सौर ऊर्जा (Solar Energy)

सौर ऊर्जा प्रदूषण मुक्त एक अक्षयशील ऊर्जा स्रोत है। भारत सामान्यतः एक उष्ण कटिबन्धीय देश होने के कारण प्रतिवर्ष लगभग 5000 ट्रिलियन किलोवाट घण्टा सौर ऊर्जा प्राप्त करता है। जिससे प्रतिवर्ष 1900 बिलियन इकाई विद्युत उत्पादित की जा सकती है।

देश के अधिकांश भाग में वर्ष में 300 दिन खुली धूपयुक्त होते हैं। यहाँ 50 मेगावाट प्रति वर्ग किमी. स्थल क्षेत्र पर सौर ऊर्जा उत्पादन करना सम्भव है। ज्ञातव्य है कि राजस्थान सौर ऊर्जा के विकास हेतु एक आदर्श प्रदेश है।

सौर ऊर्जा का उपयोग अनेक उद्देश्यों के लिये किया जाता है। जिसमें घरेलू ऊष्मन, स्थान ऊष्मन, डिस्टिलेशन संयंत्र, एयरकन्डीशनिंग, रेफ्रिजरेशन, खाना बनाना आदि सम्मिलित हैं।

वर्तमान समय में इसे सौर तापीय तथा सौर फोटोवोल्टोइक मार्गों से प्रयोग में लाया जा रहा है। फोटोवोल्टोइक तकनीकी सूर्य के प्रकाश को विद्युत में बदल देती है। सौर तापीय प्रणाली में सौर ऊर्जा की संग्राहकों तथा रिसीवरों की सहायता से तापीय ऊर्जा में बदला जाता है। भारत उन 6 देशों में है जिन्होंने पॉलीसिलिकॉन पदार्थ के निर्माण की प्रौद्योगिकी विकसित की है। राष्ट्रीय सौर मिशन के अधीन माइग्रेशन योजना के माध्यम से 50.5 मेगावाट क्षमता की 11 परियोजनाएं, बैच-1 के अधीन 30 मेगावाट क्षमता की 26 परियोजनाएं हैं और लघु क्षमता वाली बिजली परियोजनाओं (RPSSGP कार्यक्रम) के अधीन कुल मिलाकर 88.80 मेगावाट क्षमता वाली 69 परियोजनाएं शुरू की गई हैं। ज्ञातव्य है, कि देश में 31 मई, 2020 तक सौर ऊर्जा में कुल संचयी संस्थापित क्षमता 32288.73 मेगावाट थी। मध्य प्रदेश में 130 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र नीमच जिले में जावद तहसील के डीकेन, भगवानपुरा व पंडालिया गाँवों में स्थापित किया गया है। राज्य शासन के साथ सम्पन्न एक समझौते के तहत इस संयंत्र की स्थापना वेलस्यन सोलर प्रा. लि. द्वारा की गई है। 370 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित रु. 1100 करोड़ के निवेश वाली यह परियोजना देश में सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना है। अपने निर्धारित समय से 8 माह पहले पूरी हुई इस परियोजना का उद्घाटन 26 फरवरी, 2014 को किया गया था।

अब तक देश में लगभग 915.61 मेगावाट क्षमता के सोलर फोटोवोल्टोइक सिस्टम लगाये जा चुके हैं। इस दृष्टि से भारत विश्व के विकासशील देशों में सर्वोपरि है। ये सिस्टम ग्रामीण तथा दूरस्थ क्षेत्रों में जहाँ ग्रिड शक्ति उपलब्ध नहीं है, भी लगाये गये हैं। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2017 में देश में 6.34 लाख सोलर कुकर, 114878 लाख सौर पी.वी. पम्प तथा 23 लाख वर्ग मीटर संग्राहक क्षेत्र में सौर जल तापन प्रणाली कार्यरत थे।

जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (JNNSM)

देश में बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति तथा जीवाश्म ऊर्जा पर बढ़ती निर्भरता को कम करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 11 जनवरी, 2010 को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय मिशन का शुभारम्भ किया। इस मिशन के तहत 2022 ई. के अन्त तक 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।* इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश में सिलिकान वैली के तर्ज पर अनेक सोलर वैलियों का निर्माण किया जाएगा। ये सोलर वैली ऐसे औद्योगिक क्षेत्र होंगे जहाँ बिजली के बजाय सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा।

