आधुनिक भारत
आधुनिक भारत,1487 ई. में बार्थोलोम्यू डियास’ ने (cape of good hope) ‘आशा द्वीप’ की खोज की।
• 1492 ई. मे इटली के कोलम्बस ने स्पेन से अपनी यात्रा प्रारंभ की ,भारत के स्थान पर इसने अमेरिका के समुन्द्रीय रास्ते की खोज कर दी। (कंपास में खराबी होने के कारण)
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पुर्तगाली
• बार्थोलोम्यू डियाज 1487 ई. में आशा अन्तरीप पहुँचा तथा उस जगह को तूफानी अंतरीप नाम दिया।
• 17 मई, 1498 को पुर्तगाली यात्री वास्कोडिगामा समुद्री मार्ग ‘केप ऑफ गुड होप’ के रास्ते भारत में कालीकट बन्दरगाह पर पहुँचा।
• कालीकट के जमोरिन ने वास्कोडिगामा का स्वागत किया।
• वास्कोडिगामा द्वारा भारत से ले जाया गया मसाला उसकी पूरी यात्रा खर्च से साठ गुना अधिक दाम पर बिका।
• यूरोपीय व्यापारी अफ्रीका से सोना, हाथी दाँत एवं गुलाम जैसी चीजें ले जाते थे।
• 1503 ई. में पुर्तगालियों ने अपना पहला दुर्ग कोचीन में स्थापित किया।
• पुर्तगालियों ने अपना दूसरा दुर्ग 1505 ई. में कन्नूर में बनाया।
• 1509 ई. में गुजरात तथा मिस्र के संयुक्त बेड़े को फ्रांसिस्को-डी-अल्मेडा ने पराजित किया।
• अल्बुकर्क 1503 ई. में भारत आया।
• अल्बुकर्क 1509 ई. में पुर्तगाली गवर्नर नियुक्त हुआ।
• अलफांसो डी अल्बुकर्क (1509-15 ई.) को भारत में पुर्तगीज शक्ति का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।
• अल्बुकर्क ने गोवा अधिग्रहण में तिमैया नामक हिन्दू से सहायता ली थी।
• 1510 ई. में अल्बुकर्क ने गोवा को बीजापुर के सुल्तान से जीता।
• गोवा भारत में पुर्तगाली राज्य की राजधानी 1530 ई. में बना।
• पुर्तगालियों ने दीव एवं दमन पर क्रमशः 1535 ई. एवं 1559 ई. में अधिकार किया।
यूरोपीय कंपनियों का भारत आगमन
देश | वर्ष |
---|---|
पुर्तगाली | 1498 |
अंग्रेजी | 1600 |
डच | 1602 |
डेनिस | 1616 |
फ्रांसीसी | 1664 |
स्वीडिश | 1731 |
• गोवा घोड़ों के आयात के लिये प्रसिद्ध था।
• पुर्तगाली खुद को सागर का स्वामी कहते थे।
• दक्षिण-पूर्व एशिया से पुर्तगालियों को डचों ने बाहर किया।
डच (Dutch)
• डच ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना 1602 ई. में हुई। भारतीय उपमहाद्वीप पर डच उपस्थिति 1605 ई.-1825 ई. तक’ रही। डच ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारियों ने खुद को सबसे पहले कोरोमंडल तट पर स्थापित किया जहाँ पुलीकट उनका प्रारंभिक उपनिवेश बना।
• पुर्तगालियों के पास अन्तिम रूप से गोवा, दमन एवं दीव क्षेत्र रह गये।
यूरोपीयों की प्रथम फैक्ट्रियाँ
देश | वर्ष | स्थान |
---|---|---|
पुर्तगाली | 1502 | कोचीन, केरल |
डच | 1605 | मसुलीपट्टनम, आन्ध्रप्रदेश |
अंग्रेज | 1611 | मसुलीपट्टनम, आन्ध्रप्रदेश |
डेनिस | 1620 | ट्रावनकोर, तंजौर |
फ्रांसीसी | 1668 | सूरत, गुजरात |
• 1690 ई. तक डचों की मुख्य व्यापारिक कोठी पुलीकट थी।
• 1690 ई. के बाद डचों ने नागापट्टम में मुख्यालय बनाया।
• डच सर्वप्रथम यूरोपीय थे जिन्होंने संयुक्त पुंजी एकत्र करके भारत के साथ व्यापार प्रारम्भ किया था।
• डच ऐसे यूरोपीय थे जो भारत में मसाले से ज्यादा सूती वस्त्र पर अपना ध्यान केंद्रित किए ।
• सभी यूरोपियो मे सर्वाधिक लाभांश कमाने वाले डच थे।
• डचों की व्यापारिक कोठी ‘मसूलीपट्टनम, विमली पट्टनम् पुलीकट, चिन्सुरा में खुली हुई है।
• 1759 में बेदरा (प. बंगाल) के युद्ध में अंग्रेजो ने डचों को पराजित करके भारत में उनके उपनिवेशवाद का अन्त कर दिया।
• 1795 मे डच भारत छोडकर वापस चले गए।
अंग्रेज
