कम्प्यूटर – एक परिचय इसमें आपको सामान्य जानकारी दी गई है। आप इस लेख को पढ़ के संतुष्ट हो जाएंगे। आइए कम्प्यूटर के बारे में जानकारी लेते हैं।
भारत में कम्प्यूटर का प्रथम प्रयोग 16 अगस्त, 1986 को बंग्लुरू के प्रधान डाकघर में किया गया। जबकि भारत का प्रथम पूर्ण कम्प्यूटरीकृत डाकघर नई दिल्ली है।
1. कम्प्यूटर क्या है ? (What is Computer ?)
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रानिक मशीन है जो डाटा तथा निर्देशों को इनपुट के रूप में ग्रहण करता है, उनका विश्लेषण करता है तथा आवश्यक परिणामों को निश्चित प्रारूप में आउटपुट के रूप में निर्गत करता है। यह डाटा के भंडारण (storage) तथा तीव्र गति और त्रुटि रहित ढंग से उसके विश्लेषण का कार्य करता है।

1.1. परिभाषा (Definition)
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार, “कम्प्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रानिक मशीन है, जो अनेक प्रकार की तर्कपूर्ण गणनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है।”
कम्प्यूटर वह मशीन है जो डाटा स्वीकार करता है, उसे भंडारित करता है, दिये गये निर्देशों के अनुरूप उनका विश्लेषण करता है तथा विश्लेषित परिणामों को आवश्यकतानुसार निर्गत करता है।
इनपुट → प्रोसेस → आउटपुट
1.2. डाटा (Data):
डाटा तथ्यों और सूचनाओं का अव्यवस्थित संकलन है। डाटा को दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है-
(i) संख्यात्मक डाटा (Numerical data): यह अंकों से बना डाटा है जिसमें 0, 1, 2, ……………. 9 तक अंकों का प्रयोग किया जाता है। इस तरह के डाटा पर हम अंकगणितीय क्रियाएं कर सकते हैं। जैसे- विद्यार्थियों का प्राप्तांक, कर्मचारियों का वेतन आदि।
(ii) चिह्नात्मक डाटा (Alphanumeric data) : इसमें अक्षरों, अंकों तथा चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इसमें अंकगणितीय क्रियाएं नहीं की जा सकती, पर इनकी तुलना की जा सकती है। जैसे- कर्मचारियों का पता।
सूचना (Information) : डाटा का उपयोगिता के आधार पर किये गये विश्लेषण और संकलन के बाद प्राप्त तथ्यों को सूचना कहते हैं।
सूचना प्राप्ति (Information Retrieval): आवश्यकतानुसार सूचना को पुनः प्राप्त करने की विधि सूचना प्राप्ति कहलाता है।
डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing) : डाटा का उपयोगिता के आधार पर किया जाने वाला विश्लेषण डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है।
तथ्यों का संकलन → डाटा → सूचना
नोट : डाटा अव्यवस्थित तथ्य है जबकि सूचना व्यस्थित डाटा है।
इलेक्ट्रानिक डाटा प्रोसेसिंग (Electronic Data Processing) : इलेक्ट्रानिक विधि से डाटा का विश्लेषण इलेक्ट्रानिक डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है।
अनुदेश (Instruction) : कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए दिए गए आदेशों को अनुदेश कहा जाता है।
प्रोग्राम (Program) : कम्प्यूटर को दिए जाने वाले अनुदेशों के समूह को प्रोग्राम कहा जाता है।
साफ्टवेयर (Software): प्रोग्रामों के समुच्चय को जो कम्प्यूटर के विभिन्न कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए उत्तरदायी होता है, साफ्टवेयर कहा जाता है।
1.3. कम्प्यूटर की विशेषता (Characteristics of Computer)
(i) गति (Speed) : कम्प्यूटर एक सेकेण्ड में लाखों गणनाएं कर सकता है। किसी मनुष्य द्वारा पूरे साल में किए जाने वाले कार्य को कम्प्यूटर कुछ ही सेकेण्ड में कर सकता है। कम्प्यूटर प्रोसेसर के स्पीड को हर्ज (Hz) में मापते हैं। वर्तमान समय में कम्प्यूटर नैनो सेकेण्ड (10-9 Sec) में गणनाएं कर सकता है।
