि में भी किया जाता है। एनीमेशन पर (Animation) आधारित वेब पेज (Web Page), शैक्षिक कार्यक्रम (Tutorial) तथा खेल आदि के विकास में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
5.8. अल्गोल (ALGOL-Algorithmic Language)
इस उच्च स्तरीय भाषा का प्रयोग बीज गणितीय गणनाओं में किया जाता है।
5.9. कोमल (COMAL-Common Algorithmic Language)
मध्य स्तर के छात्रों के लिए प्रयुक्त भाषा है।
5.10. प्रोलॉग (PROLOG-Programming in Logic)
इसका विकास 1973 में फ्रांस में किया गया। इसमें समस्याओं के समाधान में तर्क की प्रधानता दी जाती है। इसे कृत्रिम बुद्धि (AI-Artificial Intelligence) तथा तार्किक प्रोग्रामिंग (Logical Programming) में प्रयोग किया जाता है।
5.11. सी शार्प (C#-C Sharp)
यह ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका विकास माइक्रोसाफ्ट ने इंटरनेट में प्रयोग के लिए किया।
5.12. आरपीजी (RPG-Report Program Generator)
यह समान्य व्यावसायिक कार्यों द्वारा प्राप्त रिपोर्ट को आउटपुट के रूप में प्रस्तुत करने के लिए बनाई गई भाषा है। यह एक सरल भाषा है जिसका प्रयोग छोटे व्यावसायिक कम्प्यूटर में किया जा सकता है।
5.13. लिस्प (LISP-List Processing)
इसका विकास 1959 में जॉन मैकार्थी (John Macarthy) द्वारा कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) के प्रयोग में किया गया।
यह भी पढ़ें : साफ्टवेयर (Software)
FAQs
1. इनमें से कौन कम्प्यूटर भाषा नहीं है-
(a) BASIC
(b) FORTRAN
(c) COBOL
(d) IBM
Ans. (d)
व्याख्या : IBM (International Business Ma-chine) एक कम्प्यूटर निर्माण की कम्पनी है जबकि अन्य तीनों कम्प्यूटर भाषाएं हैं।
2. फोरट्रॉन (FORTRAN) भाषा का प्रयोग किया जाता है-
(a) फोटो बनाने में
(b) व्यवसाय में
(c) गणित में
(d) शिक्षा में
Ans. (c)
व्याख्या: FORTRAN भाषा Formula Translation का संक्षिप्त रूप है। यह गणितीय सूत्रों को हल करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
3. प्रोग्राम के लिए विकसित पहली उच्च स्तरीय भाषा है :
(a) BASIC
(b) FORTRAN
(c) LOGO
(d) COBOL
Ans. (b)
व्याख्या: Fortran भाषा का विकास 1957 में आईबीएम कम्पनी के जे. डब्ल्यू. बेकस ने किया। इसे पहली उच्च स्तरीय भाषा माना जाता है।
4. कौन सी कम्प्यूटर भाषा नहीं है-
(a) ROM
(b) LOGO
(c) C
(d) JAVA
Ans. (a)
व्याख्या : ROM (Read Only Memory) भंडारण का एक प्रकार है जबकि अन्य तीनों कम्प्यूटर भाषाएं हैं।
5. LOGO भाषा का प्रयोग किया जाता है-
(a) व्यवसाय में
(b) गणित में
(c) बच्चों की शिक्षा में
(d) सरल भाषा लिखने में
Ans. (c)
व्याख्या : LOGO भाषा का विकास कम उम्र के बच्चों को रेखाचित्र और ग्राफिक्स की शिक्षा देने के लिए किया गया है।
6. BASIC भाषा का प्रयोग किया जाता है-
(a) व्यावसाय में
(b) गणित में
(c) बच्चों की शिक्षा में
(d) सरल भाषा को सिखाने में
Ans. (d)
व्याख्या : BASIC एक लोकप्रिय व सरल भाषा है जिसका प्रयोग मुख्यतः प्रारंभ में सरल भाषा को सिखाने के लिए किया जाता है। इसी कारण इसे अन्य भाषाओं के लिए ‘नींव का पत्थर’ भी कहते हैं।