• भारत आनेवाला पहला अंग्रेज जहाज रेड ड्रैगन था।
• ईस्ट इण्डिया कंपनी की स्थापना 1600 ई. में हुई।
• कैप्टन हॉकिन्स जहाँगीर के दरबार में 1608 ई. में आया।
• अंग्रेजों ने अपनी पहली फैक्टरी 1611 ई. में मसुलीपट्टनम में खोली।
• जहाँगीर ने सूरत तथा पश्चिमी तट पर फैक्टरी खोलने की इजाजत 1613 ई. में दी।
• अंग्रेज राजदूत सर टॉमस रो 1615 ई. में भारत आया।
• बम्बई से पहले अंग्रेजों का मुख्यालय सूरत था।
• मसुलीपट्टनम गोलकुण्डा राज्य का प्रमुख बन्दरगाह था।
• मद्रास में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किले का नाम फोर्ट सेंट जॉर्ज था।
• अंग्रेजों ने बंगाल में अपनी पहली कोठी 1651 ई. में हुगली में स्थापित की।
• अंग्रेज बंगाल से कच्चा रेशम, सूती कपड़ा, शोरा तथा चीनी का व्यापार करते थे।
• 1651 ई. में सुल्तान शुजा ने 3000 रु. वार्षिक शुल्क के बदले अंग्रेजी कंपनी को बंगाल में व्यापार का विशेषाधिकार दिया।
• अंग्रेजों ने हुगली को 1686 ई. में लूटा।
• अंग्रेजों ने अपना मुख्यालय 1686 ई. में बम्बई में बनाया। 1661 ई. में इंग्लैंड के राजा चार्ल्स द्वितीय का विवाह पुर्तगाली राजकुमारी कैथरीन के साथ हुआ। इस अवसर पर पुर्तगालियों ने चार्ल्स द्वितीय को दहेज के रूप में बम्बई द्वीप प्रदान किया।
• अंग्रेजों द्वारा कलकत्ता में निर्मित दुर्ग का नाम फोर्ट विलियम था। इंग्लैंड के सम्राट के सम्मान में उक्त किलाबंद व्यावसायिक प्रतिष्ठान का नाम फोर्ट विलियम रखा गया। सर चार्ल्स आर्चर इसका पहला प्रसीडेण्ट बना था।
• कलकत्ता की स्थापना 1690 ई. में जॉब चारनॉक ने की।
• 1698 ई. में अजीमुश्शान ने अंग्रेजों को 1200 रु. में सुत्तानाती, कलिकत्ता एवं गोविन्दपुरी की जमींदारी दे दी।
फ्रांसीसी
• फ्रांसीसियों ने अपनी पहली कोठी 1668 ई. में सूरत में स्थापित की।
• लुई चौदहवें के मंत्री कॉलबर्ट द्वारा 1664 ई. में फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई।
• फ्रांसीसियों ने पॉण्डिचेरी की नींव 1673 ई. में फ्रेंक मार्टिन द्वारा रखी।
• 1674 ई० में मार्टिन ‘नामक व्यक्ति ने पाण्डिचेरी शहर की स्थापना की जिसे भारत में फ्रांसीसियों की बस्ती का वास्तविक संस्थापक कहा गया ।
• फ्रांसीसियों ने बंगाल में चन्द्रनगर की प्रसिद्ध कोठी 1690-92 ई. में बनाई।
• भारत मे क्रमशः तीन फ्रांसीसी गवर्नर हुए डूप्ले (सहायक संधि का जन्मदाता) गोडेहू और काउण्ट-डी- लाली ।
• 1760 मे वाण्डिवारा के युद्ध में आयरकूट ने डी – लाली को पराजित करके भारत में फ्रासीसियों के उपनिवेश्वाद का अन्त कर दिया।
• 1954 में फांसीसी भारत छोड़कर बापस चले गये।
बंगाल में कम्पनी शासन की स्थापना
• अंग्रेजों ने 1651 ई. में बंगाल के हुगली में अपनी कोठी शाहशुजा की अनुमति से बनाई।
• मुर्शिद कुर्ली खाँ बंगाल का दीवान 1700 ई. में बना।
• 1727 ई. में मुर्शिद कुर्ली खाँ के निधन के बाद शुजाउद्दीन ने शासन किया।
• अलीवर्दी खाँ 1740 ई. में बंगाल का नवाब बना।
• बंगाल-बिहार एवं उड़ीसा को मिलाकर बंगाल प्रान्त की स्थापना 1733 ई. में की गई।
• अलीवर्दी खाँ ने अंग्रेजों एवं फ्रांसीसियों को कलकत्ता एवं चन्द्रनगर में किलेबन्दी की इजाजत नहीं दी।
• मराठों के आक्रमण के कारण उड़ीसा का एक बड़ा हिस्सा अंग्रेजों को देना पड़ा।
• सिराजुद्दौला 1756 ई. में बंगाल का नवाब बना।
• किलेबन्दी नहीं हटाने के कारण सिराजुद्दौला ने 15 जून, 1756 ई. को फोर्ट विलियम पर कब्जा कर लिया।
• अंग्रेजों ने सिराजुद्दौला से हारने के बाद फुल्टा द्वीप में शरण ली।
प्लासी का युद्ध ( 23 जून, 1757 ई.)
