गति एवं समय: अध्याय 9

कक्षा 6 में आपने विभिन्न प्रकार की गतियों के क बारे में पहा था। आपने यह पढ़ा था कि किसी वस्तु की गति किसी सरल रेखा के अनुदिश, वर्तुल (वृत्ताकार) अथवा आवर्ती हो सकती है। क्या आपको ये तीन प्रकार की गतियाँ याद हैं?

सारणी 9.1 में गतियों के कुछ सामान्य उदाहरण दिए गए हैं। प्रत्येक उदाहरण में गति का प्रकार पहचानिए।

सारणी 9.1 विभिन्न प्रकार की गतियों के कुछ

उदाहरणप्रकार
मार्च पास्ट करते सैनिकसरल रेखा के अनुदिश
सीधी सड़क पर चलती बैलगाड़ीसरल रेखा के अनुदिश
दौड़ते धावक के हाथों की गतिसरल रेखा के अनुदिश
चलती साइकिल के पेडल की गतिसरल रेखा के अनुदिश
सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गतिवर्तुल
झूले की गतिवर्तुल
लोलक की गतिआवर्ती

यह हमारा सामान्य अनुभव है कि कुछ वस्तुओं की गति मंद होती हैं, जबकि कुछ अन्य वस्तुओं की गति तीव्र होती है।

9.1 मंद अथवा तीव्र

हम जानते हैं कि कुछ वाहन अन्य वाहनों की तुलना में अधिक तीव्र गति करते हैं। यहाँ तक कि एक ही वाहन विभिन्न समयों पर तीव्र अथवा मंद गति करता है। सरलरेखीय पथ के अनुदिश गति करने वाली दस वस्तुओं की सूची बनाइए। इन वस्तुओं की गति को दो वर्गों-मंद तथा तीव्र-में बाँटिए। आपने यह कैसे निश्चित किया कि कौन-सी वस्तु मंद गति कर रही है और कौन-सी तीव्र गति कर रही है?

यदि किसी सड़क पर कई वाहन एक ही दिशा में गति कर रहे हैं, तो हम यह सरलता से बता सकते हैं कि उनमें से कौन-सा वाहन अन्य की तुलना में तीव्र गति कर रहा है। आइए हम सड़क पर चलने वाले वाहनों की गति को देखते है।

क्रियाकलाप 9.1

चित्र 9.1 को देखिए। इसमें किसी क्षण पर सड़क पर एक ही दिशा में गति करते कुछ वाहनों की स्थिति दर्शायी गयी हैं। अब चित्र 9.2 देखिए। इसमें उन्हीं वाहनों की कुछ समय पश्चात् की स्थिति दर्शायी गयी हैं। दोनों चित्रों के प्रेक्षणों के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

कौन-सा वाहन सबसे तीव्र गति कर रहा है? इनमें सबसे मंद गति कौन कर रहा है?

कौन मंद अथवा तीव्र गति करता है? इसका निर्णय करने में वस्तुओं द्वारा किसी दिए गए काल-अंतराल में चली गई दूरी हमारी सहायता कर सकती है। उदाहरण के लिए, कल्पना कीजिए, आप अपने मित्र को विदा करने बस अड्डे जा रहे हैं। मान लीजिए आप बस के चलते ही अपनी साइकिल के पैडल मारने लगते हैं। 5 मिनट के पश्चात् आपके द्वारा चली गई दूरी, बस द्वारा चली गई दूरी से काफ़ी कम होगी। क्या आप तब यह कहेंगे कि बस साइकिल से तीव्र गति कर रही है?

हम प्रायः यह कहते हैं कि तीव्र चलने वाले वाहनों की चाल अधिक होती है। 100 मीटर दौड़ में यह निर्णय करना सरल होता है कि किसकी चाल अधिकतम है। जो धावक 100 मीटर दूरी तय करने में सबसे कम समय लेता है, उसकी चाल अधिकतम होती है।

9.2 चाल

आप कदाचित् चाल शब्द से परिचित हैं। ऊपर दिए गए उदाहरण में अधिक चाल से यह संकेत मिलता है कि किसी दी गई दूरी को कम समय में तय किया गया है अथवा किसी दिए गए समय में अधिक दूरी तय की गई है।

दो या अधिक वस्तुओं में कौन तीव्रतम गति कर रहा है, इसे ज्ञात करने की सबसे सुविधाजनक विधि यह है कि हम इनके द्वारा किसी एकांक समय में तय की गई दूरी ज्ञात करें। इस प्रकार, यदि हम दो बसों द्वारा एक घंटे में तय की गई दूरी जानते हैं, तब हम यह बता सकते हैं कि उनमें से कौन अपेक्षाकृत मंद है। किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को हम उस वस्तु की चाल कहते हैं।

