(दस ग्यारह साल की एक लड़की)
गोल हैं खूब मगर
आप तिरछे नज़र आते हैं जरा।
आप पहने हुए हैं कुल आकाश
तारों-जड़ा;
सिर्फ़ मुँह खोले हुए है अपना
गोरा-चिट्टा
गोल-मटोल,
अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त।
आप कुछ तिरछे नज़र आते हैं जाने कैसे खूब हैं गोकि !
वाह जी, वाह !
हमको बुद्ध ही निरा समझा है!
हम समझते ही नहीं जैसे कि
आपको बीमारी है:
आप घटते हैं तो घटते ही चले जाते हैं,
और बढ़ते हैं तो बस यानी कि
बढ़ते ही चले जाते हैं-
दम नहीं लेते हैं जब तक बिलकुल ही
गोल न हो जाएँ,
बिलकुल गोल।
यह मरज़ आपका अच्छा ही नहीं होने में… आता है।
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प्रश्न-अभ्यास
1. ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि-
(क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
(ख) चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है। तुम किसे सही मानते हो?
Ans. लड़की यह बताना चाहती है कि संपूर्ण आकाश तुम्हारे चारों ओर है ऐसा लगता है जैसे यह संपूर्ण आकाश ही तुम्हारा वस्त्र है, जिस पर सितारे जड़े हैं।
2. कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और उसका कारण भी बताओ।
दिन | कारण |
पूर्णिमा | चांद पूरी तरह गोल नजर आता है। |
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच | चांद तिरछा नजर आता है। |
प्रथमा से अष्टमी के बीच | चांद बहुत पतला नजर आता है। |
3. नयी कविता में तुक या छंद के बदले बिंब का प्रयोग अधिक होता है। बिंब वह तसवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तसवीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बने। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बिलकुल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।
Ans. चांद , गोल-मटोल, तिरछे।
अनुमान और कल्पना
1. कुछ लोग बड़ी जल्दी चिढ़ जाते ते हैं। यदि चाँद का स्वभाव भी आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह किन बातों से सबसे ज्यादा चिढ़ेगा? चिढ़कर वह उन बातों का क्या जवाब देगा? अपनी कल्पना से चाँद की ओर से दिए गए जवाब लिखो।
Ans. यदि चाँद का स्वभाव आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह तिरछे कहे जाने पर जरूर चिढ़ेगा। घटने-बढ़ने की बीमारी की बात सुनकर भी उसे बहुत गुस्सा आएगा। वह चिढ़कर यही जवाब देगा कि वह तिरछा नहीं है और ना ही उसे घटने-बढ़ने की बीमारी है, यह हमारी नजर का फेर है कि वह हमें तिरछा नजर आता है। शायद वह हमें यह भी कहेगा कि अपनी नजर ठीक करवाने के लिए डॉक्टर के पास जाकर चश्मा लगवा लो।
2. यदि कोई सूरज से गप्पें लगाए तो वह क्या लिखेगा? अपनी कल्पना से गद्य या पद्म में लिखो। इसी तरह की कुछ और गप्पें निम्नलिखित में से किसी एक या दो से करके लिखो-
पेड़
बिजली का खंभा
सड़क
पेट्रोल पंप
Ans
(क) सूरज से गप्पें-
अरे सूरज भाई,
इतने क्यों नाराज हो,
पता नहीं तुम
सभी को जलाए जाते हो
तपाते हो दुनिया को जी भर,
झुलसा देते हो, पेड़ से गप्पेंऐ!
कभी लाल तो कभी सफ़ेद चाँदी से
नज़र आते हो।
तुम सदा ऊपर जाने देते हो
बड़े-बड़े वाहने
क्या तुम कैसे इतना
पीड़ा सहते हो?
(ख) पेड़ से गप्पें –
ए! पेड़ तुम हो
कितने कल्याणकारी! छाया देते हो,
भोजन देते हो, वर्षा का हो आधार।
(ग) सड़क-
हे सड़क !
तुम कितनी शक्तिशाली हो? तुममें इतनी सहनशीलता कहाँ से आई है।
(घ) पेट्रोल पंप
हे पेट्रोल पंप! तुम्हारे अंदर कितना तेल समाया है?
यह कभी खत्म होने का नाम नहीं लेता।
तेरे कारण सारी दुनिया सड़कों पर दौड़ रही है।
तुममें यह शक्ति कहाँ से आई है?
