गीत – अगीत : अध्याय 8


गीत, अगीत, कौन सुन्दर है?

(1)

गाकर गीत विरह के  तटिनी
वेगवती बहती जाती है,
दिल हलका कर लेने को
उपलों से कुछ कहती जाती है।
तट पर एक गुलाब सोचता,
“देते स्वर यदि मुझे विधाता,
अपने पतझर के सपनों का
मैं भी जग को गीत सुनाता।”

गा-गाकर बह रही निर्झरी,
पाटल मूक खड़ा तट पर है।
गीत, अगीत, कौन सुंदर है?

(2)

बैठा शुक उस घनी डाल पर
जो खोंते पर छाया देती।
पंख फुला नीचे खोंते में
शुकी बैठ अंडे है सेती।
गाता शुक जब किरण वसंती
छूती अंग पर्ण से छनकर।
किंतु, शुकी के गीत उमड़कर
रह जाते सनेह में सनकर।

गूँज रहा शुक का स्वर वन में,
फूला मग्न शुकी का पर है।
गीत, अगीत, कौन सुंदर है?

(3)

दो प्रेमी है यहाँ, एक जब
बड़े साँझ आल्हा गाता है,
पहला स्वर उसकी राधा को
घर से यहाँ खींच लाता है।
चोरी-चोरी खड़ी नीम की
छाया में छिपकर सुनती है,
‘हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की
बिधना’, यों मन में गुनती है।

वह गाता, पर किसी वेग से
फूल रहा इसका अंतर है।
गीत, अगीत, कौन सुंदर है?

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प्रश्न-अभ्यास

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(क) नदी का किनारों से कुछ कहते हुए बह जाने पर गुलाब क्या सोच रहा है? इससे संबंधित पंक्तियों को लिखिए।
Ans.
जब नदी अपना दुःख कम करने के लिए किनारों से कुछ कहती हुई बह रही है तो किनारे पर एक गुलाब सोचने लगता है कि यदि भगवान उसे बोलने की शक्ति दी होती तो वह भी अपने सपनों के गीत सबको सुनाता। इससे संबंधित पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं –

“देते स्वर यदि मुझे विधाता,
अपने पतझर के सपनों का
मैं भी जग को गीत सुनाता।“

(ख) जब शुक गाता है, तो शुकी के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ता है?
Ans.
जब सूर्य की किरणें पत्तों से छनकर आती हैं और तोते के पंखों का स्पर्श करती हैं तो तोता गाना गाने लगता है। उसका गाना सुनकर उसकी मादा भी गाना चाहती है लेकिन उसका गीत केवल तोते के प्यार में लिपट कर रह जाता है और उसके मुँह से कुछ नहीं निकलता। उधर तोते का गीत पूरे वन में गूँज रहा है और इधर उसकी मादा उसका गीत सुनकर फूले नहीं समा रही है।

(ग) प्रेमी जब गीत गाता है, तब प्रेमिका की क्या इच्छा होती है?
Ans.
जब प्रेमी गीत गाता है तो प्रेमिका चोरी से छुप-छुप कर अपने प्रेमी का गाना सुनती है और मन में सोचती है कि वह उस गीत का हिस्सा क्यों नहीं बनती।

(घ) प्रथम छंद में वर्णित प्रकृति-चित्रण को लिखिए।
Ans
. कविता के प्रथम छंद में नदी के बहने से जो दृश्य उत्पन्न होता है उसका कवि ने मनोहारी वर्णन किया है। नदी विरह के गीत गाते हुए बड़ी तेजी से बह रही है। ऐसा लगता है जैसे नदी किसी के बिछड़ने के दुःख में दुखी होते हुए गीत गाते हुए बड़ी तेजी से बह रही है। ऐसे में लगता है कि वह अपना दुःख कम करने के लिए किनारों से कुछ कहती हुई बहती जा रही है। कवि कहता है कि किनारे के पास में ही एक गुलाब चुपचाप यह सब देख रहा है और अपने मन में सोच रहा है कि यदि भगवान ने उसे भी बोलने की शक्ति दी होती तो वह भी पूरी दुनिया को अपने सपनों के गीत सुनाता। झरना भी बह-बह कर गीत गा रहा है और गुलाब किनारे पर चुपचाप खड़ा है।

(ङ) प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों के संबंध की व्याख्या कीजिए।
Ans.
प्रकृति के साथ पशु पक्षियों का गहरा संबंध है। पशु पक्षी प्रकृति के बिना जीवित नहीं रह सकते। प्रकृति ही उन्हें आवास प्रदान करती है और भोजन प्रदान करती है।

(च) मनुष्य को प्रकृति किस रूप में आंदोलित करती हैं? अपने शब्दों में लिखिए।
Ans.
मनुष्य को प्रकृति भिन्न रूपों में आंदोलित करती है। जब मनुष्य किसी कल कल बहती नदी को देखता है तो उसके संगीत में खो जाता है। जब मनुष्य हल्की बारिश देखता है तो उसमें सराबोर होना चाहता है। लेकिन जब तेज तूफान आता है तो मनुष्य उससे बचकर किसी सुरक्षित ठिकाने पर चला जाता है।

