धात्विक खनिज वे खनिज हैं जिन्हें गलानें से धातु प्राप्त होते हैं। ज्ञातव्य है कि धातु लचीले होते हैं और उन्हें पीटकर कोई भी रूप दिया जा सकता है। ध्यातव्य है कि वर्ष 2015-16 में देश के कुल खनिज उत्पादन मूल्य में धात्विक खनिजों का योगदान 12% का है। धात्विक खनिजों में लौह अयस्क का उत्पादन मूल्य में सर्वाधिक 7.82% का योगदान 2015-16 में था। धात्विक खनिजों को दो भागों में बांटा गया है।
देश के प्रमुख खनिजों का विवरण अधोलिखित है।
लौह अयस्क (Iron Ore)
लौह-अयस्क चार प्रकार का होता है। यथा-
(1) मैग्नेटाइट (Fe₂O)- यह काले रंग का सर्वोत्तम किस्म का चुम्बकीय लौह अयस्क है* जिसमें धातु का अंश 72 प्रतिशत पाया जाता है। इस धातु में वैनेडियम, टाइटेनियम तथा क्रोमियम के भी अंश पाये जाते हैं। इस अयस्क का 92% भाग दक्षिणी क्षेत्र में पाया जाता है। जैसे कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु ।
(2) हेमेटाइट अयस्क (Fe₂O₃)- इसमें धातु का प्रतिशत 60 से 70 तक होता है। यह ऑक्सीजन और लोहे का सम्मिश्रण होता है। लोहे का यह दूसरा सर्वोत्तम किस्म है। * इस अयस्क का 59% पूर्वी क्षेत्र में पाया जाता है। जैसे-झारखण्ड ओडिशा, छत्तीसगढ़ आदि। भारत का अधिकांश लोहा इसी प्रकार का है।*
(3) लियोनाइट (2Fe₂O₃, 3H₂O)- यह जलयोजित लोहा ऑक्साइड कहलाता है, जिसमें 40 से 50 प्रतिशत लोहे का अनुपात होता है। यह अवसादी शैलों से प्राप्त किया जाता है।
(4) सिडेराइट (Fe₂CO₃)- इसको लोहा कार्बोनेट कहते हैं। इसमें लौह धातु का अंश 40 से 45 प्रतिशत होता है। यह भी अवसादी शैलों से ही प्राप्त होता है।
इसके अतिरिक्त लैटेराइट शैलों के ऋतुक्षरण के फलस्वरूप अवशिष्ट खनिज के रूप में घटिया लोहे और एल्युमिनियम का संकेन्द्रण होता है। इसका उपयोग अनार्थिक माना जाता है।
• मिनरल ईयर बुक 2019 के अनुसार-देश में लौह अयस्क (हेमेटाइट 22487 मिलि. टन एवं मैग्नेटाइट 10789 मिलि. टन) का कुल संचित संसाधन लगभग 33276 मिलियन टन है जिसमें कर्नाटक, ओडिशा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ एवं आन्ध्र प्रदेश का क्रमशः शीर्ष स्थान है।*
ज्ञातव्य है कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों- ओडिशा, झारखण्ड, पं. बंगाल, छत्तीसगढ़ और उत्तरी आंध्र प्रदेश में देश के 80.0% लौह भंडार पाये जाते हैं (भारत: 2020)।
हेमेटाइट भण्डारक शीर्ष पाँच राज्य | |
राज्य | भण्डार % में (1.04.15 तक) |
• ओडिशा | 34 |
• झारखण्ड | 23 |
• छत्तीसगढ़ | 22 |
• कर्नाटक | 11 |
• गोवा | 5 |
मैग्नेटाइट भण्डारक शीर्ष पाँच राज्य | |
राज्य | भण्डार % में (1.04.2015 तक) |
• कर्नाटक * | 72 |
