एक दिन तोसिया ने सपना देखा। तोसिया बहुत सपने देखती है। वह उठकर सपनों के बारे में बात भी करती है। तोसिया को सपना आया कि दुनिया के सारे रंग उड़ गए हैं। कहीं कोई रंग नहीं बचा। उसने देखा कि सब कुछ सफ़ेद-सफ़ेद हो गया है।

तोसिया उठी और सपने को याद करने लगी। वह एकदम से घबरा गई। तोसिया सोचने लगी कि क्या सचमुच रंग गायब हो गए हैं।

तोसिया रसोई में गई। वहाँ बहुत सारे रंग-बिरंगे मसाले रखे हुए थे। लाल मिर्च, जीरा, हल्दी, धनिया, मेथी।

तोसिया उठकर बाहर बगीचे में गई। वहाँ रंग-बिरंगे फूल खिले हुए थे। गेंदा, चमेली, सदाबहार, गुलाब, सूरजमुखी। तोसिया ने देखा कि उसके कपड़ों में रंग हैं। मम्मी-पापा के कपड़ों में भी रंग हैं। घर में भी खूब सारे रंग दिख रहे थे।

तोसिया मम्मी के साथ बाज़ार चल पड़ी। वहाँ खूब सारी रंग-बिरंगी सब्ज़ियाँ थीं। गाजर, बैंगन, टमाटर, सेम, मटर। बाज़ार में पतंग की दुकान भी थी। दुकान में खूब सारी रंग-बिरंगी पतंगें थीं। काली, पीली, नीली, हरी, नारंगी। मम्मी चुन्नी की दुकान पर गईं। वहाँ खूब सारी रंग-बिरंगी चुन्नियाँ थीं। गुलाबी, बैंगनी, फिरोज़ी, आसमानी, भूरी। बाज़ार में गुब्बारेवाला खड़ा हुआ था। उसके पास खूब सारे रंग-बिरंगे गुब्बारे थे। नीले, पीले, हरे, लाल, गुलाबी। तोसिया ने खूब सारे रंग देखे। वह खुश हो गई कि रंग गायब नहीं हुए हैं। वह रंगों को गिनने लगी।

तोसिया घर आकर दोपहर को सो गई। उसने उठकर देखा कि नानी की सहेलियाँ आई हुई हैं। उन सबके बाल सफ़ेद-सफ़ेद हैं। तोसिया को एक बात याद आई। वह रात को नानी के साथ सोई थी। इसलिए सपने में सब सफ़ेद-सफ़ेद दिखा होगा। तोसिया नानी के बालों को गौर से देखने लगी। वह नानी के बालों को छू-छूकर देखने लगी। तोसिया सोचने लगी कि नानी के बाल सफ़ेद क्यों हैं। उसने नानी से पूछा कि उनके बालों का रंग कहाँ गया। नानी बोलीं कि पहले उनके बाल भी काले, थे। फिर उनके बालों का रंग तोसिया के बालों में चला आया।

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बातचीत के लिए
1. क्या आप कभी कोई सपना देखकर खुशी या डर से उठे हैं?
Ans. हाँ, कभी-कभी डरावना सपना देखकर मैं डर से उठ जाता हूँ और कभी-कभी अच्छा सपना देखकर खुशी से मुस्कुराता हूँ।
2. अपने सपनों के बारे में बातचीत कीजिए।
Ans. मैंने सपने में कई बार नई जगहें, जानवर और रंग-बिरंगी चीजें देखी हैं। कभी-कभी सपना बहुत मज़ेदार होता है और कभी-कभी अजीब सा लगता है।
3. इस कहानी में कौन-कौन से रंग हैं?
Ans. लाल, पीला, हरा, नीला, काला, गुलाबी, नारंगी, बैंगनी, फिरोज़ी, आसमानी, भूरा, सफ़ेद।
4. संसार में रंग ना हों तो कैसा लगेगा?
Ans. अगर संसार में रंग ना हों तो सब कुछ फीका और उबाऊ लगेगा। रंगों से ही दुनिया सुंदर और जीवन खुशहाल लगता है।
खोजें-जानें
कहानी का क्रम खोजिए। फिर उसे पढ़कर सुनाइए-
(6) तोसिया ने नानी से उनके सफ़ेद बालों के बारे में पूछा।
(4) तोसिया बाज़ार गई जहाँ रंगीन पतंगें, चुन्नियाँ और गुब्बारे थे।
(3) तोसिया बगीचे में गई जहाँ तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूल थे।
(1) तोसिया ने सपना देखा कि सब कुछ सफ़ेद हो गया है।
(2) तोसिया ने रसोई में रंगीन मसाले देखे।
(5) तोसिया घर आकर दोपहर को सो गई।
शब्दों का खेल
1. रंगों में में छुपे शब्द खोजिए और लिखिए –
गुलाबी में गुलाब
आसमानी में…आसमान
बैंगनी में….बैंगन
सिंदूरी में…सिंदूर
2. रसोई में रंग –
तोसिया ने रसोई में रंग ही रंग देखे। मिर्च लाल रंग की। काली मिर्च काले रंग की। हल्दी पीले रंग की। सरसों भूरे रंग की। धनिया पत्ती हरे रंग की और मेथीदाना सुनहरा-भूरा रंग का।
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