(ii) स्वचालित (Automatic) : कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है जिसमें गणना के दौरान मानवीय हस्तक्षेप की संभावना नगण्य रहती है। हालांकि कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए निर्देश मनुष्य द्वारा ही दिए जाते हैं, पर एक बार आदेश दिये जाने के बाद वह बिना रुके कार्य कर सकता है।
(iii) त्रुटि रहित कार्य (Accuracy) : कम्प्यूटर की गणनाएं लगभग त्रुटिरहित होती हैं। गणना के दौरान अगर कोई त्रुटि (error) पायी भी जाती है तो वह प्रोग्राम या डाटा में मानवीय गलतियों के कारण होती है। अगर डाटा और प्रोग्राम सही है तो कम्प्यूटर हमेशा सही परिणाम ही देता है। कभी-कभी वायरस (Virus) के कारण भी कम्प्यूटर में त्रुटियां आ जाती हैं।
(iv) स्थायी भंडारण क्षमता (Permanent Storage): कम्प्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा, सूचना और निर्देशों के स्थायी भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है। चूंकि कम्प्यूटर में सूचनाएं इलेक्ट्रानिक तरीके से संग्रहित की जाती हैं, अतः सूचना के समाप्त होने की संभावना कम रहती है।
(v) विशाल भंडारण क्षमता (Large Storage Capacity) : कम्प्यूटर के बाह्य (external) तथा आंतरिक (internal) संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क, मैग्नेटिक टेप, सीडी रॉम) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। कम्प्यूटर में सूचनाएं कम स्थान घेरती हैं, अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।
(vi) भंडारित सूचना को तीव्रगति से प्राप्त करना (Fast retrieval) : कम्प्यूटर प्रयोग द्वारा कुछ ही सेकेण्ड में भंडारित सूचना में से आवश्यक सूचना को प्राप्त किया जा सकता है। रैम (RAM-Random Access Memory) के प्रयोग से यह काम और भी सरल हो गया है।
(vii) जल्द निर्णय लेने की क्षमता (Quick decision) : कम्प्यूटर परिस्थितियों का विश्लेषण कर पूर्व में दिये गये निर्देशों के आधार पर तीव्र निर्णय की क्षमता रखता है।
(viii) विविधता (Versatility) : कम्प्यूटर की सहायता से विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न किये जा सकते हैं। आधुनिक कम्प्यूटरों में अलग-अलग तरह के कार्य एक साथ करने की क्षमता है।
(ix) पुनरावृत्ति (Repetition) : कम्प्यूटर को आदेश देकर एक ही तरह के कार्य बार-बार समान विश्वसनीयता और तीव्रता से कराये जा सकते हैं।
(x) स्फूर्ति (Agility) : कम्प्यूटर एक मशीन होने के कारण मानवीय दोषों से रहित है। इसे थकान तथा बोरियत महसूस नहीं होती है और हर बार समान क्षमता से कार्य करता है।
(xi) गोपनीयता (Secrecy) : पासवर्ड (Password) के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड के प्रयोग से कम्प्यूटर में रखे डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है।
(xii) कार्य की एक रूपता (Uniformity of work): बार-बार तथा लगातार एक ही कार्य करने के बावजूद कम्प्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
1.4. कम्प्यूटर की सीमाएं (Limitations of the Computer)
(i) बुद्धिहीन (No mind) : कम्प्यूटर में स्वयं की सोचने और निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती। यह केवल दिये गये दिशा-निर्देशों के अंदर ही कार्य कर सकता है।