• आन्ध्रप्रदेश | 13 |
• राजस्थान | 6 |
• तमिलनाडु | 5 |
• गोवा | 2 |
• वर्तमान समय में विश्व में लौह अयस्क के उत्पादन में भारत का चतुर्थ स्थान (7.05%) है। मिनरल ईयर बुक 2019 के अनुसार-देश में लौह अयस्क का उत्पादन 206.44 मिलियन टन है।
लौह अयस्क उत्पादक शीर्ष चार राज्य | |
क्रम | राज्य (2018-19)(P) |
• प्रथम | ओडिशा (54.76%) |
• द्वितीय | छत्तीसगढ़ (16.93%) |
• तृतीय | कर्नाटक (14.43%) |
• चतुर्थ | झारखण्ड (11.35%) |
देश के लौह अयस्क उत्पादक प्रमुख क्षेत्र अधोलिखित हैं यथा-
क्षेत्र | राज्य |
• छत्तीसगढ़ | डाली राजहरा पहाड़ी, बैलाडिला*, (दुर्ग और दन्तेवाड़ा जिला) |
• कर्नाटक | बाबाबूदन*, कुद्रेमुख, बंगारकल, अनादुर्गा (बेलारी और चित्रदुर्ग जिले) |
• ओड़िशा | गुरुमहिसानी, पोम्पाद, बादाम पहाड़ (मयूरगंज और सुन्दरगढ़ जिले) |
• झारखण्ड | पंसिराबुरु, बड़ावुरु, नोवामण्डी* (सिंहभूमि और अन्य जिले) |
• आन्ध्र प्रदेश | ओंगोल-गुण्डलक्कमा, छाबली (ओंगोल और गुण्टूर जिले) |
• गोवा | अदुलमाले, उसां, (उत्तरी और दक्षिणी गोवा) |
• पश्चिम बंगाल | दामूदा श्रेणी (वर्द्धमान जिला) |
मैंगनीज (Manganese)
वर्तमान में भारत विश्व मैंगनीज उत्पादन का 5.32% उत्पादित कर संसार में सातवाँ स्थान रखता है। लौह-इस्पात उद्योग में एक प्रमुख कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होता है। इसके विविध उपयोग हैं, यथा- शुष्क बैटरियों, चमड़ा तथा माचिस उद्योगों में, काँच को रंगने, पॉटरी, पेन्ट, रंगीन ईंटें आदि बनाने में यह प्रयुक्त होता है।
• मैंगनीज भारत के धारवाड़ शैलों में प्राकृतिक ऑक्साइड के रूप में मिलता है।* साइलोमिलेन * तथा ब्रॉनाइट 90% मैंगनीज अयस्क का निर्माण करती है। * इसकी प्राप्ति पाइरोलूसाइट, मैग्नेटाइट, रोडोक्रोसाइट जैसे अयस्कों से भी होती है।
शीर्ष मैंगनीज उत्पादक तीन राज्य (2018-19) | |
क्रम | राज्य |
• प्रथम | मध्य प्रदेश |
• द्वितीय | महाराष्ट्र |
• तृतीय | ओडिशा |
शीर्ष तीन मैंगनीज भण्डारक राज्य | |
क्रम | राज्य (01/04/2015 तक) |
• प्रथम | ओडिशा |
• द्वितीय | कर्नाटक |
• तृतीय | मध्य प्रदेश |
देश के प्रमुख मैंगनीज उत्पादक क्षेत्र अधोलिखित हैं। यथा-
राज्य | क्षेत्र |
• ओडिशा | केन्दुझार, बोनाई, कालाहाण्डी, गंगापुर, बारबिल, धुबना, भूतरा, कुतुंगी (सुन्दरगढ़, क्योंझर जिले) |
• मध्य प्रदेश | जमरपानी, टिरोडी, पोनिया (बालाघाट जिला)* |
• महाराष्ट्र | डोंद्वारी, बुजुर्ग, चिखला (भण्डारा, नागपुर और रत्नागिरि जिले) |
• कर्नाटक | सन्दूर पहाड़ी (बेल्लारी जिला) |
• आन्ध्र प्रदेश | कोदूर, गारीविदी, धरभम, पेरापी, देवादा, राधानन्दपुरम (विजयनगरम जिला) |