7. COBOL भाषा का प्रयोग किया जाता है-
(a) व्यवसाय में
(b) गणित में
(c) बच्चों की शिक्षा में
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans. (a)
व्याख्या: COBOL (Common Business Oriented Language) एक व्यवसायिक भाषा है।
8. कम्प्यूटर जिस भाषा को समझ सकता है, वह है-
(a) उच्च स्तरीय भाषा
(b) निम्न स्तरीय भाषा
(c) असेम्बली भाषा
(d) मशीन भाषा
Ans. (d)
व्याख्या : मशीन परिपथ में प्रवाहित धारा के अनुसार कार्य करता है। इस तरह यह धारा के प्रवाह के आधार पर आन (1) तथा ऑफ (0) को पहचान सकता है। इस द्विआधारी पद्धति पर लिखी भाषा को मशीन भाषा कहते हैं।
9. उच्च स्तरीय भाषा को मशीन भाषा में बदलता है-
(a) कम्पाइलर
(b) इंटरप्रेटर
(c) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans. (c)
व्याख्या : कम्पाइलर तथा इंटरप्रेटर दोनों ही उच्च स्तरीय भाषा को मशीन भाषा में परिवर्तित करते हैं। हालांकि उनके कार्य पद्धति में अंतर पाया जाता है।
10. असेम्बलर का कार्य है-
(a) बेसिक भाषा को यंत्र भाषा में परिवर्तित करना
(b) उच्च स्तरीय भाषा को यंत्र भाषा में परिवर्तित करना
(c) असेम्बली भाषा को यंत्र भाषा में परिवर्तित करना
(d) असेम्बली भाषा को उच्च स्तरीय भाषा में परिवर्तित करना
Ans. (c)
व्याख्या: असेम्बली भाषा जिसे निम्नस्तरीय भाषा भी कहते हैं, न्यूमोनिक कोड में लिखी जाती है। प्रयोग से पूर्व इसे असेम्बलर द्वारा मशीन भाषा में बदला जाता है।
11. इनमें से कौन सी वैज्ञानिक कम्प्यूटर भाषा है-
(a) बेसिक
(b) कोबोल
(c) फोरट्रॉन
(d) पास्कल
Ans. (c)
व्याख्या: फोरट्रॉन (FORTRAN) Formula Translation का संक्षिप्त रूप है। यह प्रथम उच्च स्तरीय भाषा है जिसका प्रयोग वैज्ञानिक और इंजीनियरों द्वारा गणितीय सूत्रों को हल करने तथा जटिल वैज्ञानिक गणनाओं में किया गया है।
12. निम्नलिखित में से कौन सी एक कम्प्यूटर भाषा नहीं है-
(a) BASIC
(b) C
(c) FAST
(d) FORTRAN
Ans. (c)
व्याख्या: BASIC, C तथा FORTRAN उच्च स्तरीय कम्प्यूटर भाषा (FLL) है पर FAST कम्प्यूटर भाषा नहीं है।
13. भाषा जिसे कम्प्यूटर समझता और निष्पादित करता है, कहलाती है-
(a) अमेरिकन भाषा
(b) मशीन भाषा
(c) गुप्त प्रच्छल भाषा
(d) इनमें से कोई
व्याख्या: मशीन भाषा बाइनरी नम्बर (0 तथा 1) में लिखी भाषा है जिसे कम्प्यूटर द्वारा बिना ट्रांसलेशन प्रोग्राम के समझा और क्रियान्वित किया जा सकता है।
14. अनुदेशों का समूह जो कम्प्यूटर को क्या करना है, यह बताता है, उसे कहते हैं-
(a) मेंटर
(b) इन्सट्रक्टर
(c) कम्पाइलर
(d) प्रोग्राम
(e) डिबगर
Ans. (d)
व्याख्या : प्रोग्राम कम्प्यूटर भाषा में लिखे निर्देशों, का समूह है जिसे एक क्रम में क्रियान्वित करने पर कम्प्यूटर द्वारा एक विशेष कार्य को पूरा किया जा सकता है।
15. अंग्रेजी भाषा के समान उच्च स्तरीय कम्प्यूटर भाषा है-
(a) फोरट्रान
(b) पास्कल
(c) कोबोल
(d) सी++
Ans. (c)
व्याख्या : कोबोल (COBOL) एक व्यावसायिक भाषा है जिसका प्रयोग डाक्यूमेंटेशन और बैंकों में लेजर (Ledger) के रख-रखाव में किया जाता है।
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