(छ) सभी कुछ गीत है, अगीत कुछ नहीं होता। कुछ अगीत भी होता है क्या? स्पष्ट कीजिए।
Ans.
जब हमारी भावना हमारे होठों पर लयबद्ध तरीके से बाहर आती है तो उसे गीत कहते हैं। जब कोई भावना अंदर ही रहती है तो उसे अगीत कहते हैं। कभी कभी अगीत भी गीत बनकर स्फुटित हो उठता है। और प्रकृति के द्वारा किए गए शब्दों से कवि भी हैरान है और समझ नहीं पा रहा है कि कवि की भावनाऐं जो गीत बन कर बाहर आई है वह सुन्दर है या प्रकृति के बिना शब्दों वाला संगीत सुन्दर है।

(ज) ‘गीत-अगीत’ के केंद्रीय भाव को लिखिए।
Ans.
इस कविता में कवि ने प्रत्यक्ष भावना और छुपी हुई भावना की तुलना की है। यह तुलना प्रकृति में छुपे अनेक सौंदर्य के सहारे से की गई है। नदी के गाने की तुलना गुलाब के मौन रहने से की गई है। शुक के गाने की तुलना शुकी के मौन से की गई है। प्रेमी के गाने की तुलना प्रेमिका के मौन से की गई है। इस तरह से इस कविता में कवि ने गीत और अगीत के माध्यम से प्रकृति का बड़ा ही मनोहारी वर्णन किया गया है।

2. संदर्भ-सहित व्याख्या कीजिए-

(क) अपने पतझर के सपनों का
      मैं भी जग को गीत सुनाता
Ans.
ये पंक्ति कविता के उस भाग से ली गई है जिसमें नदी की सुंदरता का वर्णन है। जब नदी गीत गाते हुए और किनारों से बातें करते हुए आगे बढ़ती है तो गुलाब चुपचाप यह सोचता है कि अगर भगवान ने उसे भी बोलने की शक्ति दी होती तो वह भी दुनिया को अपने सपनों के बारे में गा गाकर सुनाता।

(ख) गाता शुक जब किरण वसंती
       छूती अंग पर्ण से छनकर
Ans.
ये पंक्ति कविता के उस भाग से ली गई है जिसमें शुक और शुकी के प्रेम का वर्णन है। जब पत्तियों से छनकर आने वाली किरणें तोते के पंखों का स्पर्श करती हैं तो तोता गाने लगता है।

(ग) हुई न क्यों में कड़ी गीत की
      बिधना यों मन में गुनती है
Ans.
ये पंक्ति कविता के उस भाग से ली गई है जिसमें प्रेमी और प्रेमिका का वर्णन है। जब प्रेमी गीत गाता है तो प्रेमिका सोचती है कि कितना अच्छा होता यदि वह उस गीत का एक हिस्सा बन जाती।

रामधारी सिंह दिनकर (1908-1974)

रामधारी सिंह दिनकर का जन्म बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया गाँव में 30 सितंबर 1908 को हुआ। वे सन् 1952 में राज्यसभा के सदस्य मनोनीत किए गए। भारत सरकार ने इन्हें पद्मभूषण अलंकरण से भी अलंकृत किया। दिनकर जी को ‘संस्कृति के चार अध्याय’ पुस्तक पर साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। अपनी काव्यकृति ‘उर्वशी’ के लिए इन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

दिनकर की प्रमुख कृतियाँ हैं हुँकार, कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा, उर्वशी और संस्कृति के चार अध्याय।

दिनकर ओज के कवि माने जाते हैं। इनकी भाषा अत्यंत प्रवाहपूर्ण, ओजस्वी और सरल है। दिनकर की सबसे बड़ी विशेषता है अपने देश और युग के सत्य के प्रति सजगता । दिनकर में विचार और संवेदना का सुंदर समन्वय दिखाई देता है। इनकी कुछ कृतियों में प्रेम और सौंदर्य का भी चित्रण है।

प्रस्तुत कविता ‘गीत-अमीत’ में भी प्रकृति के सौंदर्य के अतिरिक्त जीव-जंतुओं के ममत्व, मानवीय राग और प्रेमभाव का भी सजीव चित्रण है। कवि को नदी के बहाव में गीत का सृजन होता जान पड़ता है, तो शुक-शुकी के कार्यकलापों में भी गीत सुनाई देता है और आल्हा गाता प्रेमी तो गीत गान में निमग्न दिखाई देता ही है। कवि का मानना है कि गुलाब, शुकी और प्रेमिका प्रत्यक्ष रूप से गीत-सुजन या गीत-गान भले ही न कर रहे हों, पर दरअसल वहाँ गीत का सृजन और गान भी हो रहा है। कवि की दुविधा महज इतनी है कि उनका वह अगीत (जो गाया नहीं जा रहा, महज इसलिए अगीत है) सुंदर है या प्रेमी द्वारा सस्वर गाया जा रहा गीत?

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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