जब हम यह कहते हैं कि कोई कार 50 किलोमीटर प्रति घंटा की चाल से गति करती है, तो इससे यह ज्ञात होता है कि वह कार एक घंटे में 50 किलोमीटर दूरी तय करेगी। तथापि, कोई कार बिरले ही एक घंटे तक किसी नियत चाल (समान गति) से चलती है। वास्तव में, वह धीमी चाल से गति आरंभ करके फिर अपनी चाल बढ़ाती है। अतः, जब हम यह कहते हैं कि किसी कार की चाल 50 किलोमीटर प्रति घंटा है, तो प्रायः हम केवल कार द्वारा एक घंटे में तय की गई दूरी पर ही विचार करते हैं। हम इसकी चिंता नहीं करते कि इस एक घंटे की अवधि में कार नियत चाल से चलती रही अथवा नहीं। वास्तव में, यहाँ परिकलित की गई चाल, कार की औसत चाल है। इस पुस्तक में हम औसत चाल के लिए, चाल शब्द का ही उपयोग करेंगे। अतः हम ‘तय की गई कुल दूरी’ को ‘लिए गए कुल समय’ से विभाजित करके चाल प्राप्त करते हैं। इस प्रकार

चाल = तय की गई कुल दूरी / लिया गया कुल समय

अपने दैनिक जीवन में हम बिरले ही लंबी दूरियों तक अथवा अधिक समय तक वस्तुओं को एक नियत चाल से गति करते हुए देखते हैं। यदि किसी सरल रेखा के अनुदिश गति करने वाली वस्तु की चाल परिवर्तित होती रहती है, तो उस वस्तु की चाल असमान कही जाती है। इसके विपरीत किसी सरल रेखा के अनुदिश वस्तु की नियत चाल से गति एकसमान गति कहलाती है। इस स्थिति में औसत चाल वही है, जो वास्तविक चाल है।

यदि हम किसी वस्तु द्वारा किसी निश्चित दूरी को तय करने में लगे समय को माप लें, तो हम उस वस्तु की चाल ज्ञात कर सकते हैं। कक्षा 6 में आपने दूरी मापना सीखा था। परंतु, हम समय कैसे मापते हैं। आइए, पता लगाएँ। N

9.3 समय की माप

यदि आपके पास घड़ी नहीं है, तो आप यह कैसे निश्चित करेंगे की अब क्या समय हो गया है? क्या कभी आपको यह जानने की उत्सुकता हुई है कि हमारे बुजुर्ग किस प्रकार केवल छाया देखकर दिन के समय का अनुमान लगा लेते थे?

हम एक माह के काल-अंतराल को कैसे मापते हैं? हम एक वर्ष के काल-अंतराल को कैसे मापते हैं?

समय की माप से हमारा तात्पर्य काल-अंतराल की माप से है। बोलचाल में जब हम समय मापने के लिए किसी घड़ी के उपयोग के बारे में चर्चा करते हैं, तब हमारा अभिप्राय काल-अंतराल का मापन ही होता है।

हमारे पूर्वजों ने यह देखा कि प्रकृति में बहुत-सी घटनाएँ, निश्चित अंतरालों के पश्चात् स्वयं दोहराती हैं। उदाहरण के लिए, उन्होंने यह पाया कि सूर्य प्रतिदिन प्रातः उदय होता है। एक सूर्योदय से अगले सूर्योदय के बीच के समय को एक दिन कहा गया। इसी प्रकार, एक अमावस्या (नवचंद्र) से अगली अमावस्या के बीच के समय की माप, माह के रूप में की गयी। एक वर्ष उस समय के लिए नियत किया गया, जितने समय में पृथ्वी, सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करती है।

प्रायः हमें एक दिन से काफ़ी छोटे समय-अंतरालों को मापने की भी आवश्यकता पड़ती है। संभवतः समय मापने की सबसे सामान्य युक्ति घड़ियाँ ही है (चित्र 9.3)। क्या आपको कभी यह जानने की उत्सुकता हुई है कि घड़ियाँ समय कैसे मापती हैं?

घड़ियों की कार्यविधि काफ़ी जटिल होती है. परंतु सभी घड़ियों में आवर्ती गति का उपयोग किया जाता है। आवर्ती गति का एक चिरपरिचित उदाहरण सरल लोलक है।

सरल लोलक धातु के छोटे गोले अथवा पत्थर के टुकड़े को किसी दृढ़ स्टैण्ड से धागे द्वारा निलंबित करके बनाया जा सकता है [चित्र 9.4 (a)]। धातु के गोले को लोलक का गोलक कहते हैं।

चित्र [9.4 (a)] में लोलक को अपनी माध्य स्थिति पर विराम अवस्था में दर्शाया गया है। जब लोलक के गोले को धीरे से एक ओर ले जाकर मुक्त करते हैं, तो यह इधर-उधर गति करना आरंभ कर देता है [चित्र 9.4 (b)]। सरल लोलक की यह गति आवर्ती अथवा दोलन गति का एक उदाहरण है।

जब लोलक का गोलक अपनी माध्य स्थिति से आरंभ करके A तक, फिर A से B एवं B से वापस पर आता है, तो यह कहा जाता है कि लोलक ने एक दोलन पूरा कर लिया है। लोलक तब भी एक दोलन पूरा करता है, जब इसका गोलक एक चरम स्थिति A से दूसरी चरम स्थिति B पर तथा B से वापस A पर आ जाता है। सरल लोलक एक दोलन पूरा करने में जितना समय लगाता है, उसे सरल लोलक का आवर्तकाल कहते हैं।

