इस लेख में हम मध्यवर्ती उच्च भूमियाँ के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे। तो आइए नीचे दिए गए मुख्य श्रेणी एवं पठार के बारे में जानते हैं।
अरावली श्रेणी
• यह श्रेणी पालनपुर (गुजरात) से राजस्थान होकर दिल्ली तक लगभग 800 किमी लम्बाई में विस्तृत है।।*
• दिल्ली के निकट इसे दिल्ली व रायसीना की पहाड़ियों की संज्ञा दी जाती है। ध्यातव्य है कि रायसीना की पहाड़ी लूटयन्स की अभिकल्पित दिल्ली में एक प्रधान क्षेत्र है, जिसमें भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली सरकारी इमारतों को बनाया गया है।
• यह श्रेणी मुख्यतः पुरा कैम्ब्रियन युगीन क्वार्ट्जाइट, नीस तथा शिष्ट शैलों से निर्मित है। * इसका सर्वोच्च शिखर गुरु शिखर (1722 मीटर) आबू की पहाड़ियों में स्थित है।*
• अरावली पर्वत अत्यधिक अपरदित तथा विच्छेदित हैं। पुरा कैम्ब्रियन युग (600 से 570 मिलियन वर्ष पूर्व) में यह एक विशाल मोड़दार पर्वत श्रृंखला थी, जो हिमालय से लक्षद्वीप तक विस्तृत थी। किन्तु दीर्घकाल तक अपरदन होने के कारण अब ये अवशिष्ट पहाड़ियों के रूप में शेष हैं।*
• उदयपुर के उत्तर पश्चिम में ये पहाड़ियाँ जर्गा पहाड़ियाँ (1431 मीटर), टोडगढ़ के निकट मारवाड़ की पहाड़ियाँ, अलवर के निकट हर्षनाथ पहाड़ियाँ तथा धुर उत्तर में दिल्ली रिज के नाम से विख्यात हैं।*
• यह पर्वत श्रेणी जल विभाजक के रूप में काम करती है।* इसके पश्चिम की ओर माही और लूनी नदियाँ निकलती हैं, जो अरब सागर में गिरती हैं।
• पूरब की ओर की प्रमुख नदी बनास है जो चम्बल की सहायक नदी है। पूर्वी मैदान के अन्तर्गत चम्बल बेसिन, बनास का मैदान, माही का मैदान या छप्पन मैदान सम्मिलित हैं।
मालवा का पठार
• अरावली एवं विंध्य श्रृंखलाओं के मध्य स्थित तथा लावा से निर्मित मालवा का पठार काली मिट्टी का समप्राय मैदान बन गया है।* इसकी उत्तरी सीमा अरावली तथा दक्षिणी सीमा विंध्य और पूर्वी सीमा बुन्देलखण्ड के पठार और पश्चिमी सीमा राजस्थान के मरुस्थल द्वारा निर्धारित होती है। अर्थात् इसकी लम्बाई 530 किमी. और चौड़ाई 390 किमी. है, जो प्रायद्वीपीय पठार के 150,000 वर्ग किमी. क्षेत्रफल पर विस्तृत है। इस पठार के अधिकतर भागों को मध्य उच्च भूमि की संज्ञा प्रदान की गई है।
• इसका ढाल गंगा घाटी की ओर है। इस पर बेतवा, पार्वती, नीवज, काली सिंध, चम्बल तथा केन नदियाँ प्रवाहित होती हैं, जो आगे यमुना में मिल जाती हैं। भोपाल, बेतवा व पार्वती नदियों के दोआब में स्थित है।*
• मालवा पठार पर उर्मिल मैदान (Rolling plains) मिलते हैं, जिनमें कहीं-कहीं चपटी पहाड़ियाँ स्थित हैं।” उत्तर में ग्वालियर की पहाड़ियाँ प्रमुख हैं। पठार के उत्तरी भाग को चम्बल व उसकी सहायक नदियों ने बीहड़ खड्ड (Ravines) के रूप में परिवर्तित कर दिया है। यह भारत का सर्वाधिक गली (Gully) अपरदित क्षेत्र है।*
बुन्देलखण्ड-बघेलखण्ड-विन्ध्याचल
• मालवा पठार का उत्तरी-पूर्वी भाग बुन्देलखण्ड व बघेलखण्ड के पठार के नाम से जाना जाता है। यह पठार उत्तर में यमुना के मैदान के निकट समाप्त हो जाते हैं।
• बुन्देलखण्ड में चम्बल व यमुना नदियों ने बड़े-बड़े बीहड़ खड्ड का निर्माण कर भूमि को प्रायः असमतल व अनुपजाऊ (Bad land topography) बना दिया है।
• यह पठार ग्वालियर पठार तथा विन्ध्याचल श्रेणी के मध्य फैला है। यह प्राचीनतम बुन्देलखण्ड नीस से निर्मित है। इसकी ऊँचाई 300 से 600 मीटर है।
• मालवा के पठार के दक्षिणी सिरे से विन्ध्य श्रेणी लगभग 1050 किमी. लम्बाई में विस्तृत है, यह श्रेणी एक जलविभाजक है।
पूर्व की ओर विन्ध्य श्रेणी कैमूर और भाण्डेर श्रेणी के रूप में फैली है। ध्यातव्य है कि कैमूर श्रेणी सोन नदी के उत्तर-पश्चिमी सीमा का निर्धारण करती है, जिससे सोन पटना के समीप गंगा नदी से मिल जाती है और यमुना और सोन नदियों के बीच जलद्विभाजक का निर्माण होता है।* इसी के पूर्व में बघेलखण्ड का पठार फैला है।
