शाम – एक किसान : अध्याय 6
आकाश का साफ़ा बाँधकरसूरज की चिलम खींचताबैठा है पहाड़,घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी,पास ही दहक रही हैपलाश के जंगल की अँगीठीअँधकार दूर पूर्व मेंसिमटा …
आकाश का साफ़ा बाँधकरसूरज की चिलम खींचताबैठा है पहाड़,घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी,पास ही दहक रही हैपलाश के जंगल की अँगीठीअँधकार दूर पूर्व मेंसिमटा …