फल (Fruits)

पुष्प के अण्डाशय के परिवर्धित भाग को फल (Fruits) कहते हैं। फल के दो भाग होते हैं- प्रथम – फलभित्ति (Pericorp) तथा दूसरा – बीज (seed)। फलभित्ति का निर्माण अण्डाशय की दीवार से तथा बीज का निर्माण बीजाण्ड (Ovul) से होता है।

फल उत्पादन से सम्बन्धित अध्ययन् को फल विज्ञान (Pomology) कहा जाता है। विश्व के कुल फल उत्पादन का 13% भाग भारत उत्पादित कर विश्व में फल उत्पादन में द्वितीय स्थान रखता है।* संसार में सर्वाधिक फल उत्पादन चीन में होता है। देश में राज्यों के दृष्टि से शीर्ष पाँच फल उत्पादक राज्य अधोलिखित हैं। यथा-

रैंकराज्य (2016-17 P मि.टन)
• प्रथमआन्ध्रप्रदेश (13)
• द्वितीयमहाराष्ट्र (11.2)
• तृतीयउत्तर प्रदेश (11.2)
• चतुर्थगुजरात (9.1)
• पंचमकर्नाटक (8.0)

• प्रमुख फलों के सर्वाधिक तीन उत्पादक राज्य अधोलिखित हैं। यथा –

फलशीर्ष 3 उत्पादक राज्य (2014-15)
• आमउ.प्र., आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक
• केलागुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु
• अंगूरमहाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु
• अमरूदउत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार
• लीचीबिहार, प. बंगाल, झारखण्ड (2013-14)
• कटहलकेरल, त्रिपुरा, ओडिशा (2014-15)
• काजूमहाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा
• बादामहिमांचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, आन्ध्र प्रदेश
• ऑवला उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु
• पपीताआंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक
• अनन्नासपश्चिम बंगाल, असोम एवं केरल
• नारियलकेरल, तमिलनाडु, कर्नाटक,
• सेपोटाकर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु
• अनारमहाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात
• अखरोटजम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्र.
• संतराम. प्र., पंजाब, महाराष्ट्र
• मोसम्बीआन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र
• नीबूआन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक
• सेबजम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड
• कोकोआन्ध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक
• सुपारीकर्नाटक, केरल, असोम
• नाशपातीउत्तराखण्ड, पंजाब, जम्मू-कश्मीर
• तरबूजउत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश
• खरबूजउत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पंजाब

• भारत में कुल फल क्षेत्रफल के संदर्भ में महाराष्ट्र (11.98%) प्रथम, तदोपरान्त आन्ध्र प्रदेश (9.33%) का स्थान आता है।

फलोत्पादन का महत्त्व (Importance of Fruit Culture)

फलों में विभिन्न प्रकार के विटामिन्स तथा खनिज प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं, जो स्वास्थ्य तथा वृद्धि के लिये आवश्यक होते हैं। संतुलित आहार के दृष्टि से एक व्यक्ति को प्रतिदिन 92 ग्राम फल सेवन की संस्तुति की गयी हैं। * देश में फलों की उपलब्धता वर्ष 2005 में 138 ग्राम/ व्यक्ति/दिन से बढ़कर वर्ष 2016-17 में 200.60 ग्राम/व्यक्ति/दिन हो गई है। प्रति इकाई क्षेत्र, उत्पादन एवं आय के दृष्टि से फलोत्पादन महत्त्वपूर्ण है। अनुपजाऊ व ऊसर भूमि में इमली, जामुन, ऑवला, फालसा, करौंदा आदि का फल वृक्ष लगाकर लाभ कमाया जा सकता है।

• मनुष्य के भोजन में विटामिन्स का काफी महत्व है। ये शरीर की रोगों से रक्षा करते हैं। विटामिन डी को छोड़कर अन्य सभी विटामिन्स फलों में पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं।

• ऐसे फल जिनमें विटामिन्स प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं; अधोलिखित हैं-

(i) विटामिन A * : आम> पपीता > परसीमोन

(ii) B1 (थाइमीन) : काजू > अखरोट > बादाम > अनन्नास

(iii) B2 (राइबोफ्लेविन)* : बेल > पपीता > काजू > लीची

(iv) विटामिन C* : बॉरबेडोस चैरी > ऑवला > अमरूद >नींबू > मीठा नारंगी > लेमन ।

• कार्बोहाइड्रेट की उपलब्धता : इसके द्वारा ऊर्जा की प्राप्ति होती है। यह प्रचुर मात्रा में अधोलिखित फलों में पायी जाती है।

