मैदान एवं मैदानों का वर्गीकरण

मैदान किसे कहते हैं?

• भूपटल पर निचले तथा समतल क्षेत्र मैदान कहलाते हैं। मैदान सपाट भूमि का एक विस्तृत क्षेत्र होता है अथवा बिना उन्नत पहाड़ियों वाला, धीमी तरंगित धरातल अथवा अवनति का क्षेत्र होता है। मैदानों में तटीय तथा आंतरिक मैदानों को ही सम्मिलित किया जाता है। पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल का 41% भाग पर मैदान फैला हुआ है।

• कुछ मैदान समुद्रतल से भी नीचे हो सकते हैं, जैसे-नीदरलैण्ड्स का मैदान।

• कुछ मैदान, पठारों से भी अधिक ऊँचे हो सकते हैं, जैसे मिसीसिपी मैदान जो अप्लेशियन पठार से भी ऊँचा है।

मैदानों का इतिहास

प्राचीन समय में, मैदानें सामाजिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण स्थल रहे हैं। यहां हम विभिन्न युगों में मैदानों के इतिहास को देखेंगे।

मध्यकाल में, राजा-महाराजा ने राजमहलों और किलों के आसपास विशाल मैदान बनवाए, जिसमें सेना की प्रशिक्षण, खेलों और आर्थिक गतिविधियों का आयोजन होता था।

मुघलकाल में, बागबंदी और मुग़ल बागों के साथ मैदान बनवाए गए, जो सुंदरता और आत्मा की शांति का स्रोत बने। यहां समाज के विभिन्न वर्गों के लोग मिलते थे और विभिन्न आर्थिक गतिविधियाँ होती थीं।

कोलोनियल ब्रिटिश शासन के दौरान, बड़े खेल मैदान बनाए गए जैसे कि मैदान-ए-शाह, जहां क्रिकेट और अन्य खेलों के इवेंट्स होते थे।

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, मैदानें नेतृत्व, सभी वर्गों के लोगों के साथ संघर्ष का केंद्र बने। जलियांवाला बाग जैसे स्थान भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में महत्वपूर्ण हैं।

आधुनिक समय में, मैदानों ने खेल, विनोद, और विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका बनाए रखी हैं। विभिन्न खेलों के स्टेडियम्स, पार्क्स, और मैदानों ने लोगों को जोड़ने का एक सामाजिक हब का कार्य किया है।

आज के समय में, मैदानें भूमिगत, सांस्कृतिक, और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं और इसका महत्व बढ़ता जा रहा है। खेल, सामाजिक सभी उम्र के लोगों के बीच में एक सामंजस्यपूर्ण संबंध बनाए रखने का माध्यम बना रहते हैं, जो समृद्धि और सामरिक समृद्धि की दिशा में एक प्रेरणास्त्रोत प्रदान करते हैं।

मैदानों का वर्गीकरण

रचना के आधार पर मैदानों को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है-

① समतल मैदान-

समतल मैदान एक विशाल और समतल स्थल है जो खुले क्षेत्र की विशेषता के साथ पहचाना जाता है। यहाँ खेल और खेलकूद के लिए सामान्यत: सबसे ज्यादा प्रयुक्त होता है, जैसे कि फुटबॉल, क्रिकेट, रग्बी, और हॉकी। इसका समता और बड़ा विस्तार इसे सामाजिक आयोजनों के लिए भी उपयोगी बनाता है, जैसे कि सम्मेलन, मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य सामाजिक घटनाओं के लिए। इसमें समता, सहजता, और सामूहिकता की अनुभूति होती है, जो इसे सभी वर्गों के लोगों के लिए एक समृद्धि और मिलनसर अनुभव बनाती है।

गंगा, ह्वांगहो, यांगटिसीक्यांग द्वारा निर्मित निक्षेपात्मक मैदान।

② बाढ़ मैदान-

“बाढ़ मैदान” एक ऐसा स्थल है जो बाढ़ के समय संघटित किया जाता है और उसकी प्रबंधन शैली के लिए विशेष बनाया जाता है। बाढ़ मैदान अक्सर आपदा प्रबंधन, सुरक्षा प्रशिक्षण और बाढ़ प्रबंधन के लिए उपयोग होता है।

इसमें विशेष सुरक्षा उपायों, स्थानीय नियामक संगठनों और आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ बाढ़ के दौरान सहायक साधनों की उपलब्धता का ध्यान रखा जाता है। इसमें बचाव, राहत, और पुनर्निर्माण के लिए स्थानीय समुदायों को एकत्र करने की क्षमता होती है, जिससे बाढ़ के प्रभावों का सामूहिक सामना किया जा सकता है।

