पद : अध्याय 6

पद

(1) अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी।प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी, जाकी अँग अँग बास समानी।।प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे …

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