(ङ) बिजली का खंभा-
हे बिजली के खंभे।
सिर पर तारों का जाले
तुम क्यों लंबे खड़े हो
करंट मारते खूब हो।
भाषा की बात
1. चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है। नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि-
(क) कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं।
(ख) इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो-
गुलाबी पगड़ी ठंडी रात
मखमली घास जंगली फूल
कीमती गहने कश्मीरी भाषा
Ans. ये सभी विशेषण ई प्रत्यय जुड़ने से बने हैं। गुलाबी पगड़ी, मखमली घास, कीमती गहने, ठंडी खीर, जंगली जानवर, कश्मीरी कन्या।
2. • गोल-मटोल • गोरा-चिट्टा
कविता में आए शब्दों के इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है, जबकि मटोल अपने-आप में कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है। ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
Ans.
• खाना-वाना-खाना-वाना तो अच्छा ही बना है।
• चाय-वाय-यहाँ चाय-वाय का प्रबंध नहीं है।
• पानी-वानी- उसने मुझे पानी-वानी भी नहीं पिलाया।
• मोल-तोल- दुकानदार से मोल-तोल करके ही सौदा लेना।
3. ‘बिलकुल गोल’ कविता में इसके दो अर्थ हैं-
(क) गोल आकार का
(ख) गायब होना!
ऐसे तीन और शब्द सोचकर, उनसे ऐसे वाक्य बनाओ जिनके दो-दो अर्थ निकलते हों।
Ans.
(क) पत्र –
(i) (पत्ता) वसंत में वृक्षों से पत्र झरने लगते हैं।
(ii) (चिठ्ठी) आज दादी जी का पत्र आया था।
(ख) अंबर –
(i) (वस्त्र) विष्णु भगवान पीतांबर धारण करते हैं।
(ii) (आकाश) चाँदनी रात में अंबर की शोभा निराली होती है।
(ग) कनक –
(i) (सोना) यह हार कनक से बना है।
(ii) (धतूरा) कनक खाने से आदमी पागल हो जाता है।
4. ताकि, जबकि, चूँकि, हालाँकि कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।
Ans.
(क) ताकि –
(i) आयुष मेहनत कर रहा है ताकि परीक्षा में प्रथम आ सके।
(ii) तुम दवाई खा लो ताकि सुबह स्कूल जा सको।
(ख) जबकि –
(i) मदन ने राजेश की मदद की जबकि दोनों में शत्रुता थी।
(ii) राजा भागा हुआ आया जबकि काफ़ी धूप हो रही थी।
(ग) चूँकि –
(i) चूंकि मैं बीमार हूँ इसलिए काम पर नहीं आ सकता।
(ii) चूँकि उसे विद्यालय जाना था इसलिए वह जल्दी घर चला गया।
(घ) हालाँकि –
(i) हालाँकि इस साल वर्षा कम हुई परंतु फ़सल फिर भी अच्छी हुई।
(ii) हालाँकि तुम ठीक कहते हो परंतु लोग नहीं मानते।
FAQs
Q1. चाँद की पोशाक की क्या विशेषता है?
Ans. आकाश के चारों तरफ फैली हुई है।
Q2. कवि के अनुसार चाँद को क्या बीमारी है?
Ans. तिरछे रहने की।
Q3. लड़की चाँद के घटने बढ़ने का क्या कारण बताती है।
Ans. लड़की कहती है कि चाँद किसी बीमारी से ग्रस्त होने के कारण घटता बढ़ता है।
Q4. यह मरज़ आपको अच्छा ही नहीं होने में आता है, का आशय स्पष्ट कीजिए।
Ans. चाँद पंद्रह दिन अमावस्या के अगले दिन से लेकर पूर्णिमा तक बड़ा होता है। पूर्णिमा के अगले दिन से अमावस्या तक फिर छोटा होता चला जाता है। चाँद को यह क्रम निरंतर चलता रहता है?
Q5. हमको बधू ही निरा समझा है। कहकर लड़की क्या चाहती है?
Ans. लड़की यह कहना चाहती है कि सारा आकाश तुम्हारे चारों ओर है ऐसा लगता है जैसे यह संपूर्ण आकाश ही तुम्हारे वस्त हैं।
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