इसमें उचित अवस्था एवं आपात स्थितियों के लिए आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ सुरक्षित स्थान, राहत केंद्र और बाढ़ के प्रभावों का संगठन करने की क्षमता शामिल होती है। इसमें शिक्षा कार्यक्रम, बाढ़ से जुड़े सुरक्षा उपायों की चर्चा, और आपात स्थितियों में आत्म-सहायता की शिक्षा के लिए विशेषकृत कार्यक्रमें शामिल होते हैं।

गंगा, सतलज, ह्वांगहो, नील, मिसीसिपी नदियों द्वारा बने बाढ़ का मैदान।

③ गिरिपाद जलोढ़ मैदान-

“गिरिपाद जलोढ़ मैदान” एक स्थान है जो जलवायु परिवर्तन, जलस्तर बढ़ने, और बारिश से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए विकसित किया जाता है। यह स्थान विभिन्न परियोजनाओं और प्रयासों का हिस्सा हो सकता है जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने और उसका समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इस मैदान का उद्दीपन जल संसाधनों के प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन के प्रति साक्षरता और लोगों को सहारा देने के लिए हो सकता है। यहां विभिन्न जल सहयोगी परियोजनाओं, जल संरक्षण के उपायों, और सामुदायिक शिक्षा के लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है।

इसमें जल संचार, स्वच्छता, जल संयंत्रों की रचना, और जल सञ्चय की तकनीकी विधियों का प्रशिक्षण शामिल हो सकता है। यहां स्थानीय समुदायों को जल संरक्षण के महत्वपूर्ण आदान-प्रदान की समझ और सामूहिक जन भागीदारी के माध्यम से समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर मिलता है।

निक्षेपण द्वारा निर्मित भारत का भाबर मैदान।

④ डेल्टा मैदान-

“डेल्टा मैदान” एक स्थान है जो किसी नदी का जल संचार व्यापकता को बढ़ाता है और एक समृद्धि से भरा हुआ भू-इलाका बनाता है। यह विभिन्न नदी-प्रवाहों के संगम स्थलों पर पाया जा सकता है और अक्सर उच्च जलस्तर वाले क्षेत्रों में विकसित होता है।

डेल्टा मैदान का सबसे लोकप्रिय उदाहरण है नील नदी का डेल्टा, जो मिस्र के उत्तरी क्षेत्र में स्थित है। इसमें नील नदी का पानी बहकर समुद्र में मिलता है और एक बड़ा भू-इलाका बनाता है जो कृषि, मत्स्यपालन, और समुद्री व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है।

डेल्टा मैदान अक्सर उच्च जलस्तर और बारिश के ज्यादा होने के कारण प्राकृतिक उपाधि के रूप में कार्य करता है और अपने संपदा और बायोडाइवर्सिटी के लिए मशहूर होता है। इसके अलावा, डेल्टा मैदान उच्च नृविकास, सड़कों, और परिवहन के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है, जिससे इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है।

सिन्धु, गंगा, नील, मिसीसिपी द्वारा निर्मित डेल्टा मैदान ।

⑤ झील से निर्मित मैदान-

“झील से निर्मित मैदान” एक अद्वितीय और प्राकृतिक स्थल है जो किसी झील या सरोवर के आस-पास बनाया जाता है। यह मैदान विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग हो सकता है और सामुदायिक, सांस्कृतिक, खेलकूदी, और वातावरणीय उद्देश्यों के साथ जुड़ा हो सकता है।

इसमें बनाए जा सकने वाले मैदान की शृंगारी और प्राकृतिक सुंदरता, झील के पानी का रमणीयता, और परिसर की सुरक्षा बनाए रखने की अनुमति देती है। यहां विभिन्न गतिविधियों के लिए स्थान बनता है, जैसे कि पिकनिक, खेल, फेस्टिवल, और कला प्रदर्शनी।

झील से निर्मित मैदान वातावरण को सुधारने के लिए एक सकारात्मक योजना हो सकती है, जिसमें स्थानीय जलसंरक्षण और स्वच्छता की पहल की जा सकती है। इसके साथ ही, यहां स्थित कला और सांस्कृतिक प्रदर्शनी, सामुदायिक सभी उम्र के लोगों को जोड़ने का एक सामाजिक हब बनता है।

पश्चिमी यूरोप, कनाडा तथा संयुक्त राज्य अमेरिका का झीलकृत मैदान।

⑥ हिमानी द्वारा निक्षेपित मैदान-

“हिमानी द्वारा निक्षेपित मैदान” एक अद्वितीय और रोमांटिक स्थल है जो हिमाचल प्रदेश की शीतल पहाड़ियों में स्थित है। यह मैदान विशेष रूप से शितलता, बर्फबारी, और व्यापक हिमआच्छादन के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ आने वाले यात्रीगण को अपने आत्मा को धरती की अद्वितीयता के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।