क्रियाकलाप 9.2

लगभग एक मीटर लंबा धागा अथवा डोरी लेकर चित्र 9.4 (a) में दर्शाए अनुसार एक सरल लोलक बनाइए। यदि पास में कोई पंखा चल रहा है, तो उसे बंद कीजिए। लोलक के गोलक को अपनी माध्य स्थिति पर विराम में आने दीजिए। गोलक के नीचे फर्श पर अथवा इसके पीछे दीवार पर उसकी माध्य स्थिति को एक चिह्न द्वारा अंकित कीजिए।

लोलक का आवर्तकाल मापने के लिए हमें विराम घड़ी की आवश्यकता होगी। यदि विराम घड़ी उपलब्ध नहीं है, तो मेज घड़ी अथवा कलाई घड़ी उपयोग की जा सकती है।

लोलक को गति में लाने के लिए, गोलक को पकड़िए और इसे धीमे से एक ओर ले जाइए। यह सुनिश्चित कीजिए कि जब आप गोलक को विस्थापित कर रहे हों, तो इससे बँधी डोरी तनी हुई हो। अब गोलक को विस्थापित स्थिति से मुक्त कीजिए। ध्यान रखिए, गोलक को छोड़ते समय इसे धक्का नहीं लगना चाहिए। जिस समय गोलक अपनी माध्य स्थिति पर है, उस समय घड़ी का समय नोट कीजिए। माध्य स्थिति की बजाय आप उस स्थिति से भी समय नोट करना आरंभ कर सकते हैं, जब गोलक अपनी किसी एक चरम स्थिति पर है। लोलक द्वारा 20 दोलन पूरा करने में लगा समय मापिए। सारणी 9.2 में अपने प्रेक्षण लिखिए। इसमें दिया गया प्रेक्षण केवल एक नमूना है। आपके प्रेक्षण इससे भिन्न हो सकते हैं। इस क्रियाकलाप को तीन-चार बार दोहराइए और अपनी प्रेक्षण सारणी में लिखिए। 20 दोलनों को पूरा करने में लगे समय को 20 से भाग देकर एक दोलन में लगा समय अर्थात् लोलक का आवर्तकाल प्राप्त कीजिए।

सारणी 9.2 सरल लोलक का आवर्तकाल

डोरी की लम्बाई = 100 cm

20 दोलनों के लिए लिया गया समय (s)आवर्तकाल (s)
422.1

क्या आपके लोलक का आवर्तकाल हर बार लगभग समान आता है?

ध्यान रखिए, आरंभिक विस्थापन में थोड़ा परिवर्तन आपके लोलक के आवर्तकाल को प्रभावित नहीं करता है।

आजकल अधिकांश घड़ियों में एक या दो सेलों वाले विद्युत परिपथ होते हैं। इन घड़ियों को क्वार्ट्ज़ घड़ी कहते हैं। इनके द्वारा मापा गया समय पहले उपलब्ध घड़ियों द्वारा मापे गए समय से अधिक यथार्थ होता है।

समय तथा चाल के मात्रक

समय का मूल मात्रक सेकंड है। इसका प्रतीक प्रती S है। समय के बड़े मात्रक मिनट (min) तथा घंटा (h) हैं। आप पहले ही जानते हैं कि ये मात्रक किस प्रकार एक-दूसरे से संबंधित हैं। चाल का तथाकथित मूल मात्रक क्या है? चूँकि चाल दूरी/समय है, अतः चाल का मूल मात्रक m/s है। वास्तव में, इसे अन्य मात्रकों जैसे m/min अथवा km/h में भी व्यक्त किया जा सकता है।

आपको यह याद रखना चाहिए कि सभी मात्रकों के प्रतीकों को एकवचन में लिखा जाता है। उदाहरण के लिए, हम 50 km लिखते हैं न कि 50 kms अथवा 8 cm लिखते हैं न कि 8 cms ।

आवश्यकता के अनुसार समय के विभिन्न मात्रकों का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, आपकी आयु को दिनों अथवा घंटों में व्यक्त करने की अपेक्षा वर्षों में व्यक्त करना सुविधाजनक होता है। इसी प्रकार, घर से विद्यालय तक की दूरी को तय करने में लगे समय को वर्षों में व्यक्त करना बुद्धिमानी नहीं है।

एक सेकंड का काल-अंतराल कितना छोटा अथवा बड़ा होता है? जोर से “दो हज़ार एक” पुकारने में लगा समय लगभग एक सेकंड होता है। ‘दो हजार एक’ से ‘दो हजार दस’ तक ज़ोर-ज़ोर से गिनकर आप इसका सत्यापन कर सकते हैं। किसी सामान्य स्वस्थ युवा की विराम की स्थिति में नाड़ी एक मिनट में 72 बार अर्थात् 10 सेकंड में लगभग 12 बार स्पंदन करती (धड़कती) है। बच्चों में यह दर कुछ अधिक हो सकती है।

