कौन : पाठ-10

अगर न होता चाँद, रात में,
हमको दिशा दिखाता कौन?
अगर न होता सूरज, दिन को,
सोने-सा चमकाता कौन?

अगर न होती निर्मल नदियाँ,
जग की प्यास बुझाता कौन?

अगर न होते पर्वत, मीठे,
झरने भला बहाता कौन?

अगर न होते पेड़ भला फिर,
हरियाली फैलाता कौन?
अगर न होते फूल बताओ,
खिल-खिल कर मुसकाता कौन?

अगर न होते बादल, नभ में,
इंद्रधनुष रच पाता कौन?
अगर न होते हम तो बोलो,
ये सब प्रश्न उठाता कौन?

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बातचीत के लिए

1. अगर चाँद और सूरज न होते तो क्या होता?
Ans.
अगर चाँद न होता तो रात अंधेरी और उदास लगती, हमें दिशा नहीं मिलती।
अगर सूरज न होता तो दिन में उजाला न होता, ठंडक रहती और जीवन संभव न होता।

2. क्या आपने इंद्रधनुष देखा है?
Ans.
हाँ, इंद्रधनुष बारिश के बाद आसमान में दिखाई देता है।

3. इंद्रधनुष कब बनता है? पता कीजिए।
Ans.
इंद्रधनुष तब बनता है जब बारिश की बूँदों पर सूरज की किरणें पड़ती हैं। पानी की बूंदें प्रकाश को सात रंगों में बाँट देती हैं, जिससे इंद्रधनुष बनता है।

4. आपने इंद्रधनुष में कौन-कौन से रंग देखे हैं?
Ans.
इंद्रधनुष में सात रंग दिखाई देते हैं –
लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, आसमानी (जामुनी) और बैंगनी।

सोचिए और लिखिए

1. इन शब्दों से प्रश्न बनाइए –

2. कविता के आधार पर नीचे दिए गए वाक्यों को पूरा कीजिए –

(i) अगर पेड़ न होते तो “
Ans.
हरियाली फैलाता कौन?

(ii) अगर नदियाँ न होतीं तो
Ans.
जग की प्यास बुझाता कौन?

(iii) अगर पर्वत न होते तो
Ans.
मीठे, झरने भला बहाता कौन?

(iv) अगर फूल न होते तो
Ans.
खिल-खिल कर मुसकाता कौन?

इसी तरह के कुछ और वाक्य बनाइए और अपनी कॉपी में लिखिए।

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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