UP DELED 3rd Semester Hindi Question Paper 2025 

UP DELED 3rd Semester Hindi Question Paper 2025 आप यहां से प्राप्त कर सकते हैं। जिसका कोई भी शुल्क आपसे नही लिया जाएगा, आप आसानी से इसे हल कर सकेंगे । आइए विस्तार से सभी प्रश्नो को जानें –

प्रश्न-पुस्तिका
तृतीय सेमेस्टर – 2025
षष्टम् प्रश्न-पत्र
(हिंदी)

1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न के निर्धारित अंक प्रश्न के सम्मुख दिये गये हैं।

2. इस प्रश्न-पत्र में तीन प्रकार के (वस्तुनिष्ठ, अतिलघु उत्तरीय तथा लघु उत्तरीय) प्रश्न हैं। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखें। अति लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग तीस (30) शब्दों में, लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग पचास (50) शब्दों में लिखिए।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Q1) “नहि पराग नहिं मधुर मधु, नहि विकास इहि काल।
अलि कली ही स्यौ विन्ध्यो, आगे कौन हवाला।”
उपर्युक्त दोहा किस कवि ने लिखा है-

1) कबीरदास ने   2) तुलसीदास ने
3) बिहारीलाल ने 4) सूरदास ने

Ans. 3) बिहारीलाल ने

Q2) ‘विनय पत्रिका’ की भाषा है-

1) अवधी 2) खड़ी बोली
3) ब्रज   4) बुन्देली

Ans. 3) ब्रज

Q3) ‘बाँस’ शब्द है-

1) तद्भव  2) तत्सम
3) देशज 4) सन्धेय

Ans. 1) तद्भव

Q4) मुंशी प्रेमचन्द की वह रचना जो अधूरी रह गयी-

1) सेवासदन 2) रंगभूमि
3) मंगलसूत्र 4) गोदान

Ans. 3) मंगलसूत्र

Q5) ‘पूर्व एवं उत्तर दिशा का कोना’ के लिए एक शब्द है-

1) पूर्वोत्तर 2) ईशान
3) वायव्य 4) नैऋत्य

Ans. 2) ईशान

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Q6) महादेवी वर्मा की चार कृतियों के नाम लिखिए?
Ans.
नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्य गीत।

Q7) आसक्त और उन्नति का विलोम शब्द लिखिए?
Ans.

उन्नति — पतन / अवनति

आसक्त — अनासक्त / विरक्त

Q8) वाक्य के भेदों के नाम लिखिए?
Ans.
वाक्य के भेद इस प्रकार हैं—

1. विस्मयादिबोधक वाक्य

2. विधान वाक्य

3. प्रश्नवाचक वाक्य

4. आज्ञावाचक वाक्य

Q9) अर्थ के आधार पर शब्द के भेदों के नाम लिखिए?
Ans.
अर्थ के आधार पर शब्दों के भेद इस प्रकार हैं—

1. अनेकार्थक शब्द

2. पर्यायवाची शब्द

3. विपरीतार्थक (विलोम) शब्द

4. समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द

Q10) मानक हिंदी का मूल आधार कौन-सी बोली है?
Ans.
खड़ी बोली।

Q11) ‘तकदीर खुलना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए?
Ans.
भाग्य का अच्छा हो जाना, सौभाग्य मिलना।

लघु उत्तरीय प्रश्न

Q12) जीवनी और आत्मकथा में सोदाहरण अंतर स्पष्ट कीजिए?
Ans.
जीवनी और आत्मकथा में अंतर (सोदाहरण सहित) —

1. जीवनी (Biography)
– जीवनी में किसी अन्य व्यक्ति के जीवन का वर्णन किया जाता है।
– इसे कोई दूसरा व्यक्ति लिखता है।
– इसमें लेखक उस व्यक्ति के जन्म, शिक्षा, कार्य, उपलब्धियों आदि का वर्णन करता है।

उदाहरण:
“नेहरू की जीवनी”, “महात्मा गांधी का जीवन-वृत्त” आदि।

2. आत्मकथा (Autobiography)
– आत्मकथा में लेखक अपने ही जीवन का वर्णन स्वयं करता है।
– इसमें व्यक्ति के जीवन के अनुभव, संघर्ष, सफलताएँ, विचार आदि उसके अपने दृष्टिकोण से लिखे जाते हैं।

उदाहरण:
“सत्य के प्रयोग” (महात्मा गांधी),
“निरगुन का टूटा हुआ” (हरिवंश राय बच्चन)।

Q13) लोकोक्ति और मुहावरे में क्या अंतर है? उदाहरण सहित समझाइए।
Ans.
प्रश्न: लोकोक्ति और मुहावरे में क्या अंतर है? उदाहरण सहित समझाइए।

उत्तर:

  • लोकोक्ति (Proverb / Saying):
    लोकोक्ति एक संक्षिप्त और प्रचलित वाक्य होता है जो जीवन का अनुभव या कोई नैतिक सिखावन व्यक्त करता है। यह सामान्यतः पूर्ण वाक्य में होती है और इसमें किसी विशेष परिस्थिति या व्यवहार के लिए जीवन की सच्चाई छुपी होती है।
    उदाहरण:
    • “सभी काम समय पर करना चाहिए।”
    • “जैसा बोओगे वैसा काटोगे।”
  • मुहावरा (Idiom / Phrase):
    मुहावरा ऐसे शब्दों या वाक्यांशों का समूह होता है जिनका अर्थ शब्दशः नहीं बल्कि रूपक या रूपकात्मक अर्थ में लिया जाता है। मुहावरा हमेशा किसी विशेष भाव या क्रिया को व्यक्त करता है।
    उदाहरण:
    • “आसमान से गिरे खजूर में अटके।” (कठिन स्थिति में फंस जाना)
    • “नाक कटना।” (शर्मिंदा होना)

मुख्य अंतर:

आधारलोकोक्तिमुहावरा
अर्थजीवन का अनुभव या नैतिक शिक्षारूपक या विशेष भाव को व्यक्त करना
रचनापूर्ण वाक्यवाक्यांश या शब्दों का समूह
उदाहरण“अति सर्वत्र वर्जयेत।” (अत्यधिक किसी भी चीज़ की हानि कर सकती है)“दाल में कुछ काला है।” (संदेह होना)
प्रयोगआमतौर पर शिक्षा, सलाह या नीति देने के लिएआम बोलचाल में किसी भाव, क्रिया या स्थिति को व्यक्त करने के लिए

Q14) स्वतंत्र लेखन का अभ्यास करते समय किन-2 बातों का ध्यान रखना चाहिए?
Ans.
स्वतंत्र लेखन का अभ्यास करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. विषय को समझना:
    • लेखन शुरू करने से पहले विषय और उसका उद्देश्य पूरी तरह समझें।
    • उदाहरण: अगर विषय है “प्रकृति का महत्व”, तो आप प्रकृति के लाभ और उसकी रक्षा पर ध्यान दें।
  2. योजना बनाना:
    • लेखन की रूपरेखा तय करें – परिचय, मुख्य विचार और निष्कर्ष।
    • उदाहरण: परिचय में विषय का परिचय, मुख्य भाग में उदाहरण और तर्क, अंत में सारांश।
  3. संगठित और क्रमबद्ध लेखन:
    • विचारों को स्पष्ट और क्रम से लिखें।
    • प्रत्येक पैराग्राफ में एक ही मुख्य बात रखें।
  4. सरल और स्पष्ट भाषा:
    • कठिन या अलंकारिक शब्दों से बचें।
    • वाक्य छोटे और सरल हों।
  5. उदाहरण और अनुभव का प्रयोग:
    • अपने विचारों को मजबूत करने के लिए उदाहरण या जीवन के अनुभव शामिल करें।
  6. व्याकरण और वर्तनी:
    • सही व्याकरण और वर्तनी लेखन को सही और पढ़ने योग्य बनाती है।
  7. समीक्षा और सुधार:
    • लिखने के बाद पूरे लेख को पढ़ें और गलतियों को सुधारें।
  8. समय का ध्यान:
    • परीक्षा में समय अनुसार लिखें और हर भाग के लिए समय तय करें।

Q15) मौन वाचन किसे कहते है? मौन वाचन की विशेषताएं बताइए।
Ans.
मौन वाचन वह प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति किसी पुस्तक, पत्रिका या अन्य सामग्री को शब्दों को उच्चारित किए बिना आँखों से पढ़ता है। यानी पढ़ते समय आवाज़ नहीं निकालता।

मौन वाचन की विशेषताएँ:

  1. आवाज़ रहित पढ़ना:
    • शब्दों को बोलने की आवश्यकता नहीं होती।
    • पढ़ने वाला केवल आँखों से पढ़ता है।
  2. तेज़ गति से पढ़ने में सहायक:
    • मौन वाचन में व्यक्ति अपनी रफ्तार से पढ़ सकता है।
    • यह समय बचाने में मदद करता है।
  3. सार्थक समझ में वृद्धि:
    • पाठ का अर्थ ध्यान से समझा जाता है।
    • एकाग्रता बढ़ती है।
  4. व्यक्तिगत और शांत:
    • यह अभ्यास घर, पुस्तकालय या किसी शांत स्थान में किया जा सकता है।
  5. स्मरणशक्ति बढ़ाता है:
    • मौन वाचन से पढ़ी गई बातें अच्छी तरह याद रहती हैं।

Q16) ‘महाकुम्भ 2025’ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए?
Ans.
परिचय और पावन अवसर

  • महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 (पौष पूर्णिमा) से आरंभ हुआ और 26 फरवरी 2025 (महाशिवरात्रि) तक चला।
  • यह मेला 12‑12 साल में एक बार (या विशिष्ट ज्योतिषीय संयोग पर) होने वाला प्रमुख धार्मिक समागम है, जिसमें श्रद्धालु पवित्र संगम (गंगा, यमुना और आध्यात्मिक रूप में जुड़ी सरसwati नदी) में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की कामना करते हैं।