• विन्ध्य श्रेणी के दक्षिण में नर्मदा की संकीर्ण घाटी स्थित है जिसका निर्माण अधोभ्रंशन (Down faulting) द्वारा हुआ। नर्मदा, जबलपुर के निकट धुँआधार प्रपात* सहित अनेक प्रपात बनाते हुए पश्चिम की ओर बहती है।
छोटा नागपुर का पठार
• यह पठार मध्य उच्च, भूमि का भाग है, जो पं. बंगाल राज्य के पुरुलिया तथा झारखण्ड राज्य के पलामू, धनबाद, सिंहभूमि, हजारीबाग, संथाल परगना व राँची जिलों के 87239 वर्ग किमी. – क्षेत्रफल पर विस्तृत है। महानदी, सोन, स्वर्णरेखा व दामोदर इस – पठार की प्रमुख नदियाँ हैं।
• सोन नदी पठार के उत्तर-पश्चिम में बहकर गंगा में मिलती है।
• दामोदर नदी पठार के मध्य भाग में पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर प्रवाहित होती है।
• महानदी इसकी दक्षिणी सीमा बनाती है तथा दक्षिण-पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है। राजमहल पहाड़ियाँ इस पठार की उत्तरी सीमा बनाती हैं। इस पठार में ढ़ाल तीव्र स्कार्यों के रूप में पाये जाते – हैं। कारण स्वरूप यह एक अग्रगम्भीर पठार है।*
• यह पठार कई भागों में बँटा हुआ है। दामोदर नदी के उत्तर में अनेक पठार व पहाड़ियों का समूह मिलता है। इसमें हजारीबाग का पठार तथा कोडरमा का पठार शामिल है। दामोदर नदी के दक्षिण में राँची का पठार विस्तृत है। यहाँ पर ग्रेनाइट व नीस चट्टानें पायी जाती हैं।
• कुछ निचली पहाड़ियों के अलावा राँची का पठार समतल है। इस समतल भू-भाग में राँची नगर स्थित है। इस नगर से नदियाँ चारों दिशाओं में प्रवाहित होती हैं। दामोदर घाटी एक अंश (Rift Valley) के रूप में है। यह गोंडवाना काल के भारी निक्षेप रखती है। यह पठार खनिज पदार्थों में धनी (Storehouse of minerals) है।
मेघालय का पठार
मेघालय पठार प्रायद्वीपीय पठार का बहिर्शायी (outlier) अर्थात् उत्तर-पूर्वी अग्र भाग है। इसे शिलांग का पठार की संज्ञा भी प्रदान की गई है। यह एक समतल भूमि है जो भ्रंशन के कारण भारतीय प्रायद्वीप से माल्दा गैप द्वारा पृथक हो गयी है।* इसका क्षेत्रफल लगभग 35,291 वर्ग किमी है तथा औसत ऊँचाई 610 – 1830 मीटर के मध्य है। इस पठार के पश्चिमी सिरे पर गारों की पहाड़ियाँ, मध्यवर्ती भाग में खासी, जैन्तिया और पूर्वी भाग में मिकिर की पहाड़ियाँ स्थित हैं। खासी पहाड़ी का मध्य भाग मेज के समान है, जिस पर शिलांग नगर स्थित है। पठार का धरातल बहुजननिक (Polygenetic) उत्पत्ति को सूचित करता है।
• मेघालय के पठार पर कैम्ब्रियन पूर्व की ग्रेनाइट, नीस, ग्रेनुलाइट आदि शैलें मिलती हैं जिनके ऊपर टर्शियरी शैलें बिछी हैं। शिलॉग शिखर (1965 मीटर) इस क्षेत्र का उच्चतम शिखर है।
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FAQs
Q1. माल्दा गैप द्वारा पृथक होता है?
Ans. भारतीय प्रायद्वीप एवं मेघालय पठार
Q2. माल्दा गैप को अन्य और किस संज्ञा से विहित करते हैं?
Ans. गारो-राजमहल गैप
Q3. सतपुड़ा श्रेणी की सर्वोच्च चोटी है?
Ans. धूपगढ़ (1350 मी.)
Q4. अमरकंटक (1066 मी.) किस पर्वत श्रेणी का सर्वोच्च शिखर है?
Ans. मैकाल श्रेणी
Q5. पश्चिमी घाट की उच्चतम चोटी काल्सुबाई (1646 मी.) किस पर्वत श्रेणी में स्थित है?
Ans. हरिश्चन्द्र श्रेणी
Q6. दक्षिण भारत की उच्चतम चोटी है?
Ans. अनाइमुडि (2695 मी.)*
Q7. पश्चिमी एवं पूर्वी घाट का मिलन बिन्दु है?
Ans. नीलगिरि पर्वत *
Q8. नीलगिरि का उच्चतम शिखर है?
Ans. दोदाबेट्टा (2637 मी.)*
Q9. दक्षिणी पठार से पालघाट दर्रे द्वारा कौन सा पर्वत अलग होता है?
Ans. नीलगिरि पर्वत
Q10. प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणतम भाग में अवस्थित पर्वत कौन-सा है?
Ans. इलायची पर्वत
Q11. छोटानागपुर पठार की उच्चतम चोटी है?
Ans. पारसनाथ (1366 मी.)
Q12. हिमालय पर्वत और नीलगिरि के मध्य भारत की सर्वोच्च पर्वत चोटी है?
Ans. गुरुशिखर (1722 मी.)
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