• गोवा | दक्षिणी गोवा |
ताँबा (Copper)
देश में प्रागैतिहासिक काल से ही ताँबे का प्रयोग हो रहा है। इसे टिन में मिश्रित करने पर काँस्य (Bronze) तथा जस्तें में मिलाने पर पीतल (Brass) बनता है। * ताँबे का प्रयोग विद्युतीय उद्योगों तथा बर्तन बनाने में अधिकांशतः होता है। इन्जीनियरी, कैलिको प्रिटिंग तथा रंगाई में भी यह प्रयुक्त होता है।
• ताँबे की प्राप्ति धारवाड़ क्रम की शिष्ट एवं फाइलाइट शैलों की शिराओं से होती हैं।* देश में 1 अप्रैल, 2015 तक ताँबे का भण्डार 1.51 बिलियन टन का था। ताँबा के अनुमानित भण्डार की दृष्टि से शीर्ष तीन राज्य क्रमशः राजस्थान (53.81%), झारखण्ड (19.54%), मध्य प्रदेश (18.75%), जबकि उत्पादन की दृष्टि से शीर्ष तीन राज्य क्रमशः म. प्र. (53%) राजस्थान (42%) एवं झारखण्ड (4%) (2018-19) हैं।*
• प्रकृति में ताँबा खनिज कई रूपों में मिलता है। यथा-
• चेल्कोपाइराइट, चेल्कोसाइट एवं बोर्नाइट के सल्फाइट के रूप में।
• क्यूप्राइट के ऑक्साइड के रूप में।
• मैचेलाइट एवं एजुराइट के कार्बोनेट के रूप में।
• खेतड़ी का ताँबा खान जो राजस्थान के झुंझुनू में स्थित है, सैन्धव काल से ही इसके उत्पादन के लिए सुप्रसिद्ध है। राज्यानुसार ताँबे के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र निम्न हैं। यथा-
राज्य | क्षेत्र |
• मध्य प्रदेश | तरेगांव, मलाजखण्ड (बालाघाट जिला)* |
• राजस्थान * | खेतड़ी-सिंघाना, खो-दरीवा-भगोनी (झुंझुनूं और अलवर जिले) |
• झारखण्ड | मोसाबानी, धोवानी, सुरदा, पाथरगोड़ा, राखा, सोनामाखी (सिंहभूमि पूर्वी) |
• आन्ध्र प्रदेश | अग्निगुण्डल, गनी (गुण्टूर जिला) |
• सिक्किम | रंगपो, भोटांग, पाचेयखानी |
• देश में ताँबा का उत्पादन आवश्यकता से कम होता है। कारणस्वरूप यू. एस. ए., कनाडा एवं मैक्सिकों आदि देशों से इसका आयात किया जाता है। ज्ञातव्य है कि वर्तमान में ताम्र रिफाइण्ड के उत्पादन में भारत का विश्व में ग्यारहवाँ स्थान है। वर्ष 2018 में भारत का विश्व ताम्र रिफाइण्ड उत्पादन में 1.90 प्रतिशत (454 हजार टन) का योगदान था। इस अयस्क के उत्पादन एवं भण्डार की दृष्टि से भारत में तीन महत्वपूर्ण जिले झुंझुनू (राजस्थान), बालाघाट (म.प्र.) एवं सिंहभूमि (झारखण्ड) हैं।
बॉक्साइट (Bauxite)
बॉक्साइट टर्शियरी युग में निर्मित लेटराइटी शैलों से सम्बद्ध है, जो एल्युमिनियम का ऑक्साइड है। यह अवशिष्ट अपक्षय का प्रतिफल है जिससे सिलिका का निक्षालन होता है। ज्ञातव्य है कि बॉक्साइट में एल्युमिना की मात्रा 55 से 65 प्रतिशत होता है।