(ii) खर्चीला (Expensive) : कम्प्यूटर के हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर काफी महंगे होते हैं तथा इन्हें समय-समय पर आवश्यकतानुसार परिवर्तित भी करना पड़ता है।
(iii) वायरस का खतरा (Immune to virus) : कम्प्यूटर में वायरस का खतरा बना रहता है जो सूचना और निर्देशों को दूषित या समाप्त कर सकता है। ये वायरस कम्प्यूटर की भंडारण क्षमता को भी प्रभावित करते हैं। हालांकि एंटीवायरस साफ्टवेयर (Antivirus Software) का प्रयोग कर इससे बचा जा सकता है।
(iv) विद्युत पर निर्भरता (Depends on Electricity) : कम्प्यूटर अपने कार्य के लिए विद्युत पर निर्भर करता है तथा इसके अभाव में कोई भी कार्य संपन्न कर पाने में सक्षम नहीं है।
1.5. कम्प्यूटर के अनुप्रयोग (Applications of Computer)
कम्प्यूटर का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है। वर्तमान में, शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां कम्प्यूटर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। निम्नलिखित क्षेत्रों में कम्प्यूटर का विभिन्न अनुप्रयोग किया जा रहा है :-
(i) डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing) : बड़े और विशाल सांख्यिकीय डाटा से सूचना तैयार करने में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है। जनगणना, सांख्यिकीय विश्लेषण, परीक्षाओं के परिणाम आदि में इसका प्रयोग किया जा रहा है।
(ii) सूचनाओं का आदान-प्रदान (Exchange of Information) : भंडारण की विभिन्न पद्धतियों के विकास और कम स्थान घेरने के कारण ये सूचनाओं के आदान-प्रदान के बेहतर माध्यम साबित हो रहे हैं। इंटरनेट (Internet) के विकास ने तो इसे ‘सूचना का राजमार्ग’ (Information Highway) बना दिया है।
(iii) शिक्षा (Education): मल्टीमीडिया (Multimedia) के विकास और कम्पयूटर आधारित शिक्षा ने इसे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बना दिया है। डिजिटल लाइब्रेरी ने पुस्तकों की सर्वसुलभता सुनिश्चित की है।
(iv) वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research): विज्ञान के अनेक जटिल रहस्यों को सुलझाने में कम्प्यूटर की सहायता ली जा रही है। कम्प्यूटर में परिस्थितियों का उचित आकलन भी संभव हो पाता है।
(v) रेलवे और वायुयान आरक्षण (Railway and Airlines Reservation) : कम्प्यूटर की सहायता से किसी भी स्थान से अन्य स्थानों के रेलवे और वायुयान के टिकट लिये जा सकते हैं तथा इसमें गलती की संभावना भी नगण्य है।
(vi) बैंक (Bank) : कम्प्यूटर के अनुप्रयोग ने बैकिंग क्षेत्र में क्रांति ला दी है। एटीएम (ATM-Automatic Teller Ma-chine) तथा ऑनलाइन बैंकिंग, चेक के भुगतान, रुपया गिनना तथा पासबुक इंट्री में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है।
(vii) चिकित्सा (Medicine): शरीर के अंदर के रोगों का पता लगाने, उनका विश्लेषण और निदान में कम्प्यूटर का विस्तृत प्रयोग हो रहा है। सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे तथा विभिन्न जाँच में कम्प्यूटर का प्रयोग हो रहा है।
(viii) रक्षा (Defence) : रक्षा अनुसंधान, वायुयान नियंत्रण, मिसाइल, रडार आदि में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है।
(ix) अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (Space Technology): कम्प्यूटर के तीव्र गणना क्षमता के कारण ही ग्रहों, उपग्रहों और अंतरिक्ष की घटनाओं का सूक्ष्म अध्ययन किया जा सकता है। कृत्रिम उपग्रहों में भी कम्प्यूटर का विशेष प्रयोग हो रहा है।