इस मैदान को हरियाणा राज्य से प्रबंधित किया जाता है और यहाँ विभिन्न विशेष घटनाएं आयोजित की जाती हैं जैसे कि हिमाचल प्रदेश स्वतंत्रता दिवस उत्सव, बर्फबारी खेल, और हिमाचल की स्थानीय सांस्कृतिक प्रदर्शनी।

हिमानी द्वारा निक्षेपित मैदान का सौंदर्यिक दृश्य सदकों के माध्यम से अनुसंधान किया जा सकता है और इसमें विशाल हिमशैलाओं, बर्फ के आच्छादन, और आलोंआबों की सुंदरता शामिल है। यहां के स्थानीय निवासियों द्वारा आयोजित होने वाली तारीखों में यह मैदान स्थानीय लोगों के बीच प्रियता का केंद्र बन जाता है जो आपसी साझेदारी और मित्रता का माहौल बनाए रखने का संवाद प्रदान करता है।

उत्तरी अमेरिका में प्लीस्टोसीन हिमाच्छादन के कारण टिल एवं हिमोढ़ मैदान ।

⑦ पवन निक्षेपित मैदान-

“पवन निक्षेपित मैदान” एक ऐसा स्थान है जो पवन ऊर्जा से जुड़ा होता है और विभिन्न पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए निर्मित किया जाता है। इस मैदान का उद्दीपन प्राकृतिक संसाधनों के सही तरीके से उपयोग करने और नवीनतम ऊर्जा तकनीकों को बढ़ावा देने की प्रक्रिया में हो सकता है।

यह मैदान विभिन्न प्रकार की पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए विकसित हो सकता है, जैसे कि पवन टरबाइन, पवन ऊर्जा खागोलशास्त्रीय प्रयोगशाला, और प्रणालियों के साथ जुड़ा हो सकता है। इसमें ऊर्जा समृद्धि, ऊर्जा संग्रहण, और ऊर्जा विभाजन की प्रौद्योगिकी विकसित करने का भी समर्थन हो सकता है।

पवन निक्षेपित मैदान का उपयोग विभिन्न स्थानों पर बिजली उत्पन्न करने, गाँवों और उपनगरों को ऊर्जा पहुँचाने, और ऊर्जा स्वावलंबी बनाने के लिए किया जा सकता है। इसमें स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने, साकारात्मक बदलाव को प्रोत्साहित करने और स्थानीय समुदायों को ऊर्जा सुरक्षित बनाने के लिए योजनाएं शामिल हो सकती हैं।

अफ्रीका के सहारा एवं भारत का थार मरुस्थल अर्थात् मरुस्थलीय तथा लोएस का मैदान ।

⑧ लावा का मैदान-

“लावा का मैदान” एक ऐसा स्थान है जहां प्राकृतिक रूप से निकलती हुई लावा की बूँदें, और उसकी विकिरण शक्ति को देखने का अद्वितीय और रोमांटिक अनुभव होता है। ये स्थान आमतौर से ज्वालामुखी क्षेत्रों में होते हैं, जहां भूमिगत दाब और गैस के दाब के कारण पृथ्वी की गहनता से निकलती हुई लावा पृथ्वी की सतह पर उगलती है।

ये मैदान अक्सर ज्वालामुखी के चारों ओर होते हैं और लावा के प्रवाहों की शानदार दृश्यों के लिए प्रसिद्ध होते हैं। इसमें बहुत सारे तीव्र गति से बहते हुए लावा स्ट्रीम्स, खुदाई की गई गहरी लावा खड़ीयाँ और सुपत्तित लेयरों का दृश्य होता है।

लावा के मैदान साधारित दृश्यों के अलावा आकाश में फटने वाली बारूद जैसे आवेगपूर्ण दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध हो सकते हैं, जब ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेंटीना, इटली तथा न्यूजीलैंड का लावा मैदान।

