बाज और सांप : अध्याय 13

बाज और सांप

समुद्र के किनारे ऊँचे पर्वत की अँधेरी गुफा में एक साँप रहता था। समुद्र की तूफ़ानी लहरें धूप में चमकतीं, झिलमिलातीं और दिन भर पर्वत …

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सूरदास के पद : अध्याय 11

सूरदास के पद

मैया, कबहिं बढ़ेगी चोटी ?किती बार मोहिं दूध पियत भई, यह अजहूँ है छोटी।तू जो कहति बल की बेनी ज्यों, है है लाँबी-मोटी ।‘काढ़त-गुहत न्हवावत …

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अकबरी लोटा : अध्याय 10

अकबरी लोटा

लाला झाऊलाल को खाने-पीने की कमी नहीं थी। काशी के ठठेरी बाजार में मकान था। नीचे की दुकानों से एक सौ रुपये मासिक के करीब …

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जहां पहिया है : अध्याय 9

जहां पहिया है

पुडुकोट्टई (तमिलनाडु): साइकिल चलाना एक सामाजिक आंदोलन है? कुछ अजीब-सी बात है-है न! लेकिन चौंकने की बात नहीं है। पुडुकोट्टई जिले की हज़ारों नवसाक्षर ग्रामीण …

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सुदामा चरित्र : अध्याय 8

सुदामा चरित्र

सीस स पगा न झंगा तन में, प्रभु! जाने को आहि बसे केहि ग्रामा।धोती फटी-सी लटी दुपटी, अरु पाँय उपानह को नहिं सामा।।द्वार खड़ो द्विज …

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