(x) संचार (Communication): आधुनिक संचार व्यवस्था कम्प्यूटर के प्रयोग के बिना संभव नहीं है। टेलीफोन और इंटरनेट ने संचार क्रांति को जन्म दिया है। तंतु प्रकाशिकी संचरण (Fiberoptics communication) में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है।
(xi) उद्योग व व्यापार (Industry & Business): उद्योगों में कम्प्यूटर के प्रयोग से बेहतर गुणवत्ता वाले वस्तुओं का उत्पादन संभव हो पाया है। व्यापार में कार्यों और स्टाक का लेखा-जोखा रखने में कम्प्यूटर सहयोगी सिद्ध हुआ है।
(xii) मनोरंजन (Recreation): सिनेमा, टेलीविजन के कार्यक्रम, वीडियो गेम में कम्प्यूटर का उपयोग कर प्रभावी मनोरंजन प्रस्तुत किया जा रहा है। मल्टीमीडिया के प्रयोग ने कम्प्यूटर को मनोरंजन का उत्तम साधन बना दिया है।
(xiii) प्रकाशन (Publishing): प्रकाशन और छपाई में कम्प्यूटर का प्रयोग इसे सुविधाजनक तथा आकर्षक बनाता है। रेखाचित्रों और ग्राफ का निर्माण अब सुविधाजनक हो गया है।
(xiv) प्रशासन (Administration): प्रशासन में पारदर्शिता लाने, सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाने तथा विभिन्न प्रशासनिक तंत्रों में बेहतर तालमेल के लिए ई-प्रशासन (e-governance) का उपयोग कम्प्यूटर की सहायता से ही संभव हो पाया है।
(xv) डिजिटल पुस्तकालय (Digital Library): पुस्तकों को अंकीय स्वरूप प्रदान कर उन्हें अत्यंत कम स्थान में अधिक समय के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है। इसे इंटरनेट से जोड़ देने पर किसी भी स्थान से पुस्तकालय में संग्रहित सूचना को प्राप्त किया जा सकता है।
आजकल शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा, जिसमें कम्प्यूटर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। पर्यावरण, पुस्तकालय, यातायात, पुलिस प्रशासन, मौसम विज्ञान, संगीत, ‘चित्रकला, ज्योतिष, इंजिनियरिंग डिजाइन आदि अनेक क्षेत्रों में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है।
1.6. कम्प्यूटर के अनुप्रयोग के प्रभाव (Impact of Computerisation)
(i) समय की बचत : चूंकि कम्प्यूटर के कार्य करने की गति अत्यंत तीव्र है, अतः मनुष्य द्वारा एक साल में पूरा किए जाने वाले कार्यों को कम्प्यूटर की सहायता से कुछ ही मिनटों में किया जा सकता है।
(ii) त्रुटि रहित कार्य : कम्प्यूटर के प्रयोग से कार्य में त्रुटि (error) की संभावना नगण्य हो जाती है। जो त्रुटि होती भी है, वह गलत डाटा या गलत प्रोग्राम का परिणाम है जिसे पहचान कर सही किया जा सकता है।
(iii) कार्य की गुणवत्ता: चूंकि कम्प्यूटर हर बार समान गुणवत्ता से कार्य करता है, अतः बार-बार एक ही कार्य को करने के पश्चात् भी उत्पाद की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं होता है।
(iv) कागज की बचत : डाटा संग्रहण के इलेक्ट्रानिक विधियों के उपयोग और उनकी विशाल भंडारण क्षमता के कारण कम्प्यूटर के प्रयोग से कागज की बचत संभव हो पाती है।
(v) बेरोजगारी : यह कम्प्यूटर के विस्तृत अनुप्रयोग का एक नकारात्मक प्रभाव है। एक कम्प्यूटर द्वारा सैकड़ों लोगों का कार्य किया जा सकता है जिससे लोगों की जीविका पर प्रभाव पड़ता है। परन्तु वैकल्पिक व्यवस्था और समुचित विकास द्वारा इस पर काबू पाया जा सकता है। दूसरी तरफ, कम्प्यूटर से संबंधित क्षेत्रों में रोजगार का सृजन भी किया जा सकता है।
FAQs
1. कम्प्यूटर में पासवर्ड सुरक्षा करता है ?