• इस मिशन का उद्देश्य भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक अग्रणी देश बनाना है। इस मिशन में तीन अवस्थाओं वाला एक प्लान बनाया गया है जो 11वीं पंचवर्षीय योजना से आरम्भ होकर 13वीं पंचवर्षीय (2017-2022) तक चलेगी। प्रत्येक अवस्था के अन्त तथा 12वीं एवं 13वीं पंचवर्षीय योजना के मध्यावधि समीक्षा के दौरान मिशन की प्रगति, क्षमता का मूल्यांकन तथा अगले अवस्था के लिए लक्ष्य का निर्धारण किया जाएगा। इस मिशन के प्रमुख लक्ष्य इस प्रकार निर्धारित किए गए हैं-

• घरेलू अंश आवश्यकता (Domestic Content Requirement) श्रेणी के अनुसार भारत में सौर परियोजनाओं हेतु देश में निर्मित सौर उपकरणों और बैटरी का प्रयोग किया जायेगा।

• वर्ष 2022 तक 1.0 लाख मेगावाट सौर ऊर्जा की प्राप्ति के लिए एक सार्थक फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।

• वर्ष 2013 तक 1000 मेगावाट क्षमता वाली ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा का उत्पादन प्राप्त करना था।

• स्वदेशी तकनीक से सौर ऊष्मा के उत्पादन तथा बाजार के लिए आदर्श स्थिति निर्मित करना।

• वर्ष 2017 तक 15 मिलियन वर्ग मीटर तथा 2022 तक 20 मिलियन वर्ग मीटर सोलर थर्मल संग्रह स्थल प्राप्त करना।

• वर्ष 2022 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिलियन सौर लाइटें लगायी जाएगी। इससे एक अरब लीटर केरोसीन प्रतिवर्ष बचाया जा सकेगा।

4337 करोड़ रुपए की आरम्भिक पूँजी से आरम्भ की गई यह महत्वाकांक्षी परियोजना देश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकता के लिए बेहद जरूरी है। केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय सोलर मिशन को परमाणु ऊर्जा आयोग की तर्ज पर आगे बढ़ाने का निर्णय भी लिया है। यद्यपि सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना का आरम्भिक निवेश काफी ऊँचा है, लेकिन बाद के वर्षों में इसके उत्पादन लागत में क्रमशः कमी आती जाती है। इसके अलावा ऊर्जा स्रोतों की सुरक्षा, पर्यावरणीय प्रभाव तथा अन्य तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि सौर ऊर्जा भविष्य के आर्थिक विकास की कुंजी है और राष्ट्रीय सोलर मिशन इस कुंजी की प्राप्ति की दिशा में पहला बढ़ा कदम है।

शीर्ष नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाले राष्ट्र (2018)
रैंक
राष्ट्र
• प्रथम
चीन
• द्वितीय
USA
• तृतीय
ब्राजील
• चतुर्थ
भारत
• पंचम
जर्मनी

सौर ऊर्जा : वार्षिकांक समीक्षा

• राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लक्ष्य को 20 गीगावाट से बढ़ाकर वर्ष 2021-22 तक 100 गीगावाट कर दिया गया है।

• ‘सोलर पार्कों और अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास’ से जुड़ी योजना की क्षमता 20,000 मेगावाट से बढ़ाकर 40,000 मेगावाट कर दी गई है। 21 राज्यों में कुल मिलाकर 20,514 मेगावाट क्षमता के 35 सोलर पार्कों को मंजूरी दी गई है।

• आंध्र प्रदेश में 1000 मेगावाट क्षमता के कुरनूल सोलर पार्क को पहले ही चालू किया जा चुका है और इसका परिचालन जारी है। एक ही स्थान पर 1000 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क के चालू हो जाने से कुरनूल सोलर पार्क अब दुनिया के सबसे बड़े सोलर पार्क के रूप में उभर कर सामने आया है।

• राजस्थान में 650 मेगावाट क्षमता के भादला (चरण-II) सोलर पार्क को चालू कर दिया गया है।

• मध्य प्रदेश में 250 मेगावाट क्षमता के नीमच मंदसौर सोलर पार्क (500 मेगावाट) के चरण-1 को चालू कर दिया गया है।

• सौर ऊर्जा की दर घटकर 2.44 रुपये प्रति/केडब्ल्यूएच के न्यूनतम स्तर पर आ गई है।

यह भी पढ़ें : गैर-परम्परागत ऊर्जा (Non-Conventional Energy)

FAQs

Q1. सौर ऊर्जा क्या है?
Ans.
सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा है, जो प्रकाश और गर्मी के रूप में होती है।

Q2. सौर ऊर्जा के मुख्य स्रोत क्या हैं?
Ans.
सौर ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य है, जो हर दिन विशाल मात्रा में ऊर्जा प्रदान करता है।

Q3. सौर पैनल क्या होते हैं?
Ans.
सौर पैनल उपकरण होते हैं जो सूर्य की रोशनी को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।

