एक तिनका : अध्याय 9
मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ,एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा।आ अचानक दूर से उड़ता हुआ,एक तिनका आँख में मेरी पड़ा। मैं झिझक उठा, …
मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ,एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा।आ अचानक दूर से उड़ता हुआ,एक तिनका आँख में मेरी पड़ा। मैं झिझक उठा, …