(a) हार्डवेयर पुराना पड़ने से
(b) साफ्टवेयर की त्रुटियों से
(c) तंत्र के अनधिकृत अभिगमन से
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans. (c) व्याख्या : कम्प्यूटर में पासवर्ड के प्रयोग से केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही इस पर कार्य कर सकेगा और कम्प्यूटर में सुरक्षित डाटा तथा सूचना का प्रयोग और उसमें बदलाव कर सकेगा। यह अनधिकृत व्यक्तियों को कम्प्यूटर उपयोग से रोकता है।
2. किसी व्यवस्था के कम्प्यूटरीकरण में आवश्यकता होती है?
(1) उसको करने की दृढ़ इच्छा शक्ति
(2) सम्बन्धित वित्तीय संसाधनों की
(3) जनशक्ति के प्रशिक्षण की
(4) एक अत्याधुनिक संरचना की
नीचे दिए गये कूट से सही उत्तर का चयन करें –
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) सभी चारों
Ans. (d) व्याख्या : किसी व्यवस्था के कम्प्यूटरीकरण के लिए वित्तीय संसाधनों, अत्याधुनिक संरचना, प्रशिक्षण तथा दृढ़ इच्छा शाक्ति, सभी की आवश्यकता पड़ती है।
3. कम्प्यूटर
1. आंकड़ों के भंडारण वाली एक सक्षम युक्ति है।
2. आंकड़ों के विश्लेषण करने में सक्षम है।
3. पूर्ण गोपनीयता बनाए रखने में सक्षम है।
4. कभी-कभी वायरस द्वारा संक्रमित होता है।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन करें-
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1, 2 और 4
(d) सभी चारों
Ans. (d) व्याख्या: आंकड़ों (डाटा) का भंडारण और उनका विश्लेषण कम्प्यूटर का कार्य है। पासवर्ड की सहायता से कम्प्यूटर में पूर्ण गोपनीयता बनाए रखा जा सकता है। जबकि वायरस द्वारा संक्रमित होना कम्प्यूटर की एक कमी है।
4. Y2K समस्या का सम्बन्ध है?
(a) कम्प्यूटर वायरस को नियंत्रित करने हेतु समाधान पाने का
(b) विश्व भर में कार्यरत कम्प्यूटर में एकरूपता लाने हेतु प्रयत्न
(c) ई. सन के अंतिम दोनों शब्दों के शून्य हो जाने की दशा में उसका प्रतिस्थानी ढूढ़ना
(d) साठ वर्ष की कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली के आधारपर उसमें आमूल परिवर्तन करना।
Ans. (c) व्याख्या : प्रारंभ में कम्प्यूटर वर्ष को दो अंकों में निरूपित किया जाता था। इस दशा में वर्ष 1998 को 98 व 1999 को 99 लिखा जाएगा। इस प्रकार 31 दिसंबर, 99 के बाद 01 जनवरी 00 दिन दिखाया जाएगा जिससे कम्प्यूटर के कार्य प्रणाली पर असर पड़ने की संभावना थी। इस समस्या को Y2K (Year 2 Thou-sand) का नाम दिया गया था।
5. निम्नलिखित में से कौन कम्प्यूटर के गुण है-
(a) तीव्र गति
(b) त्रुटि रहित कार्य
(c) गोपनीयता
(d) उपर्युक्त सभी
Ans. (d) व्याख्या : कम्प्यूटर अपनी गति और त्रुटि रहित कार्य अर्थात् विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। पासवर्ड के प्रयोग द्वारा गोपनीयता सुनिश्चित की जा सकती है।
6. डाटा प्रोसेसिंग का अर्थ है-
(a) डाटा संग्रहण
(b) डाटा को सजाना
(c) डाटा को उपयोगी बनाना
(d) उपर्युक्त सभी
Ans. (c) व्याख्या : डाटा प्रोसेसिंग में अवर्गीकृत या रॉ डाटा को वर्गीकृत कर उपयोग के लायक बनाया जाता है।
7. चिह्नात्मक डाटा (Alphanumeric Data) में प्रयोग किया जाता है?
