सूक्ष्मजीव – मित्र एवं शत्रु : अध्याय 2
आपने अपने आस-पास के स्थानों पर पौधों एवं जंतुओं सहित अनेक सजीव देखे हैं। परन्तु कुछ जीव ऐसे भी हैं जिन्हें हम बिना यंत्र की …
आपने अपने आस-पास के स्थानों पर पौधों एवं जंतुओं सहित अनेक सजीव देखे हैं। परन्तु कुछ जीव ऐसे भी हैं जिन्हें हम बिना यंत्र की …
ग्रीष्मावकाश में पहेली एवं बूझो अपने चाचा के घर गए। उनके चाचा एक किसान हैं। एक दिन उन्होंने खेत में कुछ औज़ार देखे जैसे कि …
समुद्र के किनारे ऊँचे पर्वत की अँधेरी गुफा में एक साँप रहता था। समुद्र की तूफ़ानी लहरें धूप में चमकतीं, झिलमिलातीं और दिन भर पर्वत …
मैं आगे बढ़ा ही था कि बेर की झाड़ी पर से मोती-सी एक बूँद मेरे हाथ पर आ पड़ी। मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा …
मैया, कबहिं बढ़ेगी चोटी ?किती बार मोहिं दूध पियत भई, यह अजहूँ है छोटी।तू जो कहति बल की बेनी ज्यों, है है लाँबी-मोटी ।‘काढ़त-गुहत न्हवावत …
लाला झाऊलाल को खाने-पीने की कमी नहीं थी। काशी के ठठेरी बाजार में मकान था। नीचे की दुकानों से एक सौ रुपये मासिक के करीब …
पुडुकोट्टई (तमिलनाडु): साइकिल चलाना एक सामाजिक आंदोलन है? कुछ अजीब-सी बात है-है न! लेकिन चौंकने की बात नहीं है। पुडुकोट्टई जिले की हज़ारों नवसाक्षर ग्रामीण …
सीस स पगा न झंगा तन में, प्रभु! जाने को आहि बसे केहि ग्रामा।धोती फटी-सी लटी दुपटी, अरु पाँय उपानह को नहिं सामा।।द्वार खड़ो द्विज …
जाति न पूछो साथ की, पूछ लीजिए ज्ञान।मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।1।। आवत गारी एक है, उलटत होइ अनेक ।कह कबीर नहिं …
नहीं, यह सबसे कठिन समय नहीं!अभी भी दबा है चिड़िया कीचोंच में तिनकाऔर वह उड़ने की तैयारी में है!अभी भी झरती हुई पत्ती थामने को …