विश्व के प्रमुख मैदान

नामस्थिति
मध्यवर्ती बड़ा मैदान या ग्रेट प्लेनकनाडा तथा सं. रा. अमेरिका
अमेजन का मैदानदक्षिणी अमेरिका
पेटागोनिया का मैदानदक्षिणी अमेरिका
पम्पास का मैदानदक्षिणी अमेरिका
फ्रांस का मैदानफ्रांस (यूरोप)
यूरोप का बड़ा मैदानयूरोप
दक्षिणी साइबेरियायूरोप एवं एशिया
सहारा का मैदानअफ्रीका
नील नदी का मैदानमिस्र (अफ्रीका)
अफ्रीका व पूर्वी तटीय मैदानअफ्रीका
अफ्रीका व पश्चिमी तटीय मैदानअफ्रीका
मलागासी का मैदानमलागासी
गंगा-यमुना का मैदानभारत
सिंधु का मैदानभारत-पाकिस्तान
ब्रह्मपुत्र का मैदानभारत-बांग्लादेश
अरब का बड़ा मैदानसउदी अरब
चीन का मैदानचीन
ऑस्ट्रेलिया का पूर्वी मैदानऑस्ट्रेलिया

विश्व के मरुस्थल

नामक्षेत्रफल (वर्ग किमी)स्थिति
सहारा84,00,000अल्जीरिया, चाड, लीबिया, माली, मारितानिया, नाइजर, सूडान, ट्यूनूशिया, मिस्र, मोरक्को (अफ्रीका)। लीबिया मरुस्थल (15,50,000 वर्ग किमी) तथा नूबियन मरुस्थल (2,60,000 वर्ग किमी) को स्पर्श करता है।
ऑस्ट्रेलिया15,50,000ऑस्ट्रेलिया। वारबर्टन अथवा महान रेतीले मरुस्थल (4,20,000 वर्ग किमी), ग्रेट विक्टोरिया (3,25,000 वर्ग किमी), आरुण्टा या सिम्पसन (3,10,000 वर्ग किमी), गिब्सन (2,20,000 कि.मी.) एवं स्टुअर्ट मरुस्थल से संलग्न है।
अरब13,00,000दक्षिणी अरब, सउदी अरब, यमन (अरब प्रायद्वीप)। इसमें अरब-अल-खाली या इम्पटी क्वार्टर (6,47,500 वर्ग किमी), सीरिया मरुभूमि (3,25,000 वर्ग किमी) तथा नाफूद (1,29,500 वर्ग कि.मी.) सम्मिलित हैं।
नामक्षेत्रफल (वर्ग किमी)स्थिति
गोबी10,40,000मंगोलिया एवं आन्तरिक मंगोलिया (चीन)।
कालाहारी5,20,000बोत्सवाना (अफ्रीका मध्य)।
तकला मकन3,20,000सिक्यांग प्रान्त (चीन)।
सोनोरान मरुस्थल3,10,000एरीजोना एवं कैलिफोर्निया (संयुक्त राज्य अमेरिका तथा मेक्सिको)।
नामिव मरुस्थल3,10,000नामीबिया (दक्षिणी-पश्चिमी अफ्रीका)।
काराकुम2,70,000तुर्कमेनिया (स्वतंत्र राज्यों का राष्ट्रकुल)।
थार मरुभूमि2,60,000उत्तरी-पश्चिमी भारत एवं पाकिस्तान।
सोमाली मरुभूमि2,60,000सोमालिया (अफ्रीका)।
अटाकामा मरुस्थल1,80,000उत्तरी चिली (दक्षिणी अमेरिका)।
किजिल कुम1,80,000उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, (स्वतंत्र राज्यों का राष्ट्रकुल)।
दस्त-ए-लुत52,000पूर्वी ईरान (पहले ईरान का मरुस्थल कहलाता था)।
मोजेव मरुस्थल35,000दक्षिणी कैलीफोर्निया (संयुक्त राज्य अमेरिका)।
सेचुरा मरुभूमि26,000उत्तरी-पश्चिमी पेरु (दक्षिणी अमेरिका)।

झील:

• धरातल पर उपस्थित जलपूर्व भागों को झील कहा जाता है।

• विश्व में अधिकांश झीलों का निर्माण हिमानीकरण द्वारा हुआ है।

• कांप के अत्यधिक जमाव से नदियों एवं सागरों का जल झीलों के रूप में अवरुद्ध हो जाता है जिसे डेल्टा झील कहते हैं।

• समुद्र तटीय भागों में समुद्री लहरों द्वारा रेत पदार्थों का जमाव कर देने से अवरोधक बन जाते हैं और सागरों का जल एक झील के रूप में अलग दिखाई पड़ता है ऐसी झीलों को लैगून झीलें भी कहा जाता है।

• भारत में ओडिशा राज्य की चिल्का झील लैगून या अवरोधक झील का सर्वोत्तम उदाहरण है।

झीलों से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

• बोलीविया (दक्षिण अमेरिका) की टिटीकाका झीला (ऊँचाई समुद्र तल से (12,000 फीट) विश्व की ज्ञात झीलों में सबसे ऊँची झील है।