जब लोलक वाली घड़ियाँ प्रचलित नहीं हुई थी, तब संसार के विभिन्न भागों में समय मापन के लिए बहुत-सी युक्तियों का उपयोग किया जाता था। धूपघड़ी, जल-घड़ी, रेत-घड़ी इस प्रकार की युक्तियों के कुछ उदाहरण हैं। संसार के विभिन्न भागों में इन युक्तियों के भिन्न-भिन्न डिज़ाइन बनाए गए (चित्र 9.5)।

इस खोज के विषय में एक रोचक कहानी है कि किसी दिए गए लोलक का आवर्तकाल नियत होता है। आपने सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक गैलीलियो गैलीली (1564-1642 ईसवी) का नाम सुना होगा। कहा जाता है कि एक बार गैलीलियो गिरजाघर में बैठे थे। उन्होंने यह देखा कि छत से जंजीर द्वारा लटका कोई लैंप एक ओर से दूसरी ओर धीमी गति कर रहा है। उन्हें यह पाकर आश्चर्य हुआ कि लैंप के एक दोलन पूरा करने के अंतराल में उनकी नब्ज़ स्पंद (धड़कन) की संख्या हर बार समान होती है। गैलीलियो ने अपने परीक्षण को सत्यापित करने के लिए विभिन्न लोलकों के साथ प्रयोग किए। उन्होंने यह पाया कि किसी दी गई लंबाई का लोलक सदैव एक दोलन पूरा करने में समान समय लेता है। इस प्रेक्षण ने लोलकयुक्त घड़ियों के विकास को एक नई दिशा प्रदान की। कमानीयुक्त घड़ियाँ और कलाई की घड़ियाँ लोलकयुक्त घड़ियों का परिष्कृत रूप थी।

9.4 चाल मापना

‘समय तथा दूरियाँ कैसे मापें’ यह सीखने के पश्चात् आप किसी वस्तु की चाल परिकलित कर सकते हैं।

आइए, फ़र्श के अनुदिश गतिमान किसी गेंद की चाल ज्ञात करें।

क्रियाकलाप 9.3

चाक के चूर्ण अथवा चूने से फ़र्श पर एक सरल रेखा खींचिए तथा अपने मित्र से कहिए कि वह इस रेखा से एक से दो मीटर दूर खड़ा हो। अब मित्र से कहिए कि वह फ़र्श के अनुदिश इस सरल रेखा के लंबवत् किसी गेंद को धीरे से लुढ़काए। जिस क्षण गेंद सरल रेखा को पार करती है तथा जिस क्षण वह विराम में आती है, दोनों बार समय नोट कीजिए (चित्र 9.6)। गेंद विराम में आने में कितना समय लेती है? जिस बिंदु पर गेंद रेखा को पार करती है तथा जिस बिंदु पर वह विराम में आती है, इन दोनों बिंदुओं के बीच की दूरी मापिए। इसे मापने के लिए आप किसी पैमाने अथवा मापक फीते का उपयोग कर सकते हैं। इस क्रियाकलाप को विभिन्न समूह बारी-बारी से दोहराएँ तथा सभी मापों को सारणी 9.3 में लिखिए। प्रत्येक समूह के पाठ्यांकों से गेंद की चाल परिकलित कीजिए।

क्या आप अपने चलने अथवा साइकिल चलाने की चाल की तुलना अपने मित्र की चाल से करना चाहेंगे? इसके लिए आपको अपने घर अथवा किसी अन्य बिंदु से अपने विद्यालय की दूरी जानने की आवश्यकता होगी। तब आप सभी इस दूरी को तय करने में लगे समय को मापकर एक-दूसरे की चाल परिकलित कर सकते हैं। यह जानना आपके लिए रोचक हो सकता है कि आप में से किसकी चाल सबसे अधिक है। सारणी 9.4 में कुछ जीवों की चाल km/h में दी गयी हैं। आप स्वयं इनकी चाल को m/s में परिकलित कर सकते हैं।

सारणी 9.3 गतिमान गेंद द्वारा चली गई दूरी तथा

समूह का नामगेंद द्वारा चली गई दूरी (m)लिया गया समय (s)चाल = तय की दूरी लिया गया समय / लिया गया समय

उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में प्रमोचित (छोड़ना) करने वाले रॉकेट प्रायः 8 km/s तक की चाल प्राप्त कर लेते हैं। इसके विपरीत कछुआ केवल 8 cm/s (लगभग) की चाल से चल सकता है। क्या आप यह परिकलित कर सकते हैं कि कछुए की तुलना में रॉकेट की चाल कितनी गुनी है।

यदि आपको किसी वस्तु की चाल ज्ञात हो जाए, तो आप दिए गए समय में उसके द्वारा चली गई दूरी ज्ञात कर सकते हैं।

