मैं सबसे छोटी होऊँ : अध्याय 11

मैं सबसे छोटी होऊँ

मैं सबसे छोटी होऊँ,तेरी गोदी में सोऊँ,तेरा अंचल पकड़ पकड़करफिरूँ सदा माँ! तेरे साथ,कभी न छोहूँ तेरा हाथ !बड़ा बनाकर पहले हमकोतू पीछे छलती है …

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झाँसी की रानी : अध्याय 8

झाँसी की रानी

सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फ़िरंगी …

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टिकट – अलबम : अध्याय 7

टिकट - अलबम

अब राजप्पा को कोई नहीं पूछता। आजकल सब के सब नागराजन को घेरे रहते। ‘नागराजन घमंडी हो गया है’, राजप्पा सारे लड़कों में कहता फिरता। …

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ऐसे-ऐसे : अध्याय 6

ऐसे-ऐसे

पात्र-परिचय मोहन : एक विद्याधरदीनानाथ : एक पड़ोसीमाँ : मोहन की माँपिता : मोहन के पितामास्टर : मोहन के मास्टर जी।वैद्य जी, डॉक्टर तथा एक …

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साथी हाथ बढ़ाना : अध्याय 5

साथी हाथ बढ़ाना

साथी हाथ बढ़ानाएक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।साथी हाथ बढ़ाना। हम मेहनतवालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ायासागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस …

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चाँद से थोड़ी-सी गप्पें : अध्याय 4

चाँद से थोड़ी-सी गप्पें

(दस ग्यारह साल की एक लड़की) गोल हैं खूब मगरआप तिरछे नज़र आते हैं जरा।आप पहने हुए हैं कुल आकाशतारों-जड़ा;सिर्फ़ मुँह खोले हुए है अपनागोरा-चिट्टागोल-मटोल, …

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नादान दोस्त : अध्याय 3

नादान दोस्त

केशव के घर कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। केशव व और उसकी बहन श्यामा दोनों बड़े ध्यान से चिड़िया को वहाँ …

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बचपन : अध्याय 2

बचपन

मैं तुम्हें अपने बचपन की ओर ले जाऊँगी। मैं तुमसे कुछ इतनी बड़ी हूँ कि तुम्हारी दादी भी हो सकती हूँ, तुम्हारी नानी भी। बड़ी …

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