पवन ऊर्जा (Wind Energy)

पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता के मामले में भारत का विश्व में अब चौथा (2018) स्थान है। इस मामले में विश्व के पहले तीन अग्रणी देश क्रमशः चीन, यू.एस.ए. एवं जर्मनी हैं। केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार 31 मई, 2020 तक भारत में पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता 37756.35 मेगावाट थी।

BP Statistical Review Energy, 2020 के अनुसार विश्व में विद्युत के कुल उत्पादन (27004.7 TWH) में पवन ऊर्जा (1270 TWH) का योगदान 4.7 प्रतिशत था।

• नवीकरणीय ऊर्जा में सबसे अधिक हिस्सेदारी पवन ऊर्जा की है। वर्ल्ड इनर्जी काउंसिल रिपोर्ट, 2018 के अनुसार विश्व पवन ऊर्जा उपभोग में शीर्ष हिस्सेदारी वाले तीन देश थे, यथा- चीन, U.S.A, तथा जर्मनी। जबकि विश्व पवन ऊर्जा उपभोग में भारत की हिस्सेदारी 4.9 प्रतिशत थी।

शीर्ष पाँच पवन ऊर्जा संस्थापित क्षमता वाले राज्य
राज्य
अंश मेगावाट में (31 मार्च, 2020)
• तमिलनाडु
9304.3
• गुजरात
7541.3
• महाराष्ट्र
5000.3
• कर्नाटक
4760.6
• राजस्थान
4326.8
पवन ऊर्जा से विद्युत उत्पादन करने वाले शीर्ष राष्ट्र (2018)
रैंक
राष्ट्र
• प्रथम
चीन*
• द्वितीय
यू.एस.ए.
• तृतीय
जर्मनी
• चतुर्थ
भारत
• पंचम
यू.के.

बायोमॉस ऊर्जा (Biomass Energy)

जैव-ऊर्जा ग्रामीण ऊर्जा संकट को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह ऊर्जा का एक स्वच्छ तथा सस्ता स्रोत है जो सफाई तथा स्वास्थ्य में सुधार करता है, महिलाओं के कामों की नीरसता कम करता है तथा कृषि के लिये जैविक खाद तैयार करता है। इसे पशुओं के गोबर, मानव-मल, रसोई के अपशिष्ट, नगरीय अपशिष्ट तथा फसलों के अवशेष पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है।

भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1000 मिलियन टन फसल अवशेष तथा 300-400 मिलियन टन पशुओं का मल, उपलब्ध है। इन पदार्थों से 70,000 मिलियन घनमीटर मीथेन गैस प्राप्त हो सकती है, जो 160 मिलियन टन जलाऊ लकड़ी के समतुल्य है। इससे देश के 50% ग्रामीण घरेलू ईंधन की आवश्यकता पूरी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, 6 मिलियन टन नाइट्रोजन, 2.5 मिलियन टन फास्फेट, 4.5 मिलियन टन पोटेशियम तथा 50 मिलियन टन कम्पोस्ट खाद भी प्राप्त होगी।

• बायोगैस के उत्पादन सम्बन्धी तकनीक का प्रशिक्षण देने के लिए भारत में तीन बायोगैस केन्द्र कोयम्बटूर, उदयपुर और पूसासमस्तीपुर में स्थित हैं।

• भारत में बायोमास से ऊर्जा प्राप्त करने के संयत्र पंजाब के झालखारी में, दिल्ली के तिमारपुर में, मुम्बई तथा पोर्टब्लेयर में स्थापित किये गये हैं। देश में कुल 21 मार्च, 2017 तक 49.56 लाख बायोगैस संयन्त्र स्थापित किये जा चुके थे।

• बायोमॉस से इथेनोल और मिथेनोल जैसे तरल ईंधन भी बनाये जाते हैं जिससे वाहन चलाये जाते हैं।

• बॉयोडीजल का रासायनिक नाम मिथाइल एस्टर्स है।

• बॉयोडीजल के स्रोत के रूप में रतन जोत (जटरोफा), करंज, पोन्गोमिया एवं गन्ने से प्राप्त शोरे पर बल दिया जा रहा है।

• 31 मई-2020 के अन्त तक बायोमॉस विद्युत एवं गैसीकरण उत्पादन की स्थापित क्षमता 9875.31 MW थी।

• 31 मार्च, 2018 तक भारत में कुल विद्युतीकृत गांवों की संख्या 597464 (100%) थी।

महासागरीय ऊर्जा (Ocean Energy)

