वह चिड़िया जो : अध्याय 1

वह चिड़िया जो-
चोंच मारकर
दूध-भरे जुडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है।

वह चिड़िया जो-
कंठ खोलकर
बूढ़े वन-बाबा की खातिर
रस उँडेलकर गा लेती है
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।

वह चिड़िया जो-
चोंच मारकर
चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे नदी से बहुत प्यार है।

पाठ के बारे में

कवि ने बताया है कि उसके स्वभाव में नीले पंखोंवाली एक छोटी चिड़िया है। वह संतोषी है, अन्न से बहुत प्यार करती है, वह अपनेपन के साथ कंठ खोलकर पुराने घने वन में बेरोक गाती है, मुँहबोली है, एकांत में भी उमंग से रहती है। वह उफनती नदी के विषय में जानकर भी जल की मोती-सी बूँदों को चोंच में भर लाती है। उसे स्वयं पर गर्व है। वह साहसी है। उसे नदी से लगाव है। कवि ने अपने भीतर की कल्पित चिड़िया के माध्यम से मनुष्य के महत्त्वपूर्ण गुणों को उजागर किया है।

यह भी पढ़ें: हमारा देश – भारत : अध्याय 6

प्रश्न-अभ्यास

1. कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है उस चित्र को कागज पर बनाओ।
Ans.
कविता पढ़कर हमारे मन में निम्नलिखित चित्र उभरते हैं-

• वह नीले पंखोंवाली सुंदर चिड़िया है।
• चिड़िया मधुर स्वर में जंगल में गाती है।
• वह बहती नदी का पानी पीती है।
• चिड़िया का आकार छोटा है।
• उसे आज़ादी बहुत पसंद है।

2. तुम्हें कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो।
Ans.
नन्ही चिड़िया, सुंदर चिड़िया’ या परिश्रमी चिड़िया

3. इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीजों से प्यार है?
Ans. 
इस कविता के आधार पर ज्ञात होता है कि चिड़िया को दूध भरे अनाज के दानों, नदी तथा जंगल से प्यार है। चिड़िया जुडी के दाने एवं अन्य अनाज के दानों को खाना पसंद करती है। इस चिड़िया को गीत गाना पसंद है। जंगल से इसे बहुत प्यार है। यह नदी से भी बहुत प्यार करती है।

4. आशय स्पष्ट करो-

(क) रस उँडेलकर गा लेती है
Ans.
चिड़िया जंगल में जब अकेली होती है, तब वह बिना किसी डर और संकोच के उन्मुक्त भाव से गाती है। वह मधुर स्वर में गाती है। उसके स्वर की मधुरता वातावरण में रस घोल देती है।

(ख) चढ़ी नदी का दिल टटोलकर जल का मोती ले जाती है
Ans.
छोटी चिड़िया चढ़ी हुई नदी से बिलकुल भी नहीं घबराती है। वह उफनती नदी के बीच से अपनी चोंच में पानी की बूंद लेकर उड़ जाती है। यानी लबालब भरी नदी की जलराशि का अनुमान लगाकर उस जलराशि में से जल का मोती निकाल लाती है अर्थात उसी पानी से चिड़िया अपनी प्यास बुझाती है, इसीलिए पानी मोती की तरह अमूल्य है।

अनुमान और कल्पना

1. कवि ने नीली चिड़िया का नाम नहीं बताया है। वह कौन सी चिड़िया रही होगी? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए पक्षी विज्ञानी सालिम अली की पुस्तक ‘भारतीय पक्षी देखो। इनमें ऐसे पक्षी भी शामिल हैं जो जाड़े में एशिया के उत्तरी भाग और अन्य ठंडे देशों से भारत आते हैं। उनकी पुस्तक को देखकर तुम अनुमान लगा सकते हो कि इस कविता में वर्णित नीली चिड़िया शायद इनमें से कोई एक रही होगी-

नीलकंठ
छोटा किलकिला
कबूतर
बड़ा पतरिंगा

Ans. इस कविता में वर्णित नीली चिड़िया शायद नीलकंठ रही होगी, क्योंकि उसके शरीर के ज्यादातर भाग का रंग नीला आकार छोटा तथा आवाज़ मीठी होती है।

2. नीचे कुछ पक्षियों के नाम दिए गए हैं। उनमें यदि कोई पक्षी एक से अधिक रंग का है तो लिखो, कि उसके किस हिस्से का रंग कैसा है। जैसे तोते की चोंच लाल है, शरीर हरा है।

1. मैना
2. कौआ
3. बैतखे
4. कबूतर

Ans.

