जन्तुओं का वर्गीकरण (Classification of Animal)

जन्तुओं का वर्गीकरण

स्टोरर तथा यूसिंजर (1975) ने अत्यधिक वैज्ञानिक ढंग से जन्तुओं का वर्गीकरण किया हैं आधुनिक वैज्ञानिकों द्वारा इसे अधिक मान्यता मिली है। इन्होंने जन्तु जगत …

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जन्तु विज्ञान (Zoology) : अध्याय – 5

जन्तु विज्ञान

जन्तु विज्ञान का संक्षिप्त इतिहास (Brief History of Zoology) प्राचीनकालीन ग्रीस देश के कई दार्शनिकों ने जीवों के बारे में लिखा था। हिप्पोक्रेट्स (460-370 ईसा पूर्व) …

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रोपण पौधे (Plantation Crop)

रोपण पौधे

चाय (Tea) • अएल्कोहॉलीय पेयों में चाय (Tea) सबसे अधिक प्रचलित है। विश्व की आधी से भी अधिक आबादी को चाय की लत (addict) है। …

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फल (Fruits)

फल

पुष्प के अण्डाशय के परिवर्धित भाग को फल (Fruits) कहते हैं। फल के दो भाग होते हैं- प्रथम – फलभित्ति (Pericorp) तथा दूसरा – बीज …

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दलहनी फसलें (Pulse Crops)

दलहनी फसलें

लेयुग्म (Legume) कुल की फसलों को दलहनी फसल की संज्ञा प्रदान की जाती है। ये फसलें तीन मौसमों में उगायी जाती हैं। यथा- • खरीफ …

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आर्थिक वनस्पति विज्ञान : अध्याय 4

आर्थिक वनस्पति विज्ञान

मनुष्य के जीवन-यापन, सुख-शान्ति व समृद्धि के लिये पौधे एवं उनके उत्पाद आवश्यक हैं। जीवन की आधारभूत आवश्यकताएँ भोजन, वस्त्र व मकानों में प्रयोग आने …

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पादप गतियाँ

पादप गतियाँ

जीवित पौधों की एक विशेषता यह है कि वातावरण के प्रभाव से अथवा कुछ आन्तरिक कारणों से या तो उनका सम्पूर्ण शरीर या शरीर का …

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वृद्धि तथा अनुक्रिया

वृद्धि तथा अनुक्रिया

पौधों में वृद्धि, आकार एवं आयतन का चिरस्थायी (irreversible = permanent) वर्धन है जिसके साथ-साथ प्रायः शुष्क भार का तथा जीवद्रव्य (protoplasm) का भी वर्धन …

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कोशिकीय श्वसन

कोशिकीय श्वसन

सभी जीवधारियों को चाहे वह पौधा हो या सूक्ष्मजीवी या जन्तु, अपनी क्रियाशीलता (वृद्धि, गति, जल एवं खनिज पदार्थों का अवशोषण, इत्यादि) के लिए ऊर्जा …

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