भारत का नामांकन (Nomination of India)

सिन्धु घाटी सभ्यता भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की जननी मानी जाती है। वैदिक आर्यों का निवास स्थान सिन्धु घाटी में ही था। इस देश का नाम ‘ब्रह्मावर्त’ अथवा ‘आर्यावर्त’, उत्तर भारत में निवास करने वाले आर्यों के नाम पर किया गया। ऋग्वैदिक पांच जनों में से शक्तिशाली ‘जन’ (Tribe) ‘भरत’ के नाम पर इस देश का नाम ‘भारत वर्ष’ पड़ा। वायु पुराण के एक अन्य संदर्भ में दुष्यन्त के पुत्र ‘भरत’ का उल्लेख है, जिसके नाम पर इस भू-भाग को ‘भारत’ कहा गया। वास्तव में ‘भारत’ शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम पुराणों में ही मिलता है। बौद्धकाल में इस क्षेत्र को ‘जम्बू द्वीप’ संज्ञा से अभिहित किया गया।

भारत के पर्याय के रूप में प्रयुक्त ‘इण्डिया’ (India) शब्द की व्युत्पत्ति यूनानी शब्द इण्डोई (Indoi) से मानी जाती है। रोमवासी सिंधु नदी को ‘इण्डस’ एवं उसके पूर्व स्थित ‘भू-भाग’ को ‘इण्डिया’ संज्ञा से अभिहित करते थे। पारसियों (ईरानियों) ने सिन्धु नदी को ‘हिन्दू’ एवं इस प्रदेश को सर्वप्रथम ‘हिन्दुस्तान’ नाम से संबोधित किया।

भारत अर्थात् ‘इण्डिया’ (India) अतीत काल से ही एक सुस्पष्ट भौगोलिक एवं भू-राजनीतिक इकाई के रूप में सुस्थापित रहा है। इसके उत्तर-पश्चिम, उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में हिमालय पर्वतमाला और दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व में हिन्द महासागर एवं उसके दो उत्तरी जल भागों-अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी अवस्थित हैं। इसके भौगोलिक विस्तार में भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, एवं भूटान जैसे प्रभुत्व-सम्पन्न देश शामिल हैं, जिसके कारण इसके लिए इसे ‘भारतीय उपमहाद्वीप’ (Indian Subcontinent) की संज्ञा से अभिहित किया जाता है। श्रीलंका एवं मालद्वीव को सम्मिलित करते हुए आज यह समस्त भू- भाग ‘दक्षिण एशिया’ के नाम से जाना जाता है।

अवस्थिति तथा विस्तार (Geographical Location and Extent)

भारत की प्राकृतिक अवस्थिति हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में पायी जाती है। भारतीय प्रायद्वीप सागर के इस क्षेत्र में 1600 किमी. प्रविष्ट होकर इसे अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी संज्ञक दो जलीय क्षेत्रों में विभक्त कर देता है। उभयतटीय स्थिति देश के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार, वाणिज्य एवं मध्य-पूर्व, दक्षिणी-पूर्वी एशिया तथा पूर्वी एशिया के लोगों के साथ सांस्कृतिक संपर्क में महत्व पूर्ण भूमिका अदा किया है।

भारत की आकृति चतुष्कोणीय है। यह दक्षिणी एशिया के मध्य में स्थित है। इसके पूर्व में इण्डोचीन प्रायद्वीप व पश्चिम में अरब प्रायद्वीप स्थित है। इसका उत्तर-दक्षिण विस्तार 3214 किमी. तथा पूर्व-पश्चिम की चौड़ाई 2933 किमी. है। दोनों के बीच अन्तर मात्र 281 किमी. है। समूचा भारत लगभग मानसूनी जलवायु वाले क्षेत्रों में पाया जाता है, जिसका विस्तार उष्ण तथा उपोष्ण के दोनों कटिबन्धों में है। इसका क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी. है।* ज्ञातव्य है कि इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला 78114 वर्ग किमी. क्षेत्र, पाकिस्तान द्वारा अवैध ढंग से 1963 में चीन को प्रदत्त 5180 वर्ग किमी. क्षेत्र और गैर-कानूनी ढंग से चीन के कब्जे वाला 37,555 वर्ग किमी. का आक्साई चिन क्षेत्र भी शामिल है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह विश्व का सातवाँ बड़ा देश (2.43%) है।* भारत का क्षेत्रफल लगभग यूरोप के बराबर (रूस को छोड़कर), कनाडा का एक तिहाई, रूस का पंचमांश, जापान का आठ गुना तथा यूनाइटेड किंगडम का 12 गुना है।