यथा-

रेंजिन > अनन्नास > पीण्ड खजूर > करौंदा > केला > बेल > शरीफा > जामुन आदि।

• प्रोटीन की उपलब्धता : यह निम्नलिखित फलों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यथा-काजू (21.2%) > बादाम (20.8%)> अखरोट (15.6%) आदि।

• वसा की उपलब्धता : शरीर में वसा ऑक्सीकृत होकर सर्वाधिक ऊर्जा प्रदान करती है। यह निम्नलिखित फलों में प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। अखरोट * (64.5%) > बादाम (58.9%) काजू (46.9%) > एवोकैडो (22.8%) (IAS) |

• कार्बनिक अम्लों की उपलब्धता: ये शरीर में पाचन- क्रिया को ठीक कर भूख बढ़ाने का कार्य करते हैं।

(i) साइट्रिक अम्ल-बेरी, नीबू, वर्गीय फल, अमरूद, नाशपाती।
(ii) मैलिक अम्ल-सेब, केला, चेरी Plum एवं तरबूज
(iii) टार्टरिक अम्ल-इमली, अंगूर ।

• खनिज की उपलब्धताः

(i) कैल्शियम : लीची > करौंदा > अखरोट > बेल

(ii) आयरन* : करौंदा > खजूर > अखरोट > सेव

(iii) फॉस्फोरस : बादाम > काजू > अखरोट > लीची ।

फलों का वर्गीकरण (Classification of Fruits)

(A) जलवायु के आधार पर फलों को निम्नलिखित तीन भागों में विभक्त किया गया है। यथा-

(i) उष्ण कटिबंधीय फल (Tropical Fruits)-जैसे- आम, केला, पपीता, अनन्नास,* शरीफा, कटहल, काजू, चीकू*, ब्राजील नट एवं कमरख आदि।

(ii) उपोष्ण कटिबंधीय फल (Sub-Tropical Fruits)- जैसे-अंगूर, अंजीर, संतरा, नीबू, अमरूद, एवोकैडो*, लीची*, बेर, खजूर, फालसा, अनार, ऑवला*, लोकाट आदि।

(iii) शीतोष्ण कटिबंधीय फल (Temperate Fruits)- जैसे-सेब, नाशपाती, आडु, आलू बुखारा, बादाम, खुबानी, चेरी, चिलगोजा, स्ट्राबेरी, तेंदू, रसभरी, अखरोट, चेस्टनट, हेजलनट, पीकनट आदि।

• सदाबहार फल वृक्ष- आम, नींबू, लीची, चीकू, लोकाट । *

• पतझड़ी फल वृक्ष- सेब, आडू, नाशपाती, आलूचा, खुबानी आदि।

(B) फलों के प्रकार के आधार पर फलों को निम्नलिखित रूपों में बाँटा गया है। यथा-

(i) अष्टिफल (Drupe Type): आम, बादाम, बेर, आलूचा, खूबानी, जामुन, नारियल, आडू आदि।

(ii) बेरी (Berry Type): पपीता, केला, चीकू, खजूर, बेरी, अमरूद आदि।

(iii) पोम (Pome Type) : नाशपाती, लोकाट, सेब* आदि।

(iv) हेस्पेरिडीयम (Hesperidium) : सन्तरा*, नीबू वर्ग आदि।

(v) साइकोनस (Cyconus Type): अंजीर आदि।

(vi) नट (Nut Type): लीची, काजू आदि।

(vii) कैप्सूल (Capsule Type) : ऑवला आदि।

(viii) सोरोसिस (Sorosis Type): शहतूत, अनन्नास, • कटहल आदि।

(ix) बेरी का पूँजफल : शरीफा

(x) ब्लॉस्टा (Balausta) : अनार* आदि।

(xi) कैरीओप्सिस* : चावल, गेहूँ, मक्का, जौ आदि।

(C) खाने वाले भाग के आधार पर फलों को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया गया है।

सब्जी (Vegetable)

उद्यान विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत शाकोत्पादन वाली फसलों का अध्ययन किया जाता है, शाकोत्पादन या सब्जी विज्ञान (Olericulture) कहलाता है।

