ग्राम श्री : अध्याय 11

ग्राम श्री

फैली खेतों में दूर तलक              मखमल की कोमल हरियाली,लिपटीं जिससे रवि की किरणें             चाँदी की सी उजली जाली!तिनकों के हरे हरे तन पर             हिल हरित …

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