भारत से बड़े शीर्ष 6 देश
देश
क्षेत्रफल (लाख वर्ग किमी. में)
1. रूस
170.75
2. कनाडा
99.84
3. अमेरिका
98.26
4. चीन
95.96
5. ब्राजील
85.12
6. ऑस्ट्रेलिया
76.86

भारत की खगोलिकीय अवस्थिति (Astronomical location of India)

भारत अक्षांशीय दृष्टि से उत्तरी गोलार्द्ध का देश है तथा देशान्तरीय दृष्टि से पूर्वी गोलार्द्ध में मध्यवर्ती स्थिति रखता है।

इसकी मुख्य भूमि का अक्षांशीय विस्तार 8°4′ से 37°6′ उत्तरी अक्षांश और देशान्तरीय विस्तार 68°7′ से 97°25′ पूर्वी देशान्तर के मध्य है।* सम्पूर्ण भारत अर्थात् द्वीपों सहित भारत का अक्षांशीय विस्तार 6°45′ से 37°6′ उत्तरी अक्षांश के मध्य है, अर्थात् भारत का विस्तार उष्ण एवं उपोष्ण दोनों कटिबंधों में है। * ज्ञातव्य है कि उष्ण कटिबंध क्षेत्र का विस्तार 23°30′ उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशों के मध्य होता है। 23°30′ उत्तरी अक्षांश की रेखा जिसे कि कर्क रेखा कहा जाता है, भारत के मध्य से होकर गुजरती है। यह रेखा भारत के कुल आठ राज्यों- गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पं. बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम और सारणीगत शहरों के नजदीक से होकर गुजरती हैं। यह रेखा राजस्थान के डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा (R.A.S./R.T.S.) जिलों से होकर गुजरती है।*

कर्क रेखा के निकटतम स्थित शहर
शहर
राज्य
उ. अक्षांश स्थिति
भोपाल
मध्य प्रदेश
23°25′
जबलपुर
मध्य प्रदेश
23°11′
उज्जैन
मध्य प्रदेश
23°9′
रॉची
झारखण्ड
23°11′
गाँधीनगर
गुजरात
23°13′
आइजोल
मिजोरम
23°36′
अगरतला
त्रिपुरा
23°50′
कोलकाता
प. बंगाल
22°33′
रायपुर
छत्तीसगढ़
21°16′
जोधपुर
राजस्थान
26°29′

82°30′ पूर्वी देशान्तर को भारत का मानक देशान्तर चुना गया है, जो हमें भारत का मानक समय (Indian Standard Time) प्रदान करता है।* मानक देशान्तर चुनने का कारण यह है कि विश्व के देशों में आपसी समझौते के अन्तर्गत मानक देशान्तर 7°30′ देशान्तर के गुणांक पर चुना जाता है ताकि 7°30′ देशांतरीय दूरी पर स्थित स्थानों के बीच आधे घण्टे (30 मिनट) का समयान्तर हो, भारतीय मानक समय ग्रीनविच माध्य (GM.T.) समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे है। * मानक समय के कारण ही भारत के सभी स्थानों की घड़ियाँ एक समय दर्शाती हैं जबकि उत्तर पूर्वी राज्यों में सूर्योदय कच्छ के रन से लगभग दो घण्टे पहले होता है। ज्ञातव्य है कि 82°30 पूर्वी देशान्तर का भारतीय मानक समय देशान्तर रेखा प्रयागराज के नैनी से होकर गुजरती हुई भारत के पाँच राज्यों- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं आन्ध्र प्रदेश से होकर जाती है।* जैसा कि विदित है कि सभी देशान्तर रेखाएं पृथ्वी को बराबर भागों में विभक्त करती हैं। यही कारण है कि सभी देशान्तर रेखाओं को ‘महानवृत्त’ (Great Circle) की संज्ञा प्रदान की जाती है।