सब्जियों का मनुष्य के आहार में महत्त्वपूर्ण स्थान है। आहार विशेषज्ञ के अनुसार एक व्यक्ति को प्रतिदिन संतुलित आहार के लिए 300 ग्राम सब्जियों ( 115 ग्राम पत्तियों वाली, 115 ग्राम अन्य तथा 70 ग्राम जड़ वाली) का प्रयोग करना चाहिए। आज देश में सब्जियों की उपलब्धता 2005 के 279 ग्राम/व्यक्ति/दिन से बढ़कर 2016-17 में 378.13 ग्राम/व्यक्ति/दिन हो गयी है। संतुलित आहार तथा अच्छे स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए सब्जियों का भोजन में उपर्युक्त मात्रा में होना आवश्यक है। सब्जियों से भोजन के सभी आवश्यक तत्त्व प्राप्त हो सकते हैं। यथा-

कार्बोहाइड्रेट सब्जियों में स्टार्च तथा शर्करा के रूप में उपलब्ध होते हैं। यह शकरकंद, आलू, मटर एवं गाजर आदि में बहुतायत से पाये जाते हैं। सब्जियों प्रोटीन की अच्छी स्रोत नहीं मानी जाती हैं, फिर भी चने की हरी पत्तियों, हरी मटर, लोबिया, बथुआ, व फूलगोभी आदि में समुचित मात्रा में पायी जाती है।

सब्जियाँ संरक्षी तत्त्वों, जैसे- खनिज पदार्थ, विटामिन्स तथा अन्य रासायनिक पदार्थों का बहुमुल्य स्रोत है। यथा-

➤ विभिन्न सब्जियों में सर्वाधिक पोषण मूल्य

• विटामिन-A (रेटिनॉल) प्रचुर सब्जियाँ

1. बीट लीफ (9770आई.यू/100 ग्राम)
2. विलायती पालक पत्तियाँ (9300 आई. यू./100 ग्राम)
3. कोलोकेशिया की पत्तियाँ (10278 मिग्रा/100 ग्राम)
4. धनियाँ की पत्तियाँ (6917 मिग्रा/100 ग्राम)
5. मेथी की पत्तियाँ (6450 आई. यू./100 ग्राम)

• विटामिन-B1 (थाइमीन) प्रचुर सब्जियाँ

1. मिर्च (Chillies) (0.55 मिग्रा/100 ग्राम)
2. कोलोकेशिया की पत्तियाँ (0.22 मिग्रा/100 ग्राम)
3. टमाटर (Tomato) (0.12 मिग्रा/100 ग्राम)

• विटामिन-B2 (राइबोफ्लेविन) प्रचुर सब्जियाँ: मेथी की पत्तियाँ (0.31 मिग्रा/100 ग्राम), अमेरेन्थस (0.30 मिग्रा/100 ग्राम)

विटामिन C (एस्कॉर्बिक अम्ल) प्रचुर सब्जियाँ :

1. ड्रमस्टिक पत्तियाँ (Drumstick Leaves) (200मिग्रा/100 ग्राम)
2. धनिया की पत्तियाँ (135 मिग्रा/100 ग्राम)
3. मिर्च (Chillies) (111 मिग्रा/100 ग्राम)
4. टमाटर (31 मिग्रा/100 ग्राम)

• कार्बोहाइड्रेट्स प्रचुर सब्जियाँ

1. टेपिओका (38.1%)
2. शकरकन्द (28.2%)
3. आलू* (22.7%)
4. करी पत्तियाँ (18.6%)

सब्जियों में रंग/कड़वापन का कारण
• मूली में तीखापन
आइसोसाइनेट
• मिर्च में चटपटाहट
केप्सेसिन
• शलजम में चरपराहट
कैल्शियम ऑक्सलेट
• खीरे में कडुवाहट
कुकरबिटेसिन
• प्याज में गंध *
एलाइल प्रोपाइल डाइसल्फाइड
• लहसुन में गंध*
एलाइसिन (डाइएलाइल डाइसल्फाइड)
• करेले में कडुवाहट
मेमेर्डिकोसाइट/टेट्रासाइक्लिक
ट्राइ टरपाइन
• पीपर में गंध
ओलियोरेसिन
• आलू का हरा रंग (हरापन)
सोलेनिन
• टमाटर का लाल रंग
लाइकोपिन
• प्याज में पीला रंग
क्वेरसिटीन
• प्याज में लाल रंगकैप्सेनथिन
• मिर्च में लाल रंगकैप्सनथिन
• हल्दी में पीला रंगकुरकुमिन
• गाजर में लाल रंगएन्थोसायनिन
• गाजर में नारंगी रंगकैरोटिन
• अरबी में कनकनाहटकैल्शियम ऑक्सलेट
• तिलहनों के तेल का पीला रंगकैरोटिनाइज्ड (एलाइल आइसो थायोसाइनेट)
• सूरजमुखी के तेल में कसैलापनऑक्सीडेशन
• खेसारी से लकवा/गठिया*न्यूटेक्सिन/लेभेजन (BOAA)
• चने का पत्ती में खटास*ऑक्जेलिक अम्ल