सामान्यतः उपलब्ध घड़ियों द्वारा मापा जा सकने वाला सबसे कम समय अंतराल एक सेकंड है। तथापि, अब ऐसी विशिष्ट घड़ियाँ उपलब्ध हैं, जो एक सेकंड से छोटे समय अंतरालों को माप सकती हैं। इनमें से कुछ घड़ियाँ एक सेकंड के दस लाखवें भाग और यहाँ तक कि एक अरबवें भाग तक के समय अंतराल माप सकती हैं। आपने माइक्रोसेकंड तथा नैनोसेकंड जैसे शब्द सुने होंगे। एक माइक्रोसेकंड सेकंड का दसलाखवाँ भाग होता है। एक नैनोसेकंड-सेकंड का एक अरबवाँ भाग होता है। इतने छोटे समय-अंतरालों को, जो घड़ियाँ मापती हैं, उनका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए किया जाता है। खेलों में जिन समय मापने की युक्तियों का उपयोग होता है, वे सेकंड के दसवें अथवा सौवें भाग तक के समय-अन्तराल माप सकती हैं। इसके विपरीत ऐतिहासिक घटनाओं के समयों को शताब्दियों अथवा सहस्त्राब्दियों में व्यक्त किया जाता है। तारों तथा ग्रहों की आयु को प्रायः अरबों वर्ष में व्यक्त करते हैं। क्या आप उन काल-अंतरालों के परास की कल्पना कर सकते हैं, जिनसे हमें व्यवहार करना पड़ता है?

सारणी 9.4 कुछ जंतुओं द्वारा प्राप्त की जा सकने वाली तीव्रतम चाल

वस्तु का नामचाल (km/h)चाल (m/s)
बाज32089
चीता11231.1
ब्लू फिश40-4611.1-12.8
खरगोश5615.6
गिलहरी195.3
घरेलू चूहा113.1
मानव4011.1
भीमकाय कछुआ0.270.075
घोंघा0.050.014

आपको केवल चाल को समय से गुणा ही करना होगा। इसप्रकार

चली गई दूरी = चाल समय आप यह भी ज्ञात कर सकते हैं कि दी गई चाल से चलने वाली कोई वस्तु किसी दूरी को कितने समय में तय करेगी।

लिया गया समय = दूरी / चाल

आपने स्कूटर अथवा मोटर साइकिलों पर एक मीटर लगा हुआ देखा होगा। इसी प्रकार कारों, बसों तथा अन्य वाहनों के डैशबोर्डों पर मीटर देखे जा सकते हैं। चित्र 9.7 में किसी कार का डैशबोर्ड दर्शाया गया है। ध्यान दीजिए, इनमें से किसी एक मीटर के एक कोने पर km/h लिखा है। इसे चालमापी (स्पीडोमीटर) कहते हैं। इससे सीधे ही km/h में चाल ज्ञात हो जाती है। इसमें एक अन्य मीटर भी होता है, जो वाहन द्वारा तय की गई दूरी मापता है। इस मीटर को पथमापी (ओडोमीटर) कहते हैं।

विद्यालय की पिकनिक के लिए जाते समय पहेली ने यह निश्चय किया कि वह यात्रा समाप्त होने तक हर 30 मिनट के पश्चात् बस के पथमापी का पाठ्यांक अपनी नोटबुक पर लिखेगी। इसके पश्चात् उसने अपने पाठ्यांक सारणी 9.5 में लिखे।

सारणी 9.5 यात्रा के विभिन्न समयों पर पथमापी के पाठ्यांक

समय (AM)पथमापी का पाठ्यांक (km)आरंभिक बिंदु से दूरी (km)
8:00 AM365400
8:30 AM3656020
9:00 AM3658040
9:30 AM3660060
10:00 AM3662080

क्या आप बता सकते हैं कि पिकनिक स्थल विद्यालय से कितनी दूर था? क्या आप बस की चाल परिकलित कर सकते हैं? सारणी को देखकर बूझो ने पहेली से

पूछा कि क्या वह बता सकती है कि 9:45 AM तक उसकी बस ने कितनी दूरी तय कर ली थी। पहेली के पास इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं था। वे अपने शिक्षक के पास गए। शिक्षक ने उनसे कहा कि इस समस्या को हल करने का एक ढंग यह है कि हम दूरी-समय ग्राफ़ खींचें। आइए, यह पता लगाएँ कि इस प्रकार का ग्राफ़ कैसे खींचा जाता है।

9.5 दूरी-समय ग्राफ़

आपने यह देखा होगा कि समाचार पत्र, पत्रिकाएँ आदि सूचनाओं को रोचक बनाने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार के ग्राफ़ों के रूप में प्रस्तुत करती हैं। चित्र 9.8 में दर्शाए गए ग्राफ़ के प्रकार को स्तंभग्राफ़ कहते हैं। ग्राफ़ीय निरूपण का एक अन्य प्रकार वृत्तारेख या पाई चित्र (चित्र 9.9) है। चित्र 9.10 में दर्शाया गया ग्राफ़, रेखाग्राफ़ का उदाहरण है। दूरी-समय ग्राफ़ को सामान्यतया रेखाग्राफ़ द्वारा निरूपित किया जाता है। आइए, इस प्रकार का ग्राफ़ बनाना सीखें।

बूझो तथा पहेली ने किसी कार द्वारा चली गई दूरी तथा इस दूरी को तय करने में लगा समय पता लगाया। उनके आँकड़े सारणी 9.6 में दर्शाए गए हैं।