Q4. सौर ऊर्जा के लाभ क्या हैं?
Ans.
सौर ऊर्जा नवीकरणीय, प्रदूषण मुक्त, और दीर्घकालिक ऊर्जा स्रोत है, जो बिजली के बिल को कम करने में मदद करता है।

Q5. सौर ऊर्जा का उपयोग कहाँ किया जाता है?
Ans.
सौर ऊर्जा का उपयोग घरेलू बिजली, जल गर्म करने, कृषि, और औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है।

Q6. सौर ऊर्जा के नुकसान क्या हैं?
Ans.
सौर ऊर्जा के नुकसान में उच्च प्रारंभिक लागत, मौसम पर निर्भरता, और स्थान की आवश्यकता शामिल हैं।

Q7. सौर ऊर्जा को कैसे संग्रहित किया जा सकता है?
Ans.
सौर ऊर्जा को बैटरी में संग्रहित किया जा सकता है, जिससे इसे बाद में उपयोग किया जा सके।

Q8. सौर ऊर्जा का पर्यावरण पर क्या प्रभाव है?
Ans.
सौर ऊर्जा का पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव है, क्योंकि यह कार्बन उत्सर्जन को कम करती है और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करती है।

Q9. सौर ऊर्जा प्रणाली के मुख्य घटक कौन से हैं?
Ans.
सौर ऊर्जा प्रणाली के मुख्य घटक हैं: सौर पैनल, इनवर्टर, बैटरी, और चार्ज कंट्रोलर।

Q10. भारत में सौर ऊर्जा का विकास कैसे हो रहा है?
Ans.
भारत में सौर ऊर्जा का विकास तेजी से हो रहा है, सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से, जैसे कि सौर ऊर्जा पार्क और सब्सिडी योजनाएँ।

Q11. सौर ऊर्जा का उपयोग किस प्रकार की ऊर्जा में किया जा सकता है?
Ans.
सौर ऊर्जा का उपयोग विद्युत ऊर्जा, गर्मी ऊर्जा, और यांत्रिक ऊर्जा में किया जा सकता है।

Q12. सौर ऊर्जा प्रणाली में इनवर्टर का क्या कार्य है?
Ans.
इनवर्टर का कार्य सौर पैनल से प्राप्त डीसी (डायरेक्ट करंट) को एसी (अल्टरनेटिंग करंट) में परिवर्तित करना है, ताकि इसे घरेलू उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा सके।

Q13. सौर ऊर्जा के लिए सबसे उपयुक्त स्थान कौन सा है?
Ans.
सौर ऊर्जा के लिए सबसे उपयुक्त स्थान वे क्षेत्र हैं जहाँ सूर्य की रोशनी अधिक समय तक और अधिक तीव्रता से मिलती है, जैसे कि रेगिस्तानी और उष्णकटिबंधीय क्षेत्र।

Q14. सौर ऊर्जा के लिए बैटरी का क्या महत्व है?
Ans.
बैटरी का महत्व यह है कि यह सौर ऊर्जा को संग्रहित करती है, जिससे इसे रात या बाद के समय में उपयोग किया जा सके।

Q15. सौर ऊर्जा का उपयोग कृषि में कैसे किया जा सकता है?
Ans.
सौर ऊर्जा का उपयोग कृषि में सौर पंप, सौर सिंचाई प्रणाली, और सौर सुखाने के लिए किया जा सकता है।

Q16. सौर ऊर्जा के लिए सरकारी योजनाएँ कौन सी हैं?
Ans.
भारत में सौर ऊर्जा के लिए कई सरकारी योजनाएँ हैं, जैसे कि “सौर ऊर्जा नीति”, “सौर rooftop योजना”, और “सौर पार्क योजना”।

Q17. सौर ऊर्जा की लागत में कमी कैसे आई है?
Ans.
सौर ऊर्जा की लागत में कमी तकनीकी प्रगति, बड़े पैमाने पर उत्पादन, और प्रतिस्पर्धा के कारण आई है।

Q18. सौर ऊर्जा का उपयोग किस प्रकार के उपकरणों में किया जा सकता है?
Ans.
सौर ऊर्जा का उपयोग सौर जल हीटर, सौर लाइटिंग, सौर पैनल, और सौर एयर कंडीशनर में किया जा सकता है।

Q19. सौर ऊर्जा के लिए कौन से प्रमुख देश अग्रणी हैं?
Ans.
सौर ऊर्जा के लिए प्रमुख देश हैं: चीन, अमेरिका, जर्मनी, और भारत।

Q20. सौर ऊर्जा का भविष्य क्या है?
Ans.
सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि यह नवीकरणीय, स्वच्छ, और स्थायी ऊर्जा स्रोत है, जो वैश्विक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

Leave a Comment