● प्लासी बंगाल के नदिया जिले में भागीरथी नदी के बाएं तट पर स्थित है।
● यह युद्ध अंग्रेजों के सेनापति रॉबर्ट क्लाइव एवं बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुआ जिसमें नवाब अपने सेनापति मीरजाफर की धोखाधड़ी करने के कारण पराजित हुआ। अंग्रेजों ने मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
● प्लासी युद्ध के समय आलमगीर द्वितीय मुगल बादशाह था।
● नवाब की सेना का नेतृत्व तीन राजद्रोही (मीरजाफर, यारलतीफ खां तथा रायदुर्लभ) कर रहे थे।
• ब्लैक होल घटना में 20 जून, 1756 को एक छोटे कमरे में 146 अंग्रेजों को बन्द कर दिया गया। 23 को छोड़ दम घुटने से 123 व्यक्ति मर गये थे।
• सिराजुद्दौला ने कलकत्ता का अधिकारी मानिकचंद को बनाया।
• बंगाल का सबसे बड़ा बैंकर जगत सेठ था।
• मानिकचंद ने घूस लेकर कलकत्ता अंग्रेजों को सौंप दिया।
• अलीनगर की सन्धि फरवरी 1757 ई. में हुई।
• फ्रांसीसी बस्ती चन्द्रनगर को अंग्रेजों ने मार्च 1757 ई. में जीता।
• प्लासी युद्ध में नवाब की सेना का नेतृत्व विश्वासघाती रायदुर्लभ तथा मीरजाफर कर रहे थे।
• सिराजुद्दौला के वफादार सेनापति मीरमदान तथा मोहन लाल थे, जो प्लासी में लड़े।
• 1757 ई. में मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया गया।
• सिराजुद्दौला की हत्या मीरजाफर के पुत्र मीरान ने कर दी।
• मीर कासिम 1760 ई. में बंगाल का नवाब बना।
• मीर कासिम ने दस्तक के दुरुपयोग को रोकने के लिए देशी व्यापारियों को भी निःशुल्क व्यापार करने का अधिकार प्रदान किया।
• उदयनाला के युद्ध में पराजित होने के बाद मीर कासिम ने पटना हत्याकाण्ड करवाया।
• बक्सर के युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व हेक्टर मुनरो कर रहा था।
बक्सर का युद्ध ( 23 अक्टूबर, 1764 ई.)
● बक्सर का युद्ध अंग्रेजों तथा मीर कासिम, अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेनाओं के बीच हुआ।
● अंग्रेजी सेना का नेतृत्व हेक्टर मुनरो ने किया जिसमें अंग्रेज विजयी हुए।
● बक्सर के युद्ध ने बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा पर कम्पनी का पूर्ण प्रभुत्व स्थापित कर दिया तथा अवध अंग्रेजों की दया का पात्र बन गया।
• मीरजाफर की मृत्यु 1765 ई. में हुई।
• 12 अगस्त, 1765 के शाही फरमान के अनुसार मुगल सम्राट ने बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी, जमींदारी स्थायी रूप से कम्पनी को सौंप दी।
• कम्पनी ने मुगल सम्राट को 26 लाख रुपये वार्षिक देना स्वीकार किया।
• 1765 ई. में बंगाल का नवाब नजमुद्दौला को बनाया गया।
• लगान वसूलने के लिये कम्पनी ने बंगाल के लिये मुहम्मद रजा खाँ एवं बिहार के लिए शिताब राय को नियुक्त किया।
• क्लाइव ने 1765 ई. में बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना की।
• क्लाइव फरवरी, 1767 ई. में सदा के लिए भारत छोड़कर चला गया।
• द्वैध शासन के समय ही बंगाल में 1770 ई. में भयंकर अकाल पड़ा। अकाल के समय कार्टियर बंगाल का गवर्नर था।
• बंगाल में द्वैध शासन 1772 ई. तक चलता रहा।
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निष्कर्ष:
हम आशा करते हैं कि आपको यह पोस्ट आधुनिक भारत जरुर अच्छी लगी होगी। आधुनिक भारत के बारें में काफी अच्छी तरह से सरल भाषा में समझाया गया है। अगर इस पोस्ट से सम्बंधित आपके पास कुछ सुझाव या सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताये। धन्यवाद!
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