(a) अंकों का
(b) अक्षरों का
(c) चिह्नों का
(d) उपर्युक्त सभी का
Ans. (d) व्याख्या : चिह्नात्मक डाटा में अंकों, चिह्नों और अक्षरों, सभी का प्रयोग किया जाता है। इस डाटा पर अंकगणितीय क्रियाएं नहीं की जा सकती, पर उनकी तुलना की जा सकती है। जैसे- घर का पता आदि।
8. इनमें से कौन कम्प्यूटर का गुण नहीं है?
(a) जल्द निर्णय लेने की क्षमता
(b) गोपनीयता
(c) बुद्धिहीन
(d) विविधता
Ans. (c) व्याख्या : कम्प्यूटर में स्वयं की सोचने की क्षमता नहीं होती। अतः इसे बुद्धिहीन कहा जाता है। यह कम्पयूटर का गुण नहीं, बल्कि दोष है। अन्य सभी विकल्प कम्प्यूटर के गुण हैं।
9. कम्प्यूटर साक्षरता दिवस मनाया जाता है-
(a) 1 दिसम्बर
(b) 2 दिसम्बर
(c) 1 जनवरी
(d) 22 जनवरी
Ans. (b) व्याख्या : प्रतिवर्ष 2 दिसम्बर को विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस मनाया जाता है।
10. विश्व में सर्वाधिक कम्प्यूटर वाला देश है?
(a) भारत
(b) रूस
(c) जापान
(d) सं. रा. अमेरिका
Ans. (d) व्याख्या : सं. रा. अमेरिका (USA) में कम्प्यूटर की संख्या विश्व में सर्वाधिक है।
11. निम्नलिखित में से किसे सूचना राजपथ की संज्ञा दी जाती है?
(a) टेलीफोन
(b) ई-मेल
(c) इंटरनेट
(d) सेलफोन
Ans. (c) व्याख्या : इंटरनेट पर सूचनाओं के तीव्र आदान-प्रदान के कारण इसे सूचना राजपथ (Information High-way) की संज्ञा दी जाती है।
12. कम्प्यूटर साक्षरता का अर्थ है?
(a) कम्प्यूटर प्रोग्राम लिखना
(b) कम्प्यूटर की त्रुटि सुधारना
(c) कम्प्यूटर के कार्य क्षमता की जानकारी रखना
(d) कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली जानना
Ans. (c) व्याख्या : कम्प्यूटर साक्षरता में व्यक्ति को कम्प्यूटर क्या कर सकता है और क्या नहीं इसकी जानकारी दी जाती है ताकि व्यक्ति दैनिक कार्यों में होने वाले कम्प्यूटर अनुप्रयोग की सुविधा का लाभ उठा सके।
13. डाटा प्रोसेसिंग का अर्थ है?
(a) डाटा का भण्डारण
(b) डाटा का संग्रहण
(c) उपयोग के लिए सूचना प्राप्त करना
(d) सूचना का विश्लेषण
Ans. (c) व्याख्या : डाटा प्रोसेसिंग डाटा का उपयोगिता के आधार पर विश्लेषण करना है ताकि उपयोगी सूचना प्राप्त की जा सके।
14. बैंकिंग लेन-देन में ECS का अर्थ है?
(a) एक्सेस क्रेडिट सुपरवाइजर
(b) एक्स्ट्रा कैश स्टेट्स
(c) एक्सचेंज क्लियरिंग स्टैंडर्ड
(d) इलेक्ट्रानिक क्लियरिंग सर्विस
Ans. (d) व्याख्या : बैंकों में कम्प्यूटर के अनुप्रयोग में तेजी आयी है। कम्प्यूटर द्वारा लेन-देन की प्रक्रिया को तीव्र व विश्वसनीय बनाने के लिए इ.सी.एस. (ECS-Electronic Clearing Service) का प्रयोग किया जाता है।
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