• एल्युमिनियम एक हल्की, मजबूत, धातुवर्द्धनीय (Malleable), तन्य (Ductile), ऊष्मा एवं विद्युत की संचालक तथा वायुमण्डलीय संक्षारण की प्रतिरोधी धातु होने के कारण सर्वाधिक उपयोगी धातुओं में गिनी जाने लगी है। यह विद्युत, धातुकर्मी, वैमानिकी (Aeronautics), स्वचालित वाहनों, रसायन, रिफ्रेक्टरी अपघर्षी (Abrasives) तथा बर्तन बनाने में प्रयुक्त होती है। 3 टन • IMYB-19 के अनुसार-भारत में बॉक्साइट का कुल भण्डार 3896 मिलियन टन (1.04.2015 तक) है।
शीर्ष चार बॉक्साइट भण्डार वाले राज्य | |
क्रम | राज्य |
• प्रथम | ओडिशा* (51%) |
• द्वितीय | आंध्र प्रदेश (16%) |
• तृतीय | गुजरात (9%) |
• चतुर्थ | झारखण्ड (6%) |
देश के पाँच शीर्ष बॉक्साइट उत्पादक राज्य अधोलिखित हैं। यथा-
क्रम | राज्य (2018-19)(P) |
• प्रथम | ओडिशा * |
• द्वितीय | झारखण्ड |
• तृतीय | गुजरात |
• चतुर्थ | छत्तीसगढ़ |
• पंचम | महाराष्ट्र |
• IMYB- 2019 के अनुसार आन्ध्रप्रदेश में बॉक्साइट का संचित संसाधन 16% है।
• विश्व में बॉक्साइट के उत्पादन में भारत का कुल योगदान 23840 हजार टन (7.2%) के साथ पंचम स्थान है।*
• WMP: 2014-18 के अनुसार भारत विश्व का 5.8% एल्युमिनियम उत्पादन कर चतुर्थ स्थान पर है।*
• भारत के प्रमुख बॉक्साइट उत्पादक क्षेत्र निम्नलिखित हैं। यथा-
राज्य | क्षेत्र |
• ओडिशा | बोलांगीर, पंचपतमाली पहाड़ियां * (कोरापुट) |
• मध्य प्रदेश | अमरकंटक (मण्डला), अमरकंटक (शहडोल) |
• छत्तीसगढ़ | फुट्का पहाड़ (बिलासपुर) |
• झारखण्ड | रिचुगुटा (पलामू), बगरु, भूसर (लोहारदगा) |
• महाराष्ट्र | छांगड़, नगर तरावाड़ी (कोल्हापुर) |
• तमिलनाडु | रकोड, कोली पहाड़ियां (सलेम) |
• गुजरात | कच्छ, जामनगर |
क्रोमाइट (Chromite)
क्रोमाइट लोहे तथा क्रोमियम का ऑक्साइड है, जो ड्यूनाइट, पेरिडोटाइट तथा सर्पेन्टाइन जैसी अत्यधिक क्षारीय आग्नेय शैलों में मिलता है।* यह क्रोमियम के उत्पादन में सबसे महत्वपूर्ण अयस्क है, जो धातुकर्मी, रिफ्रेक्टरी तथा रासायनिक उद्योगों में व्यापक रूप में प्रयुक्त होता है। फेरो-क्रोम का प्रयोग विशिष्ट अघर्षनीय इस्पातों तथा आर्मर-प्लेटों के निर्माण में किया जाता है।
● WMP : 2014-18 के अनुसार भारत क्रोमाइट के उत्पादन में विश्व में चतुर्थ स्थान (9.73%) रखता है।* देश में सर्वाधिक क्रोमाइट का उत्पादन ओडिशा (99.9%) में होता है और यही राज्य सर्वाधिक भण्डारक भी है। * ज्ञातव्य है कि क्रोमाइट का अधिकांश भण्डार सुकिंदा घाटी (कटक) एवं जाजपुर जिले में पाया जाता है। देश में प्रमुख क्रोमाइट उत्पादक क्षेत्र निम्न हैं। यथा-
राज्य | क्षेत्र |
• ओडिशा | जाजपुर, ढेंकनाल, क्योंझर |
• कर्नाटक | हसन |
• महाराष्ट्र | भण्डारा |
सीसा एवं जस्ता (Lead & Zinc)
