तीन दोस्त: पाठ -8

तीन दोस्त

बात पुरानी है।तब बस तीन ही रंग थे।लाल, पीला और नीला! लाल रहता था हर लज़ीज़ वस्तु में,जैसे टमाटर, सेब, चेरी और आलूबुखारे। पीले ने …

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टिल्लू जी : पाठ -7

टिल्लू जी

टिल्लू जी स्कूल गए,बस्ता घर पर भूल गए। रस्ते भर थे डरे-डरे,पहुँचे गेट पर अरे अरे। छुट्टी का नोटिस चिपका,देख खुशी से फूल गए। दोनों …

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चींटा : पाठ -6

चींटा

चींटा-चींटा दूध ला,दूध लाकर दही जमा,बढ़िया-बढ़िया दही जमा,खट्टा-मीठा दही जमा चींटा-चींटा गन्ना ला,गन्ना लाकर शक्कर बना,चींटी भूखी आएगी,झटपट वो खा जाएगी। चींटा-चींटा शक्कर ला,शक्कर लाकर …

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थाथू और मैं: पाठ -5

थाथू और मैं

मैं अपने दादाजी के साथ रहती हूँ।उन्हें मैं ‘थाथा’ कहती हूँ।लेकिन जब उन पर प्यार आताहै, तो मैं उन्हें ‘थाथू’ बुलाती हूँ। कभी-कभी थाथू मुझे …

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माँ : पाठ -4

माँ

माँ तुम कितनी भोली-भलीकितनी प्यारी-प्यारी होदिल से सच्ची मिसरी जैसीसारे जग से न्यारी हो। मेरे मन में जोश तुहीं सेतमसे ही प्रकाशमझमें साहस तुमसे आतातमसे …

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माला की चाँदी की पायल : पाठ -3

माला की चाँदी की पायल

हुश्श्श्माला बिल्ली को डराती। हेएए!वह अपनी नानी को डराती। धप्प!वह अपने छोटे भाई को डराती। भऊऊ!वह डाकिए को डराती। एक दिन माला की माँ ने …

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घर: पाठ-2

घर

पापा, क्यों अच्छा लगता हैअपना प्यारा-प्यारा घर?घूम-घाम लें, खेल-खाल लेंनहीं भलता लेकिन घर। नहीं आपको लगता पापाहै माँ की गोदी-सा घर।प्यारी-प्यारी ममतावालासुंदर-सुंदर न्यारा घर। थककर …

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नीमा की दादी :  पाठ -1

नीमा की दादी

नीमा दोपहर में दो बजे स्कूल से लौटती है। इस समय घर पर सिर्फ़ दादी होती हैं। वे कहीं नहीं आती-जाती हैं। कभी बैठे-बैठे सब्ज़ी …

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