छत्रपति शिवाजी ( 1627-1680 ई.)
शिवाजी भोंसले, जिन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से भी जाना जाता है, 17वीं शताब्दी के मराठा योद्धा राजा और पश्चिमी भारत में मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। शिवाजी का जन्म 1630 में पुणे के पास शिवनेरी के पहाड़ी किले में भोंसले मराठा कबीले में हुआ था।उनकी माँ जीजाबाई ने उनकी परवरिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उनमें धार्मिक और नैतिक मूल्यों की एक मजबूत भावना पैदा हुई।
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• शिवाजी का जन्म 1627 ई. में पूना के निकट शिवनेर के दुर्ग में हुआ था।
• शिवाजी के माता-पिता का नाम जीजाबाई और शाहजी भोंसले था।
• शिवाजी ने 1643 ई. में अपने पिता की जागीर के प्रशासक के रूप में पुणे में प्रारंभ किया।
• शिवाजी ने शासन कार्य 1647 ई. में सम्भाला।
• शिवाजी पर सर्वाधिक प्रभाव गुरु दादाजी कोंणदेव का था। कोंणदेव शिवाजी के संरक्षक भी थे।
• शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास थे।
• समर्थ रामदास ने ‘दासबोध’ एवं ‘आनन्दवन भवन’ नामक पुस्तक लिखी।
• समर्थ रामदास ने मराठा धर्म का प्रतिपादन किया।
• अपने जीवनकाल में शिवाजी ने 240 किलों का निर्माण कराया।
• शिवाजी ने सर्वप्रथम 1646 ई. में तोरण किले पर अधिकार किया।
• शाहजी को 1647 ई. में कैद किया गया।
• शिवाजी ने पहली बार मुगलों से 1657 ई. में युद्ध किया।
• शिवाजी ने 1659 ई. में बीजापुर के महत्त्वपूर्ण सरदार अफजल खाँ को बघनखे से मार डाला।
• शिवाजी ने सूरत को प्रथम बार 1664 ई. में लूटा।
• शिवाजी को राजा की पद्द्वी औरंगजेब ने दी।
• शिवाजी ने राज्याभिषेक रायगढ़ में 1674 ई. में काशी के प्रसिद्ध विद्वान गंगाभट्ट से करवाया तथा ‘छत्रपति’ की उपाधि धारण की।
• शिवाजी ने सूरत पर दूसरा आक्रमण 1670 ई. में किया।
• शिवाजी का साम्राज्य स्वराज्य एवं मुल्द-ए-कादिम नामक दो भागों में विभक्त था।
• शिवाजी ने मराठी को राजभाषा बनाया।
• मराठी शब्दकोश की रचना रघुनाथ पंडित हनुमंत ने की।
• शिवाजी के मंत्रिमंडल को अष्टप्रधान कहा जाता था।
(1) पेशवा यह प्रधानमंत्री होता था।
(2) अमात्य वित्त मंत्री होता था।
(3) वाकिया नवीस कानून व्यवस्था एवं गुप्तचरी का प्रधान।
(4) सचिव – राजकीय संवाद की देखरेख करता था।
(5) सुमन्त – विदेशी मामले तथा समारोहों की देखभाल ।
(6) पंडितराव देखता था। दान एवं धार्मिक मामले
(7) सर-ए-नौवत – सेनापति था।
(8) न्यायाधीश – मुख्य न्यायकर्ता होता था।
• शिवाजी की सेना का मुख्य भाग घुड़सवार और पैदल सेना थी। घुड़सवार दो प्रकार के थे-
(1) बरगीर – ये शाही घुड़सवार थे, जिन्हें राज्य की ओर से शस्त्र मिलते थे।
(2) सिलेदार – इन्हें घोड़े एवं शस्त्र स्वयं खरीदने पड़ते थे।
• राजाराम ने नौवें मंत्री को शामिल कर प्रतिनिधि नाम दिया।
• पेशवा का पद बालाजी विश्वनाथ के बाद वंशानुगत हो गया।
• पेशवा के सचिवालय को हुजूरदफ्तर (पूना में) कहा गया।
• सबसे महत्त्वपूर्ण दफ्तर अल-बरीज दफ्तर था।
• गाँव के मुख्य अधिकारी को पटेल अथवा पाटिल कहा जाता था।
• शिवाजी ने भूमि मापने के लिए काठी नामक मापक का प्रयोग किया।
• शिवाजी हैन्दवधर्मोद्धारक की पट्टी के साथ छत्रपति के आसन पर बैठे।
• शिवाजी के राजपुरोहित गंगाभट्ट थे।
• गंगाभट्ट ने शिवाजी को मेवाड़ के सिसोदिया वंश का क्षत्रिय घोषित किया।
• कर्नाटक अभियान शिवाजी का अन्तिम विजय अभियान था।
• शिवाजी की मृत्यु 1680 ई. में हुई।
• शिवाजी का उत्तराधिकारी शम्भाजी हुए। शम्भाजी ने औरंगजेब के विद्रोही पुत्र अकबर को शरण दी।
• 1689 ई. में शम्भाजी को औरंगजेब द्वारा बहादुरगढ़ में मार डाला गया।
• शम्भाजी की पत्नी येसुबाई तथा पुत्र शाहू को रायगढ़ के किले में (मुगलों द्वारा) कैद किया गया।
• शाहू को 1707 ई. में राजकुमार आजम ने रिहा किया।
• 1713 ई. में शाहू ने बालाजी विश्वनाथ को पेशवा बनाया।