गैलेना सीसा का प्रमुख खनिज अयस्क है, जो प्रायः जस्ता एवं चाँदी के साथ सम्मिलित रहता है।* सामान्यतः यह शिष्ट शैलों की शिराओं तथा विन्ध्यन चूना पत्थर शैलों में मिलती है। सीसा अपघर्षण रोधी धातु है जिसका प्रयोग लोहे की चादरों की कोटिंग, अम्लीय टैंकों की लाइनिंग, स्टोरेज बैटरी, एम्युनिशन आदि के निर्माण, प्लम्बिंग का सामान, वायुयानों, विद्युतीय तारों तथा कैलकुलेटिंग मशीनों आदि के बनाने में किया जाता है। सीसा के एसीटेट का उपयोग औषधि के रूप में तथा सीसा का नाइट्रेट केलिको प्रिंटिक तथा रंगाई में किया जाता है।
• सीसा के भण्डार (89.44%) तथा उत्पादन में राजस्थान का सर्वोच्च स्थान है।*
• इसकी प्रमुख खानें राजस्थान में जावर (उदयपुर) नामक स्थान में अवस्थित हैं जहाँ हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा इसे निकालने का भी कार्य किया जाता है।
स्फेलेराइट जस्ते का प्रमुख स्त्रोत है, जो शैलों की शिराओं में गेलेना, लौह-पाइराइट, कैलेमीन, जिंकाइट तथा विलेमाइट आदि अयस्कों के साथ मिलता है। लोहे को जंगरोधी बनाने में इसका सर्वाधिक उपयोग होता है।* मिश्र धातुएँ, शुष्क बैटरी, इलेक्ट्रोड, पेन्ट, सिरामिक वस्तुएँ, स्याही, माचिस आदि बनाने में किया जाता है। ताँबे के साथ इसे मिलाने पर पीतल (Brass) तैयार होता है, जबकि जर्मन सिल्वर, जस्ता, ताँबा तथा निकिल का मिश्र रूप है।*
• जस्ते का अधिकांश निक्षेप एवं उत्पादन (100%) राजस्थान में होता है (IMYB : 2019)।* उदयपुर जिले का जावर क्षेत्र देश का सबसे विशाल तथा महत्वपूर्ण जस्ता उत्पादक क्षेत्र है।*
• देश में जस्ता प्रद्रावण के तीन केन्द्र अलवाए (केरल), देबारी (राजस्थान) तथा विशाखापट्टनम (आन्ध्र प्रदेश) में स्थापित हैं।
• IMYB : 2019 के अनुसार जिंक एवं सीसा का सर्वाधिक भण्डारक राज्य राजस्थान है।
सीसा तथा जस्ता के महत्वपूर्ण उत्पादक क्षेत्र निम्नलिखित हैं। यथा-
राज्य | क्षेत्र |
• राजस्थान | रामपुरा-आगूचा, राजपुरा दरीबा, पुरबनेड़ा (उदयपुर,भीलवाड़ा और राजसमन्द जिले) |
• आन्ध्र प्रदेश | बन्दलमोटु, अग्निगुण्डाला (गुण्टूर जिला) |
• ओडिशा | सारगीपल्ली (सुन्दरगढ़ जिला) |
• सिक्किम | भोटांग, पाचेयखानी |
चाँदी (Silver)
चाँदी अधिकतर जस्ता, ताँबा, शीसा अथवा सोने के अशुद्ध अयस्क के साथ मिश्रित रूप में पाया जाता है। विशुद्ध रूप में चाँदी की खानें भारत में नहीं पायी जाती हैं। भारत में इसका उत्पादन (6.5 लाख किग्रा.) बहुत ही कम होता है (WMP: 2014-18)। देश में इसका सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में होता है।
चाँदी के दो उत्पादक राज्य (2018-19, अ.) | |
क्रम | राज्य |