• इस्राइल की मृत सागर (Dead Sea) झील विश्व की सबसे खारे पानी की (गहराई समुद्र तल से 1,290) झील है।

• क्षेत्रफल की दृष्टि से यूरेशिया का कैस्पियन सागर (क्षेत्रफल 3,71,800 वर्ग किमी) विश्व की सबसे बड़ी झील है।

• साइबेरिया की बैकाल झील (गहराई 4700 फीट) विश्व की सबसे गहरी झील है।

• उत्तरी अमेरिका की सुपीरियर झील विश्व की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है।

• कैस्पियन सागर विश्व की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।

विश्व की प्रमुख झीलें

नामस्थिति/देशक्षेत्रफल (वर्ग किमी)अधिकतम गहराई (मी.)
कैस्पियन सागररूस, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान तथा ईरान3,71,800980
सुपीरियर झीलकनाडा तथा सं. रा. अमेरिका82,350406
विक्टोरिया झीलयुगाण्डा, तंजानिया तथा केन्या69,50080
अरल सागर झीलकजाकिस्तान तथा उज्बेकिस्तान64,50068
ह्यूरन झोलकनाडा तथा सं. रा. अमेरिका59,600228
मिशिगन झीलसंयुक्त राज्य अमेरिका58,000281
टंगानिका झीलजायरे, तंजानिया, जाम्बिया तथा बुरुण्डी32,9001,435
ग्रेट बियर झीलकनाडा31,80082
बैकाल झीलरूस (साइबेरिया क्षेत्र)30,5001741
मलावी झील (न्यासा)तंजानिया, मलावी तथा मोजाम्बिक29,600678
ग्रेट स्लेव झीलकनाडा28,500163
ईरी झीलकनाडा तथा सं. रा. अमेरिका25,70064
विनीपेग झीलकनाडा24,50036
ओण्टेरियो झीलकनाडा तथा सं. रा. अमेरिका19,500237
लैडोगा झीलरूस17,700225
बाल्खश झीलरूस17,40026
चाड झीलनाइजर, नाइजीरिया, चाड तथा कैमरून16,3004 से 8
ओनेगा झीलरूस9,600110
आयर झीलऑस्ट्रेलिया9,58019.8
टिटिकाका झीलपेरु तथा बोलिविया8,300278
अथाबांस्का झीलकनाडा8,100124

यह भी पढ़ें: पठार तथा पठार का वर्गीकरण

निष्कर्ष

जीवन के चित्र में, मैदान एक धागा है जो विकास, सपनों और विजय की कहानियों को एक साथ बुनता है। यह एक अनुस्मारक है कि, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम जीवन में कहाँ खड़े हैं, एक क्षेत्र का खुला विस्तार अंतहीन संभावनाओं और महानता की क्षमता का वादा करता है।

FAQs

Q1. मैदान क्या है?
Ans. मैदान भूमि का एक खुला क्षेत्र है, जिसका उपयोग आमतौर पर कृषि उद्देश्यों, खेल या अन्य बाहरी गतिविधियों के लिए किया जाता है।

Q2. कृषि में खेतों का उपयोग कैसे किया जाता है?
Ans. खेतों का उपयोग फसलों की खेती, पौधों को उगाने और पशुधन बढ़ाने के लिए किया जाता है।

Q3. पर्यावरण के लिए खेत क्यों महत्वपूर्ण हैं?
Ans. क्षेत्र जैव विविधता में योगदान करते हैं, पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करते हैं और कार्बन पृथक्करण में भूमिका निभाते हैं।

Q4. खेती के लिए खेत की तैयारी में किन उपकरणों का उपयोग किया जाता है?
Ans.ट्रैक्टर, हल और हारो का उपयोग आमतौर पर खेती में खेत की तैयारी के लिए किया जाता है।

Q5. एक परती क्षेत्र क्या है?
Ans. एक परती खेत एक ऐसा खेत है जिसे प्रजनन क्षमता बहाल करने और खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए एक मौसम के लिए बिना खेती के छोड़ दिया जाता है।

Q6. ग्रामीण परिदृश्य में खेतों का योगदान कैसे होता है?
Ans. खेत ग्रामीण परिदृश्य की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं और कई क्षेत्रों के कृषि चरित्र के अभिन्न अंग हैं।

Q7. खेतों के रख-रखाव में किसानों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
Ans. किसानों को मौसम में उतार-चढ़ाव, मिट्टी के कटाव और खेतों को प्रभावी ढंग से बनाए रखने के लिए स्थायी कृषि प्रथाओं की आवश्यकता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

2 thoughts on “मैदान एवं मैदानों का वर्गीकरण”

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