महत्व और सामूहिक श्रद्धा

  • महाकुंभ 2025 को न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक माना गया — क्योंकि करोड़ों श्रद्धालु एक साथ भाग लेकर अपनी आस्था व्यक्त करते हैं।
  • यह मेला धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक विरासत, सामूहिक श्रद्धा और सामाजिक एकता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

आधुनिक व्यवस्था और सुविधाएँ

  • 2025 के महाकुंभ में आयोजन प्रबंधन, व्यवस्था और सुविधाओं के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए थे — जैसे अस्थायी “टेंट सिटी”, ठहरने‑आराम की व्यवस्था, सफाई, भोजन, स्वास्थ्य सुविधाएँ आदि।
  • भीड़‑भाड़ और अभूतपूर्व जनसैलाब के मद्देनज़र सुरक्षा‑प्रबंध, विशेष ट्रेनों, ट्रैफ़िक एवं मार्ग निर्देश, आधुनिक निगरानी आदि का उपयोग हुआ — ताकि तीर्थयात्रियों को सुविधा और सुरक्षा मिले।

चुनौतियाँ और प्रभाव

  • इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने से व्यवस्थापन, सफाई, भीड़ नियंत्रण, शांति‑सुरक्षा आदि चुनौतियाँ सामने आती हैं — जो कि महाकुंभ जैसे आयोजन के साथ अवश्य जुड़ी होती हैं।
  • बावजूद इसके, महाकुंभ ने भारत की धार्मिक‑संस्कृतिक ग्रंथि, मानव श्रद्धा की शक्ति और सामाजिक एकता को विश्व स्तर पर उजागर किया।

Q17) हिन्दी शिक्षण में मूल्यांकन की प्रक्रिया स्पष्ट कीजिए?
Ans.
हिन्दी शिक्षण में मूल्यांकन (Evaluation) का अर्थ है विद्यार्थियों की भाषा-सीखने की योग्यता, समझ, और कौशल का आंकलन करना। यह प्रक्रिया सीखने और शिक्षण दोनों को सुधारने में मदद करती है।

मूल्यांकन की प्रक्रिया:

  1. उद्देश्य निर्धारित करना:
    • मूल्यांकन से पहले यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि हमें किस चीज़ का मूल्यांकन करना है—जैसे भाषा कौशल, व्याकरण, शब्दावली, लेखन या मौखिक क्षमता।
  2. स्रोत और साधन का चयन:
    • मूल्यांकन के लिए विभिन्न साधन चुने जा सकते हैं जैसे:
      • प्रश्न-पत्र, परीक्षण, निबंध, कहानी लेखन
      • मौखिक प्रस्तुति, संवाद, भाषण
      • परियोजना कार्य या समूह गतिविधियाँ
  3. डेटा संग्रहण (संग्रह करना):
    • विद्यार्थी की प्रतिक्रियाएँ, कार्य और प्रदर्शन को नोट करें।
    • निरंतर अवलोकन और रिकॉर्डिंग करना आवश्यक है।
  4. विश्लेषण और निर्णय:
    • संग्रहित जानकारी का विश्लेषण करें।
    • देखें कि विद्यार्थी ने कौन-सी चीज़ें अच्छी तरह समझी हैं और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
  5. फीडबैक देना:
    • मूल्यांकन का मुख्य उद्देश्य सुधार करना है।
    • विद्यार्थियों को सकारात्मक सुझाव और मार्गदर्शन दें।
  6. सुधारात्मक उपाय:
    • मूल्यांकन के आधार पर शिक्षण में आवश्यक परिवर्तन और सुधार करें।
    • कमजोर क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दें।

विशेषताएँ:

  • मूल्यांकन लगातार और नियमित होना चाहिए।
  • यह केवल अंक देने तक सीमित नहीं, बल्कि सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने वाला होना चाहिए।
  • यह वस्तुनिष्ठ और निष्पक्ष होना चाहिए।

Q18) विराम चिह्नों का महत्त्व स्पष्ट करते हुए किन्हीं चार विराम चिह्नों के नाम लिखिए?
Ans.
विराम चिह्न भाषा में वाक्यों को स्पष्ट, सुगठित और अर्थपूर्ण बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये पाठक को विचार समझने में मदद करते हैं और पढ़ने और बोलने में सही ठहराव प्रदान करते हैं। विराम चिह्नों के बिना वाक्य अक्सर भ्रमपूर्ण या गलत अर्थ वाले लग सकते हैं।

मुख्य विराम चिह्न:

  1. पूर्ण विराम (।) – वाक्य समाप्त करने के लिए
  2. अल्पविराम (,) – वाक्य में छोटी-छोटी रोक या जोड़ के लिए
  3. प्रश्नवाचक चिह्न (?) – प्रश्न पूछने के लिए
  4. विस्मयादिबोधक चिह्न (!) – आश्चर्य, क्रोध या भाव व्यक्त करने के लिए

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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