• प्रथम | राजस्थान (99.9%) |
• द्वितीय | कर्नाटक (0.03%) |
• चाँदी उत्पादन क्षेत्र में कोलार क्षेत्र कर्नाटक में और राजस्थान में जावर क्षेत्र प्रमुख माने जाते हैं।
• भारत में चाँदी का सर्वाधिक उत्पादन हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड व उसके बाद हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के द्वारा किया जाता है।
टिन (Sn)
भारत में टिन का भंडार सीमित मात्रा में है। इसका लगभग सम्पूर्ण भण्डार एवं उत्पादन छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में होता हैं। मिश्र धातुओं के निर्माण, टिन की चादरें बनानें एवं शोल्डरिंग उद्योग में टिन का उपयोग किया जाता है। (राजस्व निरी.-2014)
स्वर्ण (Gold)
भारत में यह लोंदे के रूप में तथा नदियों की बालू में मिलता है। देश का अधिकांश स्वर्ण अयस्क धारवाड़ शिस्ट शैलों में क्वार्टज की शिराओं में प्राप्त होता है। कर्नाटक के कोलार तथा हट्टी स्वर्ण क्षेत्र में देश का सर्वाधिक स्वर्ण का उत्पादन होता है। देश में स्वर्ण धातु भण्डार का 47.44 प्रतिशत भाग कर्नाटक में ही है। (स्रोत: IMYB: 2019) आन्ध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में रामगिरि की खानों से भी कुछ सोना निकाला जाता है।*
शीर्ष 5 स्वर्ण (धातु) भण्डार/संसाधन वाले राज्य (1 अप्रैल, 2015 तक) | |
• प्रथम | कर्नाटक |
• द्वितीय | राजस्थान |
• तृतीय | आंध्र प्रदेश |
• चतुर्थ | बिहार |
• पंचम | झारखण्ड |
• GMFS, Gold Survey: 2020 के अनुसार विश्व में स्वर्ण की सर्वाधिक खपत चीन में होती है, भारत अब दूसरे स्थान पर हो गया है।
• देश में स्वर्ण का पहला परिशोधन कारखाना निजी क्षेत्र में महाराष्ट्र के धुले जिले के शिरपुर में स्थापित (2001) किया गया है। जबकि ‘सोहना’ (हरियाणा में) में एक गोल्ड रिफाइनरी की स्थापना की जा रही है।
• 27 जुलाई, 2015 को भारतीय कम्पनी राजेश एक्सपोर्ट ने 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर में विश्व की सबसे बड़ी स्वर्ण परिशोधनशाला ‘वलकैम्बी’ (Volcambi) का शत-प्रतिशत अधिग्रहण कर लिया।
हीरा (Diamond)
हीरे के अयस्क तीन प्रकार के भौगोलिक स्थितियों में पाये जाते हैं। यथा- किंबरलाइट पाइप, कांग्लोमेरेट बेड्स तथा एल्युविअल ग्रेवल ।
• भारत में हीरा भण्डार वाले प्रमुख क्षेत्र हैं- म.प्र. का पन्ना पट्टी, आन्ध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले में मुनीमाडुगु, समल्लाकोटा व बंगनपल्ले एवं अनंतपुर जिले में बजकरुर तथा कृष्णा नदी थाले का रेतीला क्षेत्र। फिलहाल केवल पन्ना की खानों से ही हीरे निकाले जाते हैं।