मानक समय (S.T.) के निकट प्रमुख शहरों की स्थिति
रीवा
81.19° पू. देशांतर
सागर
78.5° पू. देशांतर
उज्जैन
75.43° पू. देशांतर
होशंगाबाद
77.45° पू. देशांतर
हैदराबाद
78°.29′ पूर्वी देशांतर
भोपाल
77°.30 पूर्वी देशांतर
लखनऊ
81° पूर्वी देशांतर
बंगलुरू (बंग्लौर)
77° .40 पूर्वी. देशांतर

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FAQs

Q1. अगरतला, जबलपुर, उज्जैन तथा गाँधीनगर में से कौन-सा नगर कर्क रेखा से निकटतम दूरी पर स्थित है?
Ans.
उज्जैन

Q2. दिल्ली, जोधपुर, कोलकाता तथा नागपुर में से कौन-सा कर्क रेखा के सर्वाधिक निकट है?
Ans.
कोलकाता

Q3. झारखण्ड, मणिपुर, मिजोरम तथा त्रिपुरा में से कौन-सा राज्य कर्क रेखा के उत्तर में अवस्थित है?
Ans.
मणिपुर

Q4. बंगलुरू और चेन्नई में से कौन सा शहर अधिक दक्षिणवर्ती है?
Ans
. बंगलुरू

Q5. क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के चार सबसे बड़े राज्यों का सही क्रम है?
Ans.
राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश

क्या आप जानते हैं?

• 0° देशान्तर जिसे कि मध्याह्न देशान्तर (Noon Meridian) कहते हैं, के ठीक विपरीत प्रति ध्रुवस्थ (Antipodal) स्थिति पर 180° पूर्वी या पश्चिमी देशान्तर होगा जहाँ अर्द्ध रात्रि होगी, इसलिए 180° को अर्द्ध रात्रि देशान्तर (Mid- night meridian) कहा जाता है। इस क्षण 90° पूर्वी देशान्तर पर सूर्यास्त (Sunset) तथा 90° पश्चिमी देशान्तर पर सूर्योदय (Sunrise) होगा।*

• 360°%24 घण्टा = 15° अर्थात् 15° देशान्तर वृत्त को घंटा-वृत्त (Hour Circle) कहा जाता है। * इस प्रकार 1° देशान्तरीय दूरी तय करने में पृथ्वी को 4 मिनट का समय लगता है। 0° देशान्तर से पूरब जाने पर प्रति 15° देशान्तर पर 1 घंटे समय बढ़ता है जो 180° देशान्तर पर 12.00 घंटे हो जाता है। इसको P.M. (Post Meridian) कहा जाता है। इसके विपरीत पश्चिम गोलार्द्ध में जाने पर समय प्रति 15° देशान्तर एक घंटे पीछे होता जाता है जिसे A.M. (Anti Meridian) कहा जाता है। 180° देशान्तर के समय को 0 घंटे (Zero hour) कहा जाता है।*

• किसी भी देशांतर से जब बायीं ओर जाते हैं तो प्रत्येक 1° देशांतर पर समय में 4 मिनट की कमी आती है जबकि दायीं ओर 4 मिनट की वृद्धि होती है। ध्यातव्य है कि 0° देशांतर (ग्रीनविच रेखा) के बायीं ओर पश्चिमी देशांतर व दायीं ओर पूर्वी देशांतर होते हैं जबकि 180° देशांतर (अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा) के बायीं ओर पूर्वी देशांतर व दायीं ओर पश्चिमी देशांतर होते हैं।

• अधिक देशान्तरीय विस्तार वाले देशों में एक से अधिक मानक देशांतर रेखाएँ होती हैं। जैसे- रूस में 9, USA एवं कनाडा में 6-6 समय कटिबंध हैं। *

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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