1. मैना- मैना के पंख भूरे व सफ़ेद रंग के होते हैं। उनकी टाँगें हलकी लाल होती हैं।

2. कौआ-कौआ का पूरा शरीर काला होता है।

3. बतख – बतख सफ़ेद रंग का होता है। इसके पैर हल्के गुलाबी रंग के होते हैं।

4. कबूतर- कबूतर का रंग स्लेटी सफ़ेद होता है। गरदन कुछ-कुछ नीले रंग की होती है। इसकी टाँगे लाल होती हैं।

3. कविता का हर बंध ‘वह चिड़िया जो-‘ से शुरू होता है और मुझे बहुत प्यार है पर खत्म होता है। तुम भी इन। पंक्तियों का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से कविता में कुछ नए बंध जोड़ो।

उत्तर-
वह चिड़िया जो
चींची करके
सबका मन बहलाती है।
नील गगन की सीमा पाने
पंख पसारे उड़ जाती है।

अपना घर बनाने के लिए।
घास के तिनके लाती है।
वह परिश्रमी चिड़िया सबको
परिश्रम का पाठ सिखाती है।

FAQs

Q1. चिड़िया के पंख किस रंग के हैं?
Ans.
  चिड़िया के पंख नीले रंग के हैं।

Q2. चिड़िया कहाँ से मोती ले जाती है?
Ans.
चिड़िया नदियों के उफनते जल से मोती ले जाती है।

Q3. चिड़िया किसके दाने खाती है?
Ans.
चिड़िया जुडी के दाने खाती है।

Q4. अनाज के दाने किससे भरे हुए हैं?
Ans.
अनाज के दाने दूध से भरे हुए हैं।

Q5. चिड़िया का स्वभाव कैसा है?
Ans.
चिड़िया का स्वभाव संतोषी है।

Q6. कविता के आधार पर चिड़िया के स्वभाव का वर्णन कीजिए।
Ans
. इस कविता में नीले पंखोंवाली एक छोटी सी चिड़िया का वर्णन है। इस चिड़िया का स्वभाव संतोषी है। घोड़े से दाने इसके लिए पर्याप्त हैं। यह मुँह बोली है। यह एकांत में उमंग से गाती है। यह गरबीली भी है। इसे अपने साहस और हिम्मत पर गर्व है।

Q7. चिड़िया किससे प्यार करती है और क्यों?
Ans.
इस छोटी चिड़िया को अन्न से प्यार है। यह जुडी के दाने बड़े मन से खाती है। उसे विजन से प्यार है। उसे नदी से भी प्यार है। एकांत जंगल में वह मधुर स्वर में गाती है। वह उफनती नदी की बीच धारा से जल की बूंदें अपनी चोंच में लेकर उड़ जाती है।

Q8. चिड़िया अपना जीवन कैसे व्यतीत करती है?
Ans.
चिड़िया अपना जीवन प्रेम्, उमंग और संतोष के साथ व्यतीत करती है। वह सबसे प्रेम करती है। एकांत में भी उमंग से रहती है। वह संतोषी है। वह थोड़े में ही संतोष करती है। आजाद होने की वजह से वह मीठे स्वर में गाती है। उसका स्वर बहुत मीठा है। वह गाते और उड़ते हुए अपना पूरा जीवन व्यतीत करती है।

Q9. चिड़िया के गायन की विशेषताएँ लिखिए।
Ans.
वह छोटी चिड़िया खुले गले से बहुत ही मीठी आवाज़ में गाती है, उसके गाने वातावरण में रस घोल देते हैं। वह अपने गीत जंगल को समर्पित कर देती है।

Q10. चिड़िया के माध्यम से कवि हमें क्या संदेश देना चाहते हैं?
Ans.
कवि चिड़िया के माध्यम से खुशी से जीने का संदेश हमें देते हैं। चिड़िया के माध्यम से हमें सीख मिलती है कि हमें धोड़े में ही संतोष करना चाहिए। इस कविता में अकेले रहकर भी उमंग से जीने का संदेश दिया गया है। इसके साथ ही कवि हमें बताते हैं कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें साहस नहीं खोना चाहिए। हमें अपनी क्षमता की भी पहचानना चाहिए।

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

1 thought on “वह चिड़िया जो : अध्याय 1”

Leave a Comment