• प्रोटीन प्रचूर सब्जियाँ

1. चने की हरी पत्ती (8.2 ग्राम / 100 ग्राम)
2. मटर (7.2 ग्राम/100 ग्राम)
3. लोबिया (4.3 ग्राम/100 ग्राम)
4. भारतीय सेम (3.8 ग्राम/100 ग्राम)

• कैल्शियम प्रचुर सब्जियाँ

1. करी पत्तियाँ* (813 मिग्रा/100 ग्राम)
2. अमेरेन्थस (चौलाई) (395 मिग्रा/100 ग्राम)
3. मेथी की पत्तियाँ (395 मिग्रा / 100 ग्राम)
4. मूली की पत्तियाँ (295 मिग्रा/100 ग्राम)

• लौह प्रचुर सब्जियाँ

1. मुलायम अमेरेन्थस* (25.5 मिग्रा /100 ग्राम)
2. धनिया की पत्तियाँ (18.5 मिग्रा/100 ग्राम)

• Green leaf vegetables are rich source of Folic Acid.

• Major mineral present in fruits & vegetable- Potassium

• Acid present in vegetable

(i) Citric Acid: Tomato, leaf vegetable Legumes, potato

(ii) Malic Acid: Carrot, Onion.

बहुत-सी सब्जियाँ औषधीय गुणों को धारण करती हैं। टमाटर, लहसुन, प्याज, करेला व लौकी आदि सब्जियों के समुचित रूप में तथा नित्य प्रति प्रयोग करने से त्वचा मुलायम, स्वच्छ, आँखे चमकीली तथा काया निरोगी होती है। पाचन के समय उत्पन्न अम्लों को उदासीन करने व रेशा प्रदान करने के लिए सब्जियाँ महत्त्वपूर्ण हैं।

संसार में सब्जियों का सर्वाधिक उत्पादक एवं क्षेत्रफल वाला राष्ट्र चीन है। भारत अपने कुल सस्य क्षेत्रफल का 2.8% भाग सब्जी उत्पादन में नियोजित कर संसार का 10.8% सब्जी उत्पादन कर विश्व के शीर्ष क्रम में दूसरा स्थान रखता है।* भारत का औसत सब्जी उत्पादन 17.01 मि. टन/हेक्टेयर है। * देश में सब्जी के क्षेत्रफल एवं उत्पादन दोनों ही दृष्टि से उत्तर प्रदेश का स्थान प्रथम, पं. बंगाल का द्वितीय तथा म.प्र. का तृतीय है* जबकि सब्जी में प्रति हेक्टेयर उत्पादकता की दृष्टि से तमिलनाडु का प्रथम स्थान है।*

सब्जियों का वर्गीकरण (Classification of Vegetables)

(A) उपयोग के आधार पर

1. जड़ : गाजर, मूली*, चुकन्दर, शलजम आदि
2. तना : आलू, अरबी, * गाँठगोभी, जिमीकंद आदि।
3. शल्क कन्द : प्याज, लहसुन * आदि।
4. अपक्व पुष्प : फूलगोभी (पुष्पक्रम)*, ब्रोकोली आदि।
5. फल* : टमाटर, बैगन, मिर्च, भिण्डी, ककड़ी तरबूज, खरबूज, खीरा, लौकी, कदू आदि।
6. बीज : लोबिया, सेम आदि।

(B) जीवन-चक्र के आधार पर

(1) एक वर्षीय : भिण्डी, टमाटर, लोबिया आदि।
(2) द्विवर्षीय : मूली*, गाजर, पातगोभी*, फूलगोभी*, प्याज* आदि।
(3) बहुवर्षीय : परवल, लहसुन, हल्दी, शकरकंद आदि।

(C) कुल (Families) के आधार पर

(1) एमेरिलीडेसी : प्याज, लहसुन *
(2) क्रूसीफेरी : फूलगोभी, पातगोभी, गाँठगोभी, मूली, शलजम, सरसों
(3) कुकुरबिटेसी* : लौकी, टिण्डा, सीताफल, खरबूज, तरबूज, खीरा, करेला, परवल, तरोई, कदू।
(4) अम्बैलीफैरी : गाजर, धनियाँ
(5) लेग्यूमिनोसी* : मटर, सेम, मेथी, बांकला, सोयाबीन, राजमा, आदि।
(6) मालवेसी : भिण्डी
(7) सोलेनेसी* : आंतू, बैगन, टमाटर, मिर्च*

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मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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