ज्वार, समुद्री जल तथा लहरें महासागरीय ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं। ज्वार के उठने तथा गिरने से संचालित यंत्रों (Hydraulic Turbine) से विद्युत-ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। भारत में खम्भात की खाड़ी, कच्छ की खाड़ी तथा हुगली की एस्चुअरी ज्वारीय ऊर्जा के लिए उपयुक्त स्थल हैं, जिनका विभव 1000 मेगावॉट है।*

समुद्र का जल महासागर तापीय ऊर्जा रूपान्तरण अर्थात् ओटेक ऊर्जा (Ocean Thermal Energy Conversion-OTEC) का अक्षय ऊर्जा स्रोत है। OTEC में समुद्र की ऊपरी सतह से 1000 मीटर की गहराई तक से ऊर्जा अवशोषित किया जाता है। भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देश में, जहाँ समुद्री तापमान 25-27°C तक रहता है, OTEC से ऊर्जा उत्पादन की व्यापक संभावना है। लक्षद्वीप तथा अंडमान निकोबार द्वीप समूह OTEC ऊर्जा के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र हैं।* भारत में इस तरह का एक प्रयास तमिलनाडु के कुलशेखरपट्टनम में हो रहा है जो USA द्वारा प्रस्तावित है। दूसरा लक्षद्वीप में प्रस्तावित है।

समुद्री जल में पवन-प्रवाह के कारण लहरें उत्पन्न होती हैं। इससे ऊर्जा प्राप्त करने के लिए एक पक्का चैम्बर तैयार किया जाता है, जिसमें टरबाइन लगा रहता है। दोलायमान जल स्तम्भ (Ocillating water column-OWC) से टरबाइन द्वारा विद्युत उत्पन्न की जाती है। भारत में तट रेखा के सहारे कुल 40000 मेगावाट लहर विद्युत उत्पादन की सम्भावना है। भारत का प्रथम समुद्री तरंग विद्युत संयंत्र विझिंगम में लगाया गया है।* निकोबार द्वीपसमूह में मूस प्वाइंट में भी समुद्री तरंग ऊर्जा की अच्छी संभावना है।*

भूतापीय ऊर्जा (Geothermal Energy)

भू-तापीय ऊर्जा एक प्रदूषण-मुक्त ऊर्जा संसाधन है। धरातल से नीचे की चट्टानें तथा भूमिगत जल गर्म रहता है। जिसका कारण पृथ्वी के अन्तस्तल का गर्म होना, चट्टान संस्तरों का दबाव तथा रेडियोधर्मी तत्वों का विखण्डन है। इसे ही भू-तापीय ऊर्जा कहा जाता है। इसके तीन स्रोत हैं। यथा-

1. अधोभौमिक गर्म जल
2. मिश्रित मण्डल (Asthenosphere) का गर्म मैग्मा
3. गर्म चट्टानें (Hot dry Rocks)

भारत में भूतापीय ऊर्जा का विभव लगभग 600 मेगावाट है। देश में लगभग 113 उष्ण जल स्रोत तथा 340 स्थान हैं जहाँ से भूतापीय ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है। जम्मू एवं कश्मीर में पुगा घाटी, हिमाचल प्रदेश में मणिकर्ण, छत्तीसगढ़ में तातापानी आदि सम्भावित क्षेत्र हैं। किन्तु उनका विकास अभी प्रयोगात्मक अवस्था में है। ज्ञातव्य है कि मणिकर्ण (हिमाचल प्रदेश) और खम्मम (आन्ध्र प्रदेश) नामक स्थान पर एक-एक भू-तापीय संयंत्र लगाया गया है।

• वर्ष 2017 में भारत की भू-गर्भीय ऊर्जा की कुल संस्थापित क्षमता 10,000 Mwt थी।

शीर्ष भू-तापीय ऊर्जा संस्थापित क्षमता वाले राष्ट्र (2020)
रैंक
राष्ट्र
• प्रथम
यू.एस.ए.
• द्वितीय
इंडोनेशिया
• तृतीय
फिलीपींस
• चतुर्थ
तुर्की
• पंचम
न्यूजीलैण्ड
भू-तापीय ऊर्जा से विद्युत उत्पादन करने वाले शीर्ष राष्ट्र (2018)
रैंक
राष्ट्र
• प्रथम
यू.एस.ए.
• द्वितीय
इंडोनेशिया
• तृतीय
फिलीपींस
• चतुर्थ
न्यूजीलैण्ड
• पंचम
तुर्की

यह भी पढ़ें : सौर ऊर्जा (Solar Energy)

FAQs

Q1. एक्सॉन, गाजप्रॉम, मिंग यांग विंड पावर ग्रुप किन देशों की ऊर्जा कम्पनियों हैं?
Ans.
क्रमशः USA, रूस एवं चीन की

Q2. किस देश को ‘पवनों के देश’ की संज्ञा प्रदान की गई हैं?
Ans.
डेनमार्क (NCERT)

Q3.  ‘सोलेक्सा’ क्या है?
Ans.
नई-दिल्ली में सौर ऊर्जा से चलने वाला देश का पहला रिक्शा।

Q4. वह देश जो दुनिया में नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल के मामले में विश्व में सबसे अग्रणी है। 2050 तक इस देश में पूरा बिजली उत्पादन नवीकरणीय स्रोत से हो जाने का अनुमान है?
Ans.
जर्मनी

Q5. भारत में सौर ऊर्जा केन्द्र संस्थान कहाँ है?
Ans.
ग्वालपहाड़ी (हरियाणा)

Q6. राष्ट्रीय पुनरोपयोगी ऊर्जा संस्थान स्थित है?
Ans.
जालंधर (पंजाब)

Q7. सौर तालाब परियोजना कहाँ स्थापित किया गया है?
Ans.
भुज (गुजरात)

Q8. खाना बनाने के लिए विश्व की सबसे बड़ी वाष्प प्रणाली कहाँ स्थापित है?
Ans.
तिरुमाला (आन्ध्र प्रदेश)

Q9. गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत विभाग की स्थापना कब की गई थी?
Ans.
 1982

Q10. भारत को वर्ष में औसतन कितना सौर ऊर्जा मिलती है?
Ans. 
300 दिन; 50 मेगावाट/वर्ग किमी.

Q11. सौर ऊर्जा से पूर्णतः विद्युतीकृत भारत का पहला गाँव कौन है?
Ans.
सॉजिलीपल्ली (आन्ध्र प्रदेश)

Q12. सोलर इम्पल्स-2 (स्विट्जरलैंड) क्या है?
Ans.
पहला पूर्णतः सौर ऊर्जा चालित विमान (स. अधि: 15)

Q13. एशिया का सबसे बड़ा पवन ऊर्जा केन्द्र कहाँ स्थापित है?
Ans.
मांडवी (कच्छ, गुजरात)

Q14. एशिया का सबसे बड़ा पवन फार्म समूह कहाँ स्थापित किया गया है?
Ans.
मुप्पनडल (तमिलनाडु)

Q15. राजस्थान में स्थापित पवन ऊर्जा संयंत्र हैं?
Ans.
अमरसागर (जैसलमेर), फलौदी (जोधपुर) एवं देवगढ़ (चित्तौड़गढ़)

Q16. सौर ऊर्जा से संचालित होने वाला विश्व का पहला एयरपोर्ट है?
Ans.
कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट (केरल)

Q17. उत्तर प्रदेश की पहली सौर ऊर्जा परियोजना (10 मेगावॉट) की स्थापना कहाँ की गई है?
Ans.
महोबा

Q18. कौन-से राज्य सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में देश के सबसे बड़े राज्य के रूप में उभरें है?
Ans.
कर्नाटक, राजस्थान

Q19. राष्ट्रीय बायोगैस विकास परियोजना कब शुरु की गई थी?
Ans.
 1981-82

Q20. बायोगैस संयंत्रों से प्राप्त होने वाली मिथेन तथा कार्बनडाइ ऑक्साइड गैस की अंश धारिता कितनी होती है?
Ans.
क्रमशः 55-65 एवं 35-40 प्रतिशत

Q21. राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना कब शुरु किया गया था?
Ans.
अप्रैल, 2005

Q22. विशेष क्षेत्र प्रदर्शन कार्यक्रम (SADP) का क्या उद्देश्य था?
Ans.
देश के सभी भागों में पुनरोपयोगी और गैर-परम्परागत ऊर्जा प्रणालियों का प्रदर्शन

Q23. ऊर्जा पार्क नामक योजना किस कार्यक्रम के अन्तर्गत शुरु किया गया था?
Ans.
S.A.D.P. के अन्तर्गत

Q24. ग्राम ऊर्जा सुरक्षा कार्यक्रम का क्या उद्देश्य है?
Ans.
गाँवों की कुल ऊर्जा सम्बन्धी आवश्यकता को पूरा करना।

Q25. समेकित ग्रामीण ऊर्जा कार्यक्रम (IREP) का उद्देश्य क्या है ?
Ans.
पारम्परिक एवं गैर-पारम्परिक तरीके के ऊर्जा स्त्रोतों के एक साथ प्रयोग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना।

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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