सूखा (Droughts)
सूखा ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब लंबे समय तक कम वर्षा, अत्यधिक वाष्पीकरण और जलाशयों तथा भूमिगत जल के अत्यधिक प्रयोग से भूतल …
Indian Geography NCERT for Civil Services
सूखा ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब लंबे समय तक कम वर्षा, अत्यधिक वाष्पीकरण और जलाशयों तथा भूमिगत जल के अत्यधिक प्रयोग से भूतल …
उष्ण कटिबंधीय चक्रवात कम दबाव वाले उग्र मौसम तंत्र है और 30° उत्तर तथा 30° दक्षिण अक्षांशों के बीच पाए जाते हैं।* उत्तरीय गोलार्द्ध में …
भारत के अधिकांश भूकम्प भ्रंशों के सहारे मिलते हैं। प्रायद्वीपीय पठार पर विभिन्न भ्रंश पाये जाते हैं। जैसे-अरावली के पूरब ग्रेटबाउन्ड्री फाल्ट, सोन के सहारे …
प्राकृतिक संकट, प्राकृतिक पर्यावरण में हालात के वे तत्व हैं, जिनसे जन-धन या दोनों को नुकसान पहुँचने की संभाव्यता होती है। ये बहुत तीव्र हो …
बहुउद्देशीय परि-योजनाओं से सिंचाई की सुविधा के अलावा बाढ़ नियंत्रण, पेयजल आपूर्ति, जलविद्युत उत्पादन, नहरी परिवहन, पर्यटन आदि अनेक कार्य किए जा सकते हैं। इसलिए …
जल ऑक्सीजन और हाइड्रोजन का यौगिक है। पौधों में 50 से 75 प्रतिशत तथा मनुष्यों के शरीर में लगभग 57 से 65 प्रतिशत भाग जल …
हिमालय प्रदेश में लकड़ियों की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें सफेदा, पॉपलर, बांस और चीड़ शामिल हैं। हाल ही में, राज्य सरकार ने कुछ …
भारत में वनों की स्थिति पर केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India) की द्विवार्षिक 16वीं वन स्थिति रिपोर्ट-2019, …
मृदा क्षरण एक भौतिक क्रिया है जिसके द्वारा मृदा पदार्थ एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचता है। मृदा पदार्थ जल अथवा वायु के माध्यम …
मृदा (Soils) मृदा शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द सोलम (Solum) से हुई है। जिसका अर्थ है- फर्श (Floor)। बकमैन एवं बैडी के अनुसार …