घर: पाठ-2

पापा, क्यों अच्छा लगता है
अपना प्यारा-प्यारा घर?
घूम-घाम लें, खेल-खाल लें
नहीं भलता लेकिन घर।

नहीं आपको लगता पापा
है माँ की गोदी-सा घर।
प्यारी-प्यारी ममतावाला
सुंदर-सुंदर न्यारा घर।

थककर जब वापस आते हैं
कैसे बिछ-बिछ जाता घर।
खिला-पिला आराम दिलाकर
नई ताज़गी देता घर।

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बातचीत के लिए

1. आपको अपने घर में सबसे अधिक क्या अच्छा लगता है और क्यों?
Ans.
मुझे अपने घर में सबसे अधिक अपने परिवार के साथ समय बिताना अच्छा लगता है, क्योंकि वहाँ मुझे प्यार, अपनापन और सुरक्षा मिलती है। घर का माहौल मुझे बहुत सुकून देता है।

2. आपको कब-कब घर की याद आती है?
Ans.
जब मैं कहीं बाहर जाता हूँ, जैसे स्कूल, टूर या रिश्तेदारों के यहाँ, और थक जाता हूँ या घर का खाना याद आता है, तब मुझे अपने घर की बहुत याद आती है।

3. घर को माँ की गोदी-सा क्यों कहा गया है?
Ans.
घर को माँ की गोदी-सा इसलिए कहा गया है क्योंकि जैसे माँ की गोदी में हमें सुकून, सुरक्षा और प्यार मिलता है, वैसे ही घर में भी हमें आराम, ममता और अपनापन महसूस होता है।

4. कोई ऐसी घटना सुनाइए जब पूरे परिवार ने साथ मिलकर घर का कोई काम किया हो।
Ans.
पिछली गर्मियों की छुट्टियों में हमने पूरे परिवार ने मिलकर घर की सफाई की थी। पापा ने पुरानी अलमारियाँ ठीक कीं, माँ ने रसोई को सजाया, और हम बच्चों ने दीवारें साफ कीं और किताबें जमाईं। सबने मिलकर काम किया और फिर साथ में आइसक्रीम खाई। वह दिन बहुत मज़ेदार था।

खोजें-जानें

1. ‘घर’ कविता अपने परिवार के किसी सदस्य को सुनाइए। घर या परिवार पर उनसे कोई अन्य कविता या कहानी सुनाने के लिए कहिए।
Ans.

मेरा घर

छोटा-सा प्यारा घर मेरा,
प्यार भरा संसार है यह।
माँ की ममता, पापा का साथ,
भाई-बहन की मीठी बात।

हँसी-खुशी से भर जाता है,
जब सब मिल बैठ जाते हैं।
घर तो ईश्वर का उपहार,
हर दिल को सुकून दे बार-बार।

2. अपने परिवार के लोगों से बात करके पता कीजिए और लिखिए −

परिवार के लोगआप किस नाम से बुलाते हैं?
आपकी माँ की बहनमासी
आपकी माँ के भाईमामा
आपके पिताजी की बहनबुआ
आपके पिताजी के भाईचाचा

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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