मिठाइयों का सम्मेलन : पाठ-9

छगनलाल हलवाई दुकान बंद करके अपने घर चले गए। अवसर मिलते ही बंद दुकान के भीतर मिठाइयों ने एक सम्मेलन का आयोजन किया। लड्डू दादा को अध्यक्ष बनाया गया। श्रोताओं में इमरती जी, पेड़ा, बरफ़ी बहन, रसगुल्ला, जलेबी बहन, रबड़ी जी, गुलाबजामुन, मैसूरपाक, रसमलाई, सोनपापड़ी, बालूशाही, कलाकंद भाई, गुझिया, काजूकतली और शक्करपारा आदि बैठे।

कलाकंद भाई – आजकल डॉक्टरों द्वारा कुछ लोगों को हमारा सेवन करने से रोका जा रहा है।

सोनपापड़ी – क्या आप जानते हैं कि डॉक्टर लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं?

जलेबी बहन –  बरफ़ी बहन तुम ही बता दो न!

बरफ़ी बहन – आप इस तरह मेरा मजाक मत उड़ाइए।

मैसूरपाक – बरफ़ी बहन और जलेबी बहन, आप दोनों यह न भूलें –

मीठा अपना स्वाद है, मीठे-मीठे बोल ।
बस मिठास फैलाइए, मन दरवाजे खोल।।

रसगुल्ला – आप यह नहीं जानते कि हमारी अति मिठास ही हमारी उपेक्षा का कारण है।

गुलाबजामुन – रसगुल्ला भाई बिलकुल सही कह रहे हैं पर –

जीभ चटोरी न सुने, माँगे मीठा मोर।
मीठा-मीठा खाय के, लोग न होवें बोर।।

गुझिया- कुछ लोगों के शरीर में शक्कर की मात्रा बढ़ रही है।

रबड़ी जी – आप सभी ने सुना होगा कि जहाँ अति होती है, वहाँ क्षति होती है। हमारा सेवन करते समय लोग अति कर देते हैं और बाद में भुगतते हैं।

लड्डू दादा – इसके लिए हमें अपने में शक्कर की मात्रा कम करनी चाहिए।

गुलाबजामुन – फिर हमें मिठाई कौन कहेगा?

लड्डू दादा – ध्यान रखो, शक्कर कम होने से ही हम लोगों के मन में मिठास बढ़ा सकते हैं।

पेड़ा – शुभ कार्यों में मिठाई बाँटने की प्रथा को भला कौन बंद कर सकता है?

लड्डू दादा – लोगों को भी चाहिए कि वे अपनी जीभ पर थोड़ा नियंत्रण रखें। हमारा सेवन करें पर अति न करें। शारीरिक श्रम करते रहें और स्वस्थ रहें।

इस निर्णय के साथ सभी को धन्यवाद देते हुए अध्यक्ष लड्डू दादा ने सम्मेलन समाप्ति की घोषणा की।

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बातचीत के लिए

1 . आपको कौन-सी मिठाई सबसे अधिक पसंद है और क्यों?
Ans.
मुझे रसगुल्ला सबसे अधिक पसंद है क्योंकि यह नरम, रस से भरा और बहुत स्वादिष्ट होता है।

2. आपके घर में मिठाई कब-कब बनाई और बाँटी जाती है?
Ans.
हमारे घर में मिठाई त्योहारों, जन्मदिनों, शादी-ब्याह और खुशी के अवसरों पर बनाई और बाँटी जाती है।

3. घर से विद्यालय तक जाते हुए आपको किन-किन वस्तुओं की दुकानें मिलती हैं?
Ans.
मुझे रास्ते में सब्ज़ी की दुकान, फल की दुकान, कपड़े की दुकान, स्टेशनरी की दुकान, मिठाई की दुकान और किराने की दुकानें मिलती हैं।

4. अगर आप अपनी कक्षा में बालसभा का आयोजन करते तो किन-किन बातों पर चर्चा करते?
Ans.
मैं बालसभा में स्वच्छता, पेड़ लगाने, खेल-कूद, अनुशासन, पढ़ाई का महत्व और दूसरों की मदद करने जैसे विषयों पर चर्चा करता।

पाठ के भीतर

1. रसगुल्ला भाई के अनुसार मिठाइयों की उपेक्षा का क्या कारण है?
Ans.
रसगुल्ला भाई के अनुसार मिठाइयों की उपेक्षा का कारण उनकी अति मिठास है, जिससे डॉक्टर लोग कुछ लोगों को उनका सेवन करने से मना करते हैं।

2. लड्डू दादा ने क्या-क्या सुझाव दिए?
Ans.
लड्डू दादा ने सुझाव दिया कि मिठाइयों में शक्कर की मात्रा कम करनी चाहिए, लोग मिठाई खाएँ लेकिन अति न करें, और शारीरिक श्रम करते रहें ताकि स्वस्थ रहें।

3. “फिर हमें मिठाई कौन कहेगा?” गुलाबजामुन ने ऐसा क्यों कहा?
Ans.
जब लड्डू दादा ने शक्कर कम करने की बात कही, तब गुलाबजामुन ने कहा कि अगर मिठाइयों में शक्कर कम होगी तो लोग हमें मिठाई नहीं कहेंगे।

4. इस पाठ में जीभ पर नियंत्रण रखने की बात क्यों कही गई है?
Ans.
इस पाठ में जीभ पर नियंत्रण रखने की बात इसलिए कही गई है क्योंकि मिठाई अधिक खाने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। संयम से मिठाई खाने पर ही हम स्वस्थ रह सकते हैं।

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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