• मुगल, पिट, महान और लोफ आदि प्रसिद्ध हीरे मध्य भारत क्षेत्र से प्राप्त किये गए हैं। ज्ञातव्य है कि विश्व प्रसिद्ध हीरा ‘कोहिनूर’ आन्ध्र प्रदेश के गोलकुंडा खान से निकाला गया था।
• वर्तमान समय में मध्यप्रदेश हीरा उत्खनन की दृष्टि से देश का एक मात्र राज्य है। यहाँ पन्ना तथा सतना जिले में हीरा की कई महत्वपूर्ण खानें हैं। प्री-कैम्ब्रियन काल की जीवाश्मरहित विंध्यन शैलों की नसों में मिलने वाला यहाँ का हीरा काफी मूल्यवान माना जाता है।
• वास्तव में हीरा कार्बन का सबसे शुद्ध रूप एवं प्रकृति का सबसे कठोर तत्व माना जाता है। मुम्बई इसकी सबसे बड़ी मंडी है जहाँ हीरे की कटाई होती है।
हीरे के कुल संसाधन वाले शीर्ष 3 राज्य (1 अप्रैल, 2015 तक) | |
राज्य | कुल संसाधन (% में) |
1. मध्य प्रदेश | 90.18 |
2. आंध्र प्रदेश | 5.72 |
3. छत्तीसगढ़ | 4.09 |
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FAQs
Q1. धात्विक खनिज किन चट्टानों में पाये जाते हैं?
Ans. आग्नेय चट्टान
Q2. अधात्विक खनिज पाये जाते हैं?
Ans. परतदार चट्टानों में
Q3. इलेक्ट्रॉनिक उपयोग से सम्बन्धित खनिज हैं
Ans. कैडमियम एवं पारा
Q4. आणविक खनिजों में कौन-कौन से खनिज शामिल हैं?
Ans. यूरेनियम, थोरियम, प्लूटोनियम, बेरीलियम, ग्रेफाइट तथा इल्मेनाइट आदि
Q5. ईंधन खनिज-कोयला तथा पेट्रोलियम किस प्रकार की चट्टानों में पाये जाते हैं?
Ans. अवसादी शैलों में
Q6. भारत में सर्वाधिक खनिज सम्पन्न किस युग एवं क्रम की चट्टानें हैं?
Ans. आर्कियन युग की धारवाड़ क्रम की चट्टानें
Q7. लोहा, मैंगनीज, ताँबा, शीसा एवं यूरेनियम आदि मुख्यतः किस क्रम के चट्टानों से जुड़े हैं?
Ans. धारवाड़ क्रम
Q8. भवन निर्माण सम्बन्धी चट्टानों के अतिरिक्त सीमेंट की कच्ची सामग्री का स्रोत किस युग की चट्टानें हैं?
Ans. विन्ध्यन युग
Q9. धारवाड़ क्रम के ही अरावली क्रम में ताँबा, शीसा तथा जस्ता किस रूप में मिलते हैं?
Ans. शिराओं (Veins) के रूप में
Q10. धातु उद्योग के महत्वपूर्ण धात्विक खनिजों का निर्माण किस काल में हुआ था?
Ans. पुराकल्प (पेलियोजोइक इरा)
Q11. देश के महत्वपूर्ण कोयला निक्षेप समाहित है?
Ans. गोंडवाना युग की बलुआ पत्थर प्रधान चट्टानों में
Q12. विद्युत का कुचालक होता है?
Ans. शीसा
Q13. शीसा का किस उद्योग में सर्वाधिक उपयोग होता है?
Ans. लौह-इस्पात
Q14. भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम संयत्र परिसर है?
Ans. नेशनल एल्युमिनियम कम्पनी लि. (नाल्को) ओडिशा
Q15. एशिया की वृहत्तम यंत्रीकृत लौह अयस्क खान है?
Ans. बैलाडिला खान (छत्तीसगढ़)
Q16. मैग्नेटाइट लौह अयस्क के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं?
Ans. कुद्रेमुख (कर्नाटक), सलेम (तमिलनाडु), कोझीकोड (केरल)
Q17. लौह अयस्क का वितरण किस युग की चट्टानों में मुख्यतः संकेन्द्रित है?
Ans. धारवाड़ युगीन
Q18. गोवा में लौह अयस्क खनन का विकास किन कारणों से हुआ है?
Ans. मर्मगोवा पत्तन तथा सस्ते जल परिवहन की सुविधा
Q19. बोकारों इस्पात संयत्र को किस खान से लौह अयस्क की आपूर्ति होती है?
Ans. किरिबुरु (झारखण्ड)
Q20. प्रमुख लौह अयस्क क्षेत्र बरामजादा समूह किस प्रदेश में स्थित है?
Ans. झारखण्ड एवं ओडिशा
Q21. भारत से किस देश को सर्वाधिक लोहे का निर्यात किया जाता है ?
Ans. चीन एवं जापान
Q22. भण्डारा जिला (महाराष्ट्र) में किसका प्रमुख निक्षेप पाया जाता है?
Ans. लौह अयस्क
Q23. प्रकृति में मैंगनीज किस रूप में पायी जाती है?
Ans. प्राकृतिक ऑक्साइड के रूप में धारवाड़ युग की अवसादी चट्टानों में पायी जाती है।
Q24. फेरो मैंगनीज किसका मिश्र धातु है?
Ans. लोहा एवं मैंगनीज
Q25. साइलोमिलेन किसका अयस्क है?
Ans. मैंगनीज का
Q26. भारत अपने मैंगनीज का सर्वाधिक भाग किस देश को निर्यात करता है?
Ans. चीन एवं नीदरलैण्ड्स
Q27. मैंगनीज का सर्वाधिक उत्पादक राज्य है?
Ans. मध्य प्रदेश (IMYB : 19)
Q28. भण्डारण की दृष्टि से सर्वोच्च मैंगनीज भण्डारक राज्य है?
Ans. ओडिशा
Q29. शुष्क बैटरियों के निर्माण में किस खनिज का प्रयोग किया जाता है?
Ans. मैंगनीज
Q30. गंगापुर, बोनाई तथा कालाहांडी किसका उत्पादक क्षेत्र है?
Ans. मैंगनीज
Q31. किसी लौह प्रस्तर में कितने प्रतिशत मैंगनीज की उपस्थिति में वह मैंगनीज होगा?
Ans. 40 प्रतिशत
Q32. बॉक्साइट मूलतः क्या है?
Ans. हाइड्रेटेड एल्युमिनियम ऑक्साइड
Q33. यदि किसी लौह प्रस्तर में 5 प्रतिशत से कम मैंगनीज होता है, तो उसे कहते है?
Ans. लोहा
Q34. लोहा, मैंगनीज एवं निकिल में किसका योगदान इस्पात बनाने में सबसे कम होता है?
Ans. निकिल
Q35. भारत में सर्वाधिक ताँबे का उत्पादन किसके द्वारा किया जाता है?
Ans. हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड (1967)
Q36. खेतड़ी-सिंघाना एवं दरीबों क्षेत्र किसके उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है?
Ans. ताँबा
Q37. डोलोमाइट का सर्वाधिक भण्डार किस प्रदेश में पाया जाता है?
Ans. म.प्र. (27%-IMYB: 2019)
Q38. लौह इस्पात उद्योग में उच्च ताप सह के रूप में किस खनिज का प्रयोग किया जाता है?
Ans. डोलोमाइट
Q39. रोल्ड-गोल्ड किसका मिश्रित रूप है?
Ans. ताँबा एवं सोना
Q40. यांत्रिक सभ्यता का धुरी उपमा किस खनिज को प्रदान किया गया है?
Ans. लौह खनिज
Q41. किस राज्य में सर्वप्रथम लौह अयस्क उत्पादन प्रारम्भ हुआ था?
Ans. झारखण्ड
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