माँ : पाठ -4
माँ तुम कितनी भोली-भलीकितनी प्यारी-प्यारी होदिल से सच्ची मिसरी जैसीसारे जग से न्यारी हो। मेरे मन में जोश तुहीं सेतमसे ही प्रकाशमझमें साहस तुमसे आतातमसे …
माँ तुम कितनी भोली-भलीकितनी प्यारी-प्यारी होदिल से सच्ची मिसरी जैसीसारे जग से न्यारी हो। मेरे मन में जोश तुहीं सेतमसे ही प्रकाशमझमें साहस तुमसे आतातमसे …