सारणी 9.6 किसी कार की गति

समय दूरी
00
1min1km
2min2km
3min3km
4min4km
5min5km

आप नीचे दिए गए चरणों को बना सकते हैं- को अपनाकर ग्राफ़

• दो अक्षों को निरूपित करने के लिए दो लंबवत् रेखाएँ खींचिए तथा चित्र 9.11 में दर्शाए अनुसार उन पर OX तथा OY अंकित कीजिए।

• यह निश्चित कीजिए कि x-अक्ष के अनुदिश किस राशि को दर्शाना है तथा y-अक्ष के अनुदिश किसे दर्शाना है। x-अक्ष के अनुदिश समय तथा y-अक्ष के अनुदिश दूरी दर्शाइए।

• ग्राफ़ पर दूरी को निरूपित करने के लिए कोई पैमाना चुनिए तथा समय के निरूपण के लिए कोई अन्य पैमाना चुनिए। कार की गति के लिए ये पैमाने इस प्रकार हो सकते हैं:

समय- 1 min = 1 cm
दूरी- 1 km = 1 cm

चुने गए पैमाने के अनुसार समय तथा दूरी के मानों को अपने-अपने अक्षों पर अंकित कीजिए। कार की गति के लिए, समय को x-अक्ष पर मूल बिंदु से 1 min, 2 min, द्वारा अंकित कीजिए। इसी प्रकार दूरी 1 km, 2 km, …….y-अक्ष पर अंकित कीजिए (चित्र 9.12)।

अब आपको दूरी तथा समय के मानों के प्रत्येक समुच्चय को ग्राफ़ पेपर पर निरूपित करने के लिए उस पर बिंदु अंकित करने हैं। सारणी 9.6 के क्रम संख्या 1 के प्रेक्षण में यह दर्शाया गया है कि समय 0 min पर चली गई दूरी भी शून्य है। मानों के इस समुच्चय की ग्राफ़ पेपर पर स्थिति मूलबिंदु पर है। एक मिनट के पश्चात् कार ने एक किलोमीटर दूरी चली है। मानों के इस समुच्चय को अंकित करने के लिए x-अक्ष पर 1 मिनट को निरूपित करने वाले बिंदु को देखिए। इस बिंदु पर y-अक्ष के समांतर रेखा खींचिए। इसके पश्चात y-अक्ष पर 1 km दूरी के संगत बिंदु से x-अक्ष के समान्तर रेखा खींचिए। वह बिंदु, जिस पर ये दोनों रेखाएँ एक-दूसरे को काटती हैं, ग्राफ़ पेपर पर इन मानों के समुच्चय को निरूपित करता है (चित्र 9.12)। इसी प्रकार ग्राफ़ पेपर पर मानों के विभिन्न समुच्चयों के तद्नुरूपी बिंदुओं को अंकित कीजिए।

चित्र 9.12 में विभिन्न समयों पर कार की स्थितियों के सभी बिंदुओं के समुच्चयों को ग्राफ़ पर दर्शाया गया है।

चित्र 9.12 में दर्शाए अनुसार इन बिंदुओं को मिलाइए। बिंदुओं को मिलाने पर सरल रेखा प्राप्त होती है। यह कार की गति का दूरी-समय ग्राफ़ है।

यदि दूरी-समय ग्राफ़ एक सरल रेखा है, तो यह संकेत करता है कि वस्तु किसी नियत चाल से गति कर रही है। परंतु, यदि किसी वस्तु की चाल लगातार परिवर्तित होती है, तो ग्राफ़ की आकृति कुछ हो सकती है।

व्यापक रूप में, पैमाने का चयन इतना सरल नहीं होता, जितना चित्र 9.12 तथा चित्र 9.13 में दर्शाया गया है। हमें x-अक्ष तथा y-अक्ष पर वांछित राशियों को निरूपित करने के लिए दो भिन्न पैमानों का चयन करना पड़ सकता है। आइए, इस प्रक्रिया को एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं।

आइए, फिर उसी बस की गति पर विचार करते हैं, जिसके द्वारा पहेली और उसके मित्र पिकनिक पर गए थे। बस द्वारा तय की गई दूरी तथा लिया गया समय, सारणी 9.5 में दर्शाए गए हैं। बस द्वारा तय की गई कुल दूरी 80 km है। यदि हम 1 km = 1 cm पैमाना चुनने का निश्चय करें, तो हमें 80 cm का अक्ष खींचना होगा, जो कागज़ की शीट पर संभव नहीं है। इसके विपरीत, 10 km = 1 cm का पैमाना चुनने पर हमें केवल 8 cm लंबाई के अक्ष की आवश्यकता होगी। यह पैमाना काफ़ी सुविधाजनक होगा। परंतु, यह ग्राफ़, ग्राफ़ पेपर के एक छोटे भाग को ही ढकेगा। ग्राफ़ खींचने के लिए पैमाने का चयन करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए, जो इस प्रकार हैं:

• प्रत्येक राशि के अधिकतम और न्यूनतम मानों के बीच अंतर

• प्रत्येक राशि के मध्यवर्ती मान, ताकि उन मानों को ग्राफ़ पर चुने गए पैमाने के आधार पर अंकित करना सुविधाजनक हो तथा

• जिस पेपर पर ग्राफ़ खींचना है, उसके अधिकतम भाग का उपयोग करना।

मान लीजिए आपको 25 cm 25 cm आमाप का एक ग्राफ़ पेपर दिया गया है। ऊपर दी गई शर्तों को पूरा करने तथा सारणी 9.5 के आँकड़ों को समायोजित कर सकने के लिए एक पैमाना इस प्रकार हो सकता है:

दूरी- 5 km = 1 cm तथा
समय – 6 min = 1 cm

क्या अब आप बस की गति के लिए दूरी-समय ग्राफ़ खींच सकते हैं? क्या आपके द्वारा खींचा गया ग्राफ़ चित्र 9.13 में दर्शाए गए ग्राफ़ के समरूप है?

यदि सारणी द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों से तुलना करें, तो दूरी-समय ग्राफ़ हमें गति के बारे में विविध प्रकार की जानकारी प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, सारणी 9.5 से हमें केवल कुछ निश्चित समय अंतरालों पर ही बस द्वारा तय की गई दूरी के बारे में जानकारी मिलती है। इसके विपरीत, दूरी-समय ग्राफ़ से हम समय के किसी भी क्षण पर बस द्वारा तय की गई दूरी ज्ञात कर सकते हैं। मान लीजिए, हम 8:15 AM पर बस द्वारा चली गई दूरी ज्ञात करना चाहते हैं। इसके लिए हम x- अक्ष पर, उस समय (8:15 AM) के संगत बिंदु अंकित करते हैं (चित्र 9.14)। मान लीजिए वह बिंदु A है। अब हम बिंदु A पर x-अक्ष के लंबवत् (अथवा y-अक्ष के समांतर) एक रेखा खींचते हैं। फिर हम ग्राफ़ के जिस बिंदु T पर यह लंबवत् रेखा ग्राफ़ को काटती है, उस बिंदु पर चिह्न लगाते हैं (चित्र 9.14)। इसके पश्चात् हम T से होकर जाने वाली x-अक्ष के समांतर रेखा खींचते हैं। यह y-अक्ष को बिंदु B पर काटती है। y-अक्ष पर बिंदु B के संगत दूरी, OB हमें 8:15 AM पर बस द्वारा km में तय की गई दूरी प्रदान करती है। यह दूरी km में कितनी है? क्या आप 9:45 AM पर बस द्वारा तय की गई दूरी ज्ञात करने में पहेली की सहायता कर सकते हैं? क्या आप दूरी-समय ग्राफ़ से बस की चाल भी ज्ञात कर सकते हैं?

यह भी पढ़ें : पादप में जनन : अध्याय 8

आपने क्या सीखा

• एकांक समय में किसी वस्तु द्वारा चली गयी दूरी को उसकी चाल कहते हैं।

• वस्तुओं की चाल यह निर्णय लेने में हमारी सहायता करती है कि कौन दूसरों से तेज चल रहा है।

• किसी वस्तु की चाल उसके द्वारा तय की गई दूरी को उस दूरी को चलने में लिए गए समय से विभाजित करने पर प्राप्त होती है। इसका मूल मात्रक मीटर प्रति सेकण्ड (m/s) है।

• आवर्ती घटनाओं का उपयोग समय मापन में किया जाता है। लोलक की आवर्ती गति का उपयोग घड़ियों के बनाने में होता रहा है।

• वस्तुओं की गति को उनके दूरी समय ग्राफ़ द्वारा चित्रात्मक रूप में प्रस्तुत सकता है। किया जा

• नियत चाल से गति करने वाली वस्तु का दूरी-समय ग्राफ़ एक सरल रेखा होता है।

अभ्यास

1. निम्नलिखित गतियों का वर्गीकरण सरल रेखा  के वर्तुल , अनुदिश तथा दोलन गति में कीजिए-

(क) दौड़ते समय आपके समय आपके हाथों की गति

(ख) सीधी सड़क पर गाड़ी को खींचते घोड़े की गति

(ग) ‘मैरी गो राउंड’ झूले में बच्चे की गति

(घ) ‘सी-सॉ’ झूले पर बच्चे की गति

(च) विद्युत घंटी के हथौड़े की गति

(छ) सीधे पुल पर रेलगाड़ी की गति

Ans.
(क) दोलन गति :
दौड़ते समय, हाथ आगे-पीछे चलते हैं और एक निश्चित समय अंतराल के बाद अपनी गति को दोहराते हैं। इसलिए, यह एक दोलन गति है।

(ख) सीधी रेखा अनुदिश : घोड़ा सीधी सड़क पर गाड़ी खींच रहा है। इसलिए, यह एक सीधी रेखा के अनुदिश गति करता है।

(ग) वर्तुल गति : मीरा-गो-राउंड में एक गोलाकार गति होती है। अतः इसके अंदर बैठे बच्चे की भी वृत्ताकार गति होगी

(घ) दोलन गति : ‘सी-सॉ’ झूले पर बैठा बच्चा लगातार ऊपर-नीचे होता रहता है। यह ऊपर-नीचे दोलन करता है। इसलिए, यह एक दोलन गति है।

(व) दोलन गति : हथोड़ा बिजली की घंटी से टकराता है और तेजी से कंपन करता है। इसलिए, यह एक दोलन गति है।

(छ) सरल रेखा गति : ट्रेन एक सीधे पुल पर चल रही है। इसलिए, यह एक सीधी रेखा के अनुदिश गति करता है।

2. निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही नहीं है?

(क) समय का मूल मात्रक सेकंड है। (सही)

(ख) प्रत्येक वस्तु नियत चाल से गति करती है। (गलत)

(ग) दो शहरों के बीच की दूरियाँ किलोमीटर में मापी जाती है। (सही)

(घ) किसी दिए गए लोलक का आवर्तकाल नियत नहीं होता। (गलत)

(च) रेलगाड़ी की चाल m/h में व्यक्त की जाती है। (गलत)

3. कोई सरल लोलक 20 दोलन पूरे करने में 32 s लेता है। लोलक का आवर्तकाल क्या है?
Ans.
दोलन की संख्या = 20 , समय = 32 सेकंड
हम जानते हैं कि,
आवर्त काल = समय : दोलन की संख्या = 32 s / 20 = 1.6 s

4. दो स्टेशनों के बीच की दूरी 240 km है। कोई रेलगाड़ी इस दूरी को तय करने में 4 घंटे लेती है। रेलगाड़ी की चाल परिकलित कीजिए।
Ans.
दूरी = 240 km,  समय = 4 hour
हम जानते हैं कि ,चाल = दूरी / समय = 240 km /4hour = 60 km / hour

5. किसी कार के पथमापी का 08:30 AM पर पाठ्यांक 57321.0 km है। यदि 08:50 AM पर पथमापी का पाठ्यांक परिवर्तित होकर 57336.0 km हो जाता है, तो कार द्वारा चली गयी दूरी कितनी है? कार की चाल km/min में परिकलित कीजिए। इस चाल को km/h में भी व्यक्त कीजिए।
Ans.
ओडोमीटर का शुरुआती पठन = 57321.0 km
ओडोमीटर का अंतिम पठन = 57336.0 km
शुरुआती समय = 08:30 AM
अंतिम समय = 08:50 AM

इसलिए,

दूरी = ओडोमीटर का अंतिम पठन – ओडोमीटर का अंतिम पठन
= 57336.0 km – 57321.0 km = 15 km

कुल समय = अंतिम समय – शुरुआती समय
= 08:50 AM – 08:30 AM = 20 minutes

20 minutes = 20 / 60 hour = 1 / 3 hour

हम जानते है कि ,
चाल = दूरी / समय
= 15 km / 20 minutes
= 15 ÷ 1/3
= 15 × 3
= 45 km/hour

6. सलमा अपने घर से साइकिल पर विद्यालय पहुँचने में 15 मिनट लेती है। यदि साइकिल की चाल 2m/s है, तो घर से विद्यालय की दूरी परिकलित कीजिए।
Ans.
  दिया गय है कि ,
चाल = 2 m/s
समय = 15 minute = 900 s
दूरी = ?
हम जानते हैं कि ,
दूरी = चाल × समय
= 2 m/s x 900 s
= 1800 m
= 1800 /1000 km
= 1.8 km

7. निम्नलिखित स्थितियों में गति के दूरी-समय ग्राफ़ की आकृति दर्शाइए-

(क) नियत चाल से गति करती कार

(ख) सड़क के किनारे खड़ी कोई कार

Ans. स्वयं करें

8. निम्नलिखित में कौन-सा संबंध सही है?

(क) चाल = दूरी × समय

(ख) चाल = दूरी/समय

(ग) चाल = समय/दूरी

(घ) चाल = 1/दूरी × समय

Ans. चाल = दूरी/समय

9. चाल का मूल मात्रक है-

(क) km/min

(ख) m/min

(ग) km/h

(घ) m/s

Ans. m/s

10. कोई कार 40 km/h की चाल से 15 मिनट चलती है, इसके पश्चात् वह 60 km/h की चाल से 15 मिनट चलती है। कार द्वारा तय की गई कुल दूरी होगी-

(क) 100 km

(ख) 25 km

ग) 15 km

(घ) 10 km

Ans. 25 km

केस ।

कार की गति = 40 किमी/घंटा
लिया गया समय = 15 मिनट = 15/60 = 0.25 घंटे
गति = तय की गई दूरी / समय लिया गया
तय की गई दूरी, d₁ = गति × लिया गया समय
= 40 x 0.25 = 10 किमी

केस ।।

कार की गति = 60 किमी/घंटा
लिया गया समय = 15 मिनट = 15/60 = 0.25 h
गति = तय की गई दूरी / समय लिया गया
तय की गई दूरी, d2 = गति × लिया गया समय
= 60 x 0.25 = 15 किमी

कार द्वारा तय की गई कुल दूरी d = d₁ + d2 = 10 + 15 = 25 किमी
अतः कार द्वारा तय की गई कुल दूरी 25 किमी है।

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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