• हिन्दू पद पादशाही का सिद्धान्त बाजीराव प्रथम ने विकसित किया।
• बाजीराव प्रथम शिवाजी के बाद ‘गुरिल्ला युद्ध’ का सबसे बड़ा प्रतिपादक था।
• शाहू ने बाजीराव प्रथम को ‘योग्य पिता का योग्य पुत्र’ कहा है।
• बाजीराव प्रथम ने ‘हिन्दू पादशाही’ का आदर्श रखा।
• बालाजी बाजीराव को नाना साहब के नाम से भी जाना जाता था।
सिख धर्म
• सिख धर्म के संथापक गुरु नानक थे।
• गुरु नानक ने लंगर प्रारंभ किया।
• गुरुमुखी लिपि का आरंभ गुरु अंगद ने किया।
• सिख धर्म प्रारंभ में सिर्फ धार्मिक एवं सुधारवादी विचारों के कारण जाना जाता था। कालांतर में इसने एक लड़ाकू जाति के रूप में ख्याति प्राप्त की।
• सिख धर्म के दस गुरु : गुरु नानक, गुरु
• अंगद, गुरु रामदास, गुरु अर्जुनदेव, गुरु हरगोविंद, गुरु हरराय, गुरु हरकिशन, गुरु तेगबहादुर, गुरु गोविंद सिंह।
• चौथे गुरु रामदास के समय में मुगल बादशाह अकबर ने उन्हें 500 बीघा भूमि दान दी। इसी भूमि पर अमृतसर का शहर बना। पहले इसका नाम रामदासपुर रखा गया था।
• जहाँगीर ने सिक्ख गुरु गुरु अर्जुन देव को मृत्युदंड दिया था। (विद्रोही राजकुमार खुसरो की सहायता की थी)
• गुरु तेगबहादुर द्वारा इस्लाम धर्म न अपनाने पर औरंगजेब ने उन्हें फांसी पर लटकाया था।
• गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की, एक नयी धर्म विधि पाहुल को सन्निविष्ट किया, तीर्थ, व्रत-उपवास, मूर्ति पूजा आदि धार्मिक आडम्बरों को गलत माना।
• गुरु गोविंद सिंह की शिक्षाएँ ‘अभंगों’ के रूप में संग्रहीत हैं, जिनकी संख्या 5 से 8 हजार मानी जाती है।
• गुरुगोविन्द सिंह की हत्या 1708 ई. में नांदेड़ में गुल खाँ नामक पठान ने कर दी।
• 18वीं सदी के अंत में महाराजा रणजीत सिंह के नेतृत्व में सिख शक्ति का पुनः उदय हुआ।
• रणजीत सिंह का राज्य चार सूबे में बंटा था-पेशावर, कश्मीर, मुल्तान तथा लाहौर।
• रणजीत सिंह का विदेश मंत्री फकीर अजीजुमुद्दीन एवं वित्त मंत्री दीनानाथ था।
आंग्ल-मराठा संधि
अंग्रेज तथा मराठों के बीच हुई महत्त्वपूर्ण संधियां
संधि | वर्ष | संबंधित पक्ष |
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सूरत की संधि | 1775 | रघुनाथ राव तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
पुरंदर की संधि | 1776 | पेशवा माधवराव नारायण राव तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
बड़गांव की संधि | 1779 | पेशवा माधवराव नारायण राव तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
सालबाई की संधि | 1782 | बाजीराव द्वितीय तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
बेसिन की संधि | 1802 | पेशवा माधवराव नारायण तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
देवगांव की संधि | 1803 | भोंसले तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
सुर्जी अर्जुनगांव की संधि | 1803 | सिंधिया तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
राजपुर घाट की साँध | 1804 | होल्कर तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
नागपुर की संधि | 1816 | नागपुर के अप्पा साहिब तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
ग्वालियर की संधि | 1817 | सिंघिया तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
पूना की संधि | 1817 | पेशवा तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
मंदसौर की संधि | 1818 | होल्कर तथा ईस्ट इंडिया कंपनी |
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निष्कर्ष:
हम आशा करते हैं कि आपको यह पोस्ट छत्रपति शिवाजी जरुर अच्छी लगी होगी। छत्रपति शिवाजी के बारें में काफी अच्छी तरह से सरल भाषा में समझाया गया है। अगर इस पोस्ट से सम्बंधित आपके पास कुछ